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मप्र में 2000 मेडिकल सीटें बढ़ेंगी: सड़क निर्माण के लिए 12 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे; 30 हजार स्टार्टअप व 4 लाख एमएसएमई ले सकेंगे ज्यादा कर्ज – Bhopal News

केंद्रीय बजट के मुताबिक देशभर में अगले 5 साल में मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी। मप्र में भी मेडिकल शिक्षा का विस्तार हो रहा है। अगले एक साल में यहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या 21 हो जाएगी, और 12 नए कॉलेज खुलेने से राज्य को 2,000 अतिरि

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इसके अलावा, अगले 3 सालों में हर जिले में कैंसर सेंटर खोलने की योजना है, जिससे मध्यप्रदेश को भी एक सेंटर मिलने की संभावना है। देशभर में 200 डे केयर सेंटर खोले जाएंगे, जिनमें से कुछ मप्र को भी मिल सकते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए राज्य को सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्वर फंड से 2,800 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस वित्तीय वर्ष में करीब 12,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट मिलेगा।

बजट में केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा बढ़ने का फायदा भी मप्र को मिलने वाला है। मप्र ने 2024-25 के बजट में अनुमान लगाया था कि 95 हजार 753 करोड़ रुपए केंद्रीय करों में हिस्सेदारी का पैसा मिलेगा। बजट में यह राशि बढ़कर एक लाख 1000 करोड़ रुपए हो गई। यह वर्ष 2025-26 में बढ़कर 1 लाख 11 हजार 661 करोड़ रुपए हो जाएगी।

मप्र को यह राशि राहत देगी, क्योंकि मुफ्त स्कीम के तहत लाड़ली बहना योजना में ही हर माह करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए का भार खजाने पर पड़ रहा है। रिवा​इज एस्टीमेट के तहत भी मप्र को केंद्र से अतिरिक्त पैसा मिल सकता है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूंजीगत कार्यों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के रूप में 12 हजार करोड़ रुपए मिलने की संभावना है। केंद्रीय बजट में इसे निरंतर कर दिया गया है। यानि यह विशेष केंद्रीय सहायता आगे भी जारी रहेगी।

केंद्र की गारंटी पर 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण के साथ मप्र अतिरिक्त कर्ज भी ले सकेगा। यह एफआरबीएम की तीन प्रतिशत की लिमिट से 0.5% ज्यादा होगा। बिजली कंपनियों की स्थिति मजबूत करने के लिए राज्यों को जीएसडीपी का 0.5% अतिरिक्त कर्ज लेने की सुविधा होगी। भारत को फूड बॉस्केट बनाने का लक्ष्य है। युवाओं को रोजगार भी देना है। दोनों मामलों में मप्र केंद्र से राशि ला सकेगा।

सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 की नवीन योजना लागू हुई है। मप्र के 8 आकांक्षी जिलों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। खासतौर पर किशोरी बालिकाओं के लिए केंद्र से पैसा मिलेगा। पीएम धन धान्य योजना: देश के 100 जिलों में पीएम धन्य-धान्य योजना लागू होगी। इसमें कुछ जिले मप्र के हो सकते हैं।

एक लाख करोड़ के अर्बन चैलेंज फंड से मप्र को पैसा मिलेगा। यह शहरीकरण और इंफ्रा को बढ़ाने में काम आएगा। बजट में मप्र के पंजीकृत 12 लाख स्ट्रीट वेंडरों को फायदा मिलने वाला है। पीएम स्वनिधि के तहत फायदा मिलने वाला है।

4 साल मियाद बढ़ाई… मप्र के 36 लाख घरों तक और पहुंच सकेगा नल से जल

  • मप्र के 36 लाख घरों में अब नल से जल पहुंचने की उम्मीद बढ़ गई है। केंद्र ने बजट में जल जीवन मिशन की मियाद 2028 तक बढ़ा दी है। पहले यह 2024 तक थी। मिशन की मियाद को बढ़ाने से मप्र को केंद्र में अटके 6600 करोड़ के साथ 20 हजार करोड़ रु. 2028 तक मिल जाएंगे।
  • मप्र में 1 करोड़ 11 लाख परिवारों तक नल से जल पहुंचना है। पीएचई का दावा है कि 75 लाख लोगों को नल सुविधा मिल गई है। अब बचे हुए घर 2028 तक पूरे कर लिए जाएंगे। सिंगल विलेज स्कीम को इसी वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। मल्टीपल विलेज का काम आगे बढ़ेगा।

केन-बेतवा, पीकेसी के लिए 2400 करोड़

  • स्टार्टअप वर्तमान कर्ज सीमा को 10 से बढ़ाकर 20 करोड़ किया है। मप्र में इनकी संख्या करीब 30 हजार है।
  • एयरपोर्टः 10 साल में 120 नए एयरपोर्ट, 120 नए एयर रूट बनेंगे। इनमें मप्र के कुछ शहरों का चयन हो सकता है। साथ ही 88 एयरपोर्ट उड़ान योजना से जुड़ेंगे।
  • सस्ते मकानः 50 हजार सस्ते मकान तथा सबको घर उपलब्ध कराने की योजना पर कार्य से मन को अतिरिक्त राशि मिलेगी।
  • मप्र की केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) नदी जोड़ परियोजना के लिए मप्र को इस बार काफी पैसा मिल सकता है। केंद्र ने इसका बजट 400 करोड़ बढ़ा दिया है। पिछले साल 4000 करोड़ रखा था, लेकिन बाद में रिवाइज बजट 2000 करोड़ कर दिया ।। इस बार रिवाइज बजट की तुलना में 400 करोड़ रुपए बढ़ाए गए हैं।
  • मप्र दलहन और तिलहन में बाकी राज्यों से आगे है। बजट में तुअर, उड़द और मसूर उत्पादन के लिए विशेष पैकेज का ऐलान हुआ है। साफ है कि मप्र को इस स्कीम में ज्यादा से ज्यादा पैसा मिलेगा। साथ ही नाफेड और एनसीसीएफ पूरी फसल की खरीदी करेंगे। दलहन उत्पादन में मप्र का 23% योगदान है।

केसीसी… 70 लाख किसानों को फायदा मप्र में किसान क्रेडिट कार्ड धारक (केसीसी) कृषकों की संख्या करीब 70 लाख है। अभी उन्हें केसीसी के तहत 3 लाख तक का कर्ज मिलता था। इसे बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। बजट में डेयरी व मत्स्य उत्पादन करने वाले किसानों को भी शामिल किया है। यह संख्या 7.50 लाख है।

9 हजार स्कूल… ब्रॉड बैंड की सुविधा मप्र में 10वीं-12वीं कक्षा वाले सरकारी माध्यमिक स्कूलों में ब्रॉड बैंड की सुविधा मिलने वाली है। यह संख्या 9000 के करीब है। स्कूलों को 2019 तकनीकी रूप से अपग्रेड करने का बजट अब केंद्र से ही मिल जाएगा। यही सुविधा 1442 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी मिलने वाली है।

एमएसएमईः 10 करोड़ तक कर्ज मिलेगा एमएसएमई 5 की बजाए अब 10 करोड़ तक का कर्ज मिलेगा। छोटे कारोबारियों को 5 लाख तक क्रेडिट कार्ड। नए उद्योगपतियों के लिए 2 करोड़ तक कर्ज की व्यवस्था हुई है। प्रदेश में रजिस्टर्ड एमएसएमई उद्योगों की संख्या 4 लाख के आसपास है।

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