राजस्थान के इस 18 वर्षीय शटलर ने किया कमाल, चार कटेगिरी में शीर्ष पर हुए काबिज, पिता के सपने को कर रहे साकार
Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:
Badminton Player Sanskar Success Story: जोधरपुर के रहने वाले संस्कार देश के टॉप टेन शटलर्स में से एक हैं. संस्कार को विरासत में बेडमिंटन खेल मिला है. इनके पिता भी इसी खेल में स्टेट चैंपियन रह चुके हैं. 18 वर्षी…और पढ़ें
जोधपुर. आपने फिल्म दंगल जरूर देखी होगी, इसमें आमिर खान देश के लिए गोल्ड नहीं ला पाते हैं. लेकिन उनका सपना होता है कि एक ना एक दिन उनके बच्चे देश के लिए गोल्ड जरूर लेकर आएंगे. इसी फिल्म से मिलती-जुलती एक रियल लाइफ स्टोरी हम आपको बताएंगे, जिसमें आमिर खान का किरदार राज सारस्वत और गीता-बबीता का किरदार राज सारस्वत के पुत्र संस्कार सारस्वत और उनकी पुत्री एश्वर्या सारस्वत निभा रहे हैं. जोधपुर के संस्कार सारस्वत ने देश के टॉप-10 शटलर्स में अपना स्थान तक बना लिया है.
संस्कार के पिता राज सारस्वत नेशनल चैंपियन रह चुके हैं. ऐसे में उन्होंने बचपन से संस्कार को उसी अनुरूप ट्रेनिंग भी दी है. 18 वर्षीय संस्कार सारस्वत ने राजस्थान का मान पूरे देश में बढाने का काम किया है. बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की नई वरियता सूची में संस्कार 4 कैटेगरी में टॉप-10 रैंक में शामिल हो चुके है.
देश के टॉप टेन शटलर में शामिल हैं सस्कार
संस्कार को अंडर-19 बालक एकल वर्ग में प्रथम, युगल में दूसरी, पुरूष एकल में 9वीं और युगल वर्ग में 7वीं रैंक मिली है. राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी खिलाड़ी को 4 वर्गों में एक साथ टॉप रैंक मिली हो. संस्कार ने सीनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष युगल का खिताब अपने नाम किया था. पंचकुला में सितम्बर में 31वीं कृष्णा खेतान स्मृति अखिल भारतीय जूनियर रैंकिंग स्पर्धा और भुवनेश्वर में नवम्बर में 47वीं राष्ट्रीय जूनियर बैडमिंटन स्पर्धा में 19 वर्ष बालक युगल खिताब जीत चुके है. संस्कार ने राजस्थान सीनियर बैडमिंटन स्पर्धा में भी दोहरी सफलता हासिल की. संस्कार हैदराबाद में हुई तेलंगाना अंतरराष्ट्रीय चैलेंज बैडमिंटन स्पर्धा व इस स्पर्धा में बेंगलुरु में ही पुरुष एकल में क्वार्टर फाइनल तक खेले. संस्कार राष्ट्रीय स्तर के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी राज सारस्वत के बेटे हैं.
इंडोनेशिया में देश को कर चुके रिप्रजेंट
इंडोनेशिया में आयोजित एशियन जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप में राजस्थान के संस्कार सारस्वत भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है. राजस्थान के बैडमिंटन इतिहास में यह पहला मौका है, जब कोई खिलाड़ी 19 वर्ष आयु वर्ग की भारतीय बैडमिंटन टीम में चुना गया. राज सारस्वत ने बताया कि खुद नेशनल लेवल का बैडमिंटन प्लेयर रह चुके हैं. देश के लिए इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भी शिरकत कर चुके हैं. एक सोच थी कि बेटे को अच्छे प्लेयर के तौर पर तैयार करें. संस्कार में छोटी सी उम्र से ही सीखने की समझ अच्छी थी. आठ साल की उम्र में संस्कार ने राजस्थान अंडर-10 खेला, उसके बाद कई खिताब हासिल किए. संस्कार अंडर-13 और अंडर-15 में इंडिया में टॉप पर रहा. इंटरनेशनल लेवल पर देश का नाम रोशन करे यही सपना है.
संस्कार के डाइट का मां ने रखा पूरा ख्याल
संस्कार की मां होम्योपैथिक नर्सिंग ऑफिसर हैं. ऐसे में संस्कार के डाइट शेड्यूल से लेकर मेडिसिन इत्यादि का बचपन से ही ध्यान रखती आई है. डॉ. अनिता सारस्वत बताती है कि बच्चे में गेम के प्रति इतना रुझान था कि गेम के लिए समझाते थे कि गेम के लिए ये डाइट है, वह उसको ही फॉलो करता था. संस्कार सारस्वत ने बताया कि बचपन से पूरे परिवार से अच्छा सपोर्ट मिला है. सबसे पहला टारगेट यही है कि पिता के सपने को साकार करते हुए इंटरनेशनल खेलें और देश के लिए गोल्ड मेडल जीतें. संस्कार ने बताया कि पूरा परिवार बैडमिंटन में नेशनल लेवल के खिलाडी रह चुके हैं. उन्हीं को देखकर रूझान जगा और बड़ों के ही नक्शे कदम पर चल पड़े. जिला से लेकर नेशनल स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया और अब इंटरनेशनल की बारी है.
कोविड के दौरान भी संस्कार का चलता रहा ट्रेनिंग
राज सारस्वत बताते है कि कोविड में कोई भी चीज को टच करना मुश्किल था. जब हल्की राहत लॉकडाउन में मिली थी, उस वक्त स्पोर्ट्स एकेडमी में बस गए, ताकि इसकी ट्रेनिंग बराबर चलती रहेगी. 2020 में यहीं शिफ्ट हुए और डेढ साल तक कोविड के समय यहीं रहे. उस समय में लॉकडाउन में आना- जाना अलाउ नहीं था. दोनो हम पति-पत्नी को कोविड भी हो गया था, उसके बाद घर शिफ्ट होकर खुद को आइसोलेट कर लिया. मगर जैसे ही ठीक हुए पुन: ट्रेनिंग शुरू की. उसका फायदा यह हुआ कि जब कोविड के बाद ऑल इंडिया अंडर-17 में बेहतर प्रदर्शन कर संस्कार ने गोल्ड मेडल जीता. कोविड के दौरान जो ट्रेनिंग की गई, उसका अच्छा बेनिफिट मिला. सोच यही था कि संस्कार का ट्रेनिंग बाधित ना हो.
संस्कार को विरासत में मिला है खेल
संस्कार को खेल विरासत में ही मिल गया. संस्कार के परिवार में उसके पिता, दादा व बुआ खिलाड़ी रहे. संस्कार के पिता राज सारस्वत बैडमिंटन में स्टेट चैम्पियन रह चुके हैं. बुआ भी बैडमिंटन खिलाड़ी व दादा ओमप्रकाश बॉक्सर रहे हैं. संस्कार ने 5 साल की उम्र से ही खेलना शुरू कर दिया और अपने पिता के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत की. दिन में 3-4 घंटे एक्सरसाइज व 5-6 घंटे बैडमिंटन प्रेक्टिस की. इससे पहले अंडर-14 में संस्कार ने स्वर्ण पदक जीता था.
January 15, 2025, 14:08 IST
राजस्थान के इस 18 वर्षीय शटलर ने किया कमाल, चार कटेगिरी में शीर्ष पर हुए काबिज
[full content]
Source link
#रजसथन #क #इस #वरषय #शटलर #न #कय #कमल #चर #कटगर #म #शरष #पर #हए #कबज #पत #क #सपन #क #कर #रह #सकर