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बर्फीली हवाओं की चपेट में एमपी: फरवरी में पहली बार 22° से नीचे पारा, पचमढ़ी सबसे ठंडा; भोपाल-इंदौर में भी लुढ़का – Bhopal News

उत्तर भारत में बर्फबारी होने से मध्यप्रदेश एक बार फिर सर्द हवाओं की चपेट में है। गुरुवार को इंदौर समेत कई शहरों में हवा 34 से 36 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली, जो आम दिनों की तुलना में 3-4 गुना अधिक रही। वहीं, फरवरी में पहली बार दिन का पारा 22 डिग्

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मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। शनिवार को 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया, बुधवार से ही हवा की दिशा उत्तरी हो गई। उत्तर भारत में बर्फबारी होने से हवा की रफ्तार बढ़ गई।

गुरुवार को भोपाल में 18 से 20 किमी और इंदौर एयरपोर्ट पर 34 से 35 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से बची। अमूमन यह 6 से 8 किमी प्रतिघंटा रहती है। शुक्रवार को भी हवा की गति तेज रहेगी। इससे ठिठुरन बनी रहेगी।

पचमढ़ी में 21.6 डिग्री रहा पारा, भोपाल-इंदौर में भी गिरावट

बर्फीली हवा चलने की वजह से गुरुवार को दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 21.6 डिग्री दर्ज किया गया। रायसेन में 23.2 डिग्री, धार में 23.7 डिग्री, नौगांव-रीवा में 24 डिग्री, सिवनी में 24.2 डिग्री, सीधी में 24.4 डिग्री, उमरिया-सागर में 25.1 डिग्री, सतना में 25.3 डिग्री, दमोह-गुना में 25.5 डिग्री और बैतूल में 25.7 डिग्री रहा।

बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 25.8 डिग्री, इंदौर में 23.5 डिग्री, ग्वालियर में 25.4 डिग्री, उज्जैन में 25 डिग्री और जबलपुर में 23.8 डिग्री दर्ज किया गया। इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात में भी पारे में गिरावट देखने को मिली। इस वजह से पारा फिर से 10 डिग्री से नीचे आ गया।

अगले 2 दिन ऐसा मौसम 7 फरवरी: सर्द हवा की वजह से दिन के तापमान में गिरावट का दौर जारी रहेगा। कई शहरों में पारा 25 डिग्री से नीचे रहेगा। 8 फरवरी: अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

इस वजह से बदला मौसम

पश्चिम-उत्तर भारत में गुरुवार को 12.6 किमी ऊपर 231 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवा चली। इस वजह से प्रदेश में भी कंपकंपी देखने को मिली। यहां बर्फबारी होने का असर भी देखने को मिला।

8 फरवरी से नया सिस्टम, 10 के बाद दिखेगा असर

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम वैज्ञानिक यादव ने बताया, सिस्टम की वजह से दिन-रात के तापमान में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है।

फरवरी में 10 साल का ट्रेंड, तीनों मौसम का असर

प्रदेश में पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो फरवरी महीने में रातें ठंडी और दिन गर्म रहते हैं। बारिश का ट्रेंड भी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के पार रहेगा, जबकि रात में 10 से 14 डिग्री के बीच रह सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी में सबसे ज्यादा ग्वालियर ठिठुरता है। पिछले साल यहां न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंचा था, लेकिन इससे पहले 5 डिग्री के नीचे ही रहा है। जबलपुर में दिन में गर्मी और रात में ठंड रहती है।

दैनिक भास्कर ने प्रदेश के 5 बड़े शहर- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में फरवरी के मौसम के मिजाज के बारे में समझा।

जानते हैं, ठंड के लिहाज से कैसा रहता है फरवरी…

इस बार 2 महीने कड़ाके की ठंड, जनवरी में मिला-जुला असर

इस बार शुरुआती दो महीने यानी, नवंबर और दिसंबर में कड़ाके की ठंड पड़ी। ठंड ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। नवंबर की बात करें तो भोपाल में 36 साल का रिकॉर्ड टूटा। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा।

वहीं, दिसंबर में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ा। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन शीतलहर चली। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए गए।

अब बात जनवरी की। शुरुआत 10 से 15 दिन तक कड़ाके की ठंड का दौर रहा, लेकिन फिर तेवर ठंडे हो गए। ठंड के दो दौर आए, जबकि तीन बार मावठा गिरा। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया, जनवरी में ठंड का असर जरूर रहा, लेकिन पिछले 10 साल के ट्रेंड के अनुसार तेज सर्दी नहीं पड़ी।

पश्चिमी विक्षोभ की स्ट्रॉन्ग एक्टिविटी नहीं होने से तेज बारिश का दौर नहीं रहा। न ही ओले गिरे, जबकि जनवरी में ओला-बारिश का दौर भी रहता है।

MP के 5 बड़े शहरों में फरवरी में ऐसा रहा सर्दी का ट्रेंड…

भोपाल में रातें ठंडी रहती है, दिन गर्म

राजधानी भोपाल में रातें ठंडी रहती हैं, जबकि दिन गर्म। साल 2015 से 2024 के बीच 4 साल दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री के पार पहुंच गया। रात में 7 साल पारा 10 डिग्री से कम दर्ज किया गया। इस महीने बारिश होने का भी ट्रेंड है। हालांकि, 10 साल में सिर्फ 3 बार ही पानी गिरा है।

रिकॉर्ड की बात करें तो 11 फरवरी 1950 को रात का पारा 1.7 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। 22 फरवरी 2006 को अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री रहा था। साल 1986 को एक महीने में 2 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।

इंदौर में बारिश का ट्रेंड नहीं

फरवरी के महीने में इंदौर में बारिश होने का ट्रेंड नहीं है। 2015 में बूंदाबांदी जरूर हुई थी। दूसरी ओर, दिन में अधिकतम तापमान 32 डिग्री के पार ही रहता है। 2019 में तापमान 35 डिग्री दर्ज किया गया था। यहां रात में पारा 10 डिग्री के नीचे रहता है। हालांकि, पिछले साल यह 12 डिग्री रहा था।

यहां 1 फरवरी 1929 को रात का पारा रिकॉर्ड 2.8 डिग्री पहुंच चुका है। दिन में 37.9 डिग्री रहा था, जो 22 फरवरी 2006 को दर्ज हुआ था। इंदौर में साल 2001 में पूरे महीने करीब दो इंच बारिश भी हो चुकी है।

ग्वालियर में कड़ाके की ठंड

ग्वालियर में तेज ठंड का ट्रेंड रहता है। इसकी वजह यहां सीधे उत्तरी हवाएं आना है। वर्ष 2018 में 1.9 डिग्री, 2019 में 2.4 डिग्री, 2022 में 2.9 डिग्री और 2023 में पारा 2.3 डिग्री तक पहुंच चुका है। 10 साल में एक बार भी पारा 7 डिग्री से ज्यादा नहीं रहा।

दूसरी ओर, 7 फरवरी 1974 को रात में पारा 0.3 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। 27 फरवरी 2014 को दिन का तापमान रिकॉर्ड 37.2 डिग्री पहुंच चुका है। वहीं, वर्ष 1898 में इस महीने में करीब 4 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में भी बदला रहता है मौसम

जबलपुर में भी मौसम बदला रहता है। फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री से अधिक रहता है, जबकि रात में तापमान न्यूनतम 11 डिग्री के आसपास रहता है। पिछले साल बारिश नहीं हुई थी, लेकिन इससे पहले फरवरी में बारिश होने का ट्रेंड रहा है। रिकॉर्ड की बात करें तो 2 फरवरी 1905 को न्यूनतम तापमान 0 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 फरवरी 1966 को दिन का तापमान 37.6 डिग्री रहा था।

साल 1942 को पूरे महीने करीब 6 इंच बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 27 फरवरी 1987 को दर्ज हुआ था। इस दिन 131.7 मिमी यानी, 5 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी।

उज्जैन में गर्मी, बारिश और ठंड का दौर

उज्जैन में गर्मी और ठंड के साथ बारिश भी होती है। दिन में अधिकतम तापमान 30 डिग्री के पार ही रहता है, जबकि रात में न्यूनतम पारा 10 डिग्री से कम दर्ज किया जाता है। हालांकि, इस बार फरवरी की शुरुआत में रात का पारा 10 डिग्री से अधिक ही है।

पिछले 4 साल से फरवरी में बारिश भी नहीं हुई है। 1 फरवरी 2008 की रात में पारा रिकॉर्ड 1 डिग्री रहा था। वहीं, दिन का तापमान 39 डिग्री पहुंच चुका है। 2002 में पूरे महीने 2 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।

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