चीन के पहले चांद मिशन में शामिल रहे प्रमुख साइंटिस्ट ओउयांग जियुआन ने कहा है कि ऐसा कहना गलत होगा कि भारत का चंद्रयान चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड हुआ है। SCMP की रिपोर्ट के अनुसार, साइंटिस्ट ने कहा, ‘यह न तो साउथ पोल पर था, न ही साउथ पोलर क्षेत्र में था, और न ही अंटार्कटिक पोलर क्षेत्र में था। यह दक्षिणी गोलार्ध में लैंड हुआ है।’ ओउयांग जियुआन चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के मेंबर हैं, और उन्होंने Science Times को एक बयान में यह बात कही है।
साइंटिस्ट का कहना है कि चंद्रयान-3 रोवर दक्षिण में 69 डिग्री अक्षांश पर लैंड हुआ है। यह क्षेत्र चांद के दक्षिणी गोलार्ध में जरूर है, लेकिन पोल पर नहीं है। जबकि चांद का पोलर क्षेत्र 88.5 से 90 डिग्री के बीच माना जाता है। कहा गया है कि धरती, सूर्य के संदर्भ में अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इस लिहाज से धरती का साउथ पोल 66.5 और 90 डिग्री के बीच माना जाता है। अब चूंकि चांद अपनी धुरी पर केवल 1.5 डिग्री ही झुका है इसलिए इसका पोलर क्षेत्र भी बहुत छोटा है।
वहीं, यूरोपियन स्पेस ऐजेंसी का कहना है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग को सटीक साउथ पोल पर नहीं कहा जा सकता है। साउथ पोल पर लैंडिंग बहुत ही मुश्किल है क्योंकि यह शेक्लेटॉन क्रेटर (Shackleton crater) के क्षेत्र में आता है। नासा ने चांद के पोलर क्षेत्र को 80 से 90 डिग्री के बीच बताया है। इस लिहाज से भी चंद्रयान-3 पोलर क्षेत्र के बाहर ही लैंड हुआ है। लेकिन यह लैंडिंग बहुत ऊंचे अक्षांश पर हुई बताई गई है जहां अबतक कोई देश नहीं पहुंच पाया है।
Congratulations @isro on your successful Chandrayaan-3 lunar South Pole landing! And congratulations to #India on being the 4th country to successfully soft-land a spacecraft on the Moon. We’re glad to be your partner on this mission! https://t.co/UJArS7gsTv
— Bill Nelson (@SenBillNelson) August 23, 2023
NASA के प्रमुख बिल नेल्सन ने 23 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट करके भारत को बधाई दी थी। जिसमें लिखा था कि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन को चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग के लिए बहुत बहुत बधाई! ऐसे में चीनी वैज्ञानिक के दावे के बाद इस बात पर अब विवाद खड़ा हो गया है।
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2023-09-29 05:11:41
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