न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के जीवाश्म विज्ञानी डॉ. मैथ्यू मैककरी ने इस खोज को परखा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने यह जानकारी शेयर की है। स्टडी को जूलॉजिकल जर्नल में पब्लिश किया गया है।
स्टडी कहती है कि मकड़ी का जीवाश्म न्यू साउथ वेल्स के मैकग्राथ्स में पाया गया था। यहां पाई जाने वाले चट्टानों में लौह (iron) की अच्छी मात्रा है। बताया गया है कि खोजा गया जीवाश्म मौजूदा प्रजाति से 5 गुना बड़ा है। वर्तमान में ब्रश-फुटेड ट्रैपडोर मकड़ियों की लगभग 300 प्रजातियां जिंदा हैं। ये मकड़ियां ज्यादातर समय अपने बिलों में ही रहती हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे बड़ी मकड़ियों के विलुप्त होने के बारे में जानकारी मिलेगी। ऑस्ट्रेलिया में बड़ी मकड़ियों के अबतक 4 जीवाश्म मिले हैं। इसका मतलब है कि करोड़ों साल पहले इनकी अच्छी तादाद उस इलाके में रही होगी।
स्टडी में यह भी बताया गया है कि इस मकड़ी की सबसे करीबी प्रजाति सिंगापुर के घने और पानी से भरपूर जंगलों में पाई जाती थी। अनुमान है कि ऑस्ट्रेलिया से यह वहां के मौसम की वजह से विलुप्त हुई होंगी, लेकिन क्या कोई अन्य कारण भी था। आने वाले दिनों में इससे पर्दा हट सकता है।
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2023-09-26 04:49:56
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