0

SUV in Train: छोटी सी चिंगारी से जल सकती थीं करोड़ों रुपये की 264 एसयूवी कारें

खंडवा रेलवे स्टेशन पर एक डबल डेकर ट्रेन के 264 एसयूवी कारें ले जाने के दौरान बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन के डिब्बे ओएचई लाइन को छूने लगे थे, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता था। ट्रेन को वापस भेज दिया गया और जांच के आदेश दिए गए हैं।

By Prashant Pandey

Publish Date: Tue, 11 Feb 2025 09:48:51 AM (IST)

Updated Date: Tue, 11 Feb 2025 01:55:49 PM (IST)

गलत रेलवे ट्रैक पर आई डबल डेकर ट्रेन।

HighLights

  1. डबल डेकर ट्रेन के डिब्बे ओएचई लाइन को छूने से बड़ा हादसा टला।
  2. ट्रेन में 264 एसयूवी कारें लदी थीं, जिनकी कीमत करीब 66 करोड़ रुपये है।
  3. रेलवे अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए, ट्रेन को वापस भेज दिया गया।

नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। मध्य रेलवे के भुसावल से 33 डिब्बों की डबल डेकर मालगाड़ी रूट परिवर्तन के कारण सीमावर्ती खंडवा स्टेशन तक पहुंच गई। यहां यार्ड में ओएचई की ऊंचाई कम होने से मालगाड़ी को आउटर पर रोकना पड़ा।

264 एसयूवी कारों के परिवहन के लिए कंपनी के नए माडल के डबल डेकर की रैक पहली बार इस रूट पर आई थी। इसे मेन लाइन से यार्ड में लेने पर रैक का पहला डिब्बा ओएचई लाइन को छूने से हड़कंप मच गया। यार्ड में ओएचई लाइन की मेन ट्रैक से करीब 50 सेटीमीटर ऊंचाई कम होने से बड़ा हादसा और करोड़ों का नुकसान हो सकता था।

18 स्टेशनों से होते हुए

रविवार को आंध्रप्रदेश के पेनुकोंडा से गुड़गांव के फारुखनगर जा रही डबल डेकर मालगाड़ी जलगांव-भुसावल रूट पर 18 स्टेशनों से होते हुए 147 किमी दौड़कर खंडवा पहुंच गई। मालगाड़ी में 264 एसयूवी कारें (कीमत करीब 66 करोड़ रुपये) लदी थीं। यह छह फरवरी को पेनुकोंडा से रवाना हुई थी।

naidunia_image

सूत्रों के अनुसार इसे जलगांव से अमलनेर वाया गुजरात-राजस्थान होते हुए हरियाणा के फारुखनगर पहुंचना था। बताया जाता है कि इसे खंडवा रूट पर डाल दिया गया। यहां पहुंचने पर मेन लाइन से सीधे निकालने के बजाय यार्ड में लेने पर डिब्बे ओएचई लाइन को छूने पर इसे आउटर पर रोकना पड़ा।

खंडवा स्टेशन के होम सिग्नल से डाउन ट्रैक पर मालगाड़ी इटारसी की ओर जाना थी। यार्ड में पहले डिब्बे का ऊपरी हिस्सा खंभा नंबर-567/6ए के पास ओएचई से चिपकने लगा, जिससे बिजली आपूर्ति बंद हो गई। सूचना मिलने पर मौके पर टीआरडी की टीम पहुंची।

खंडवा यार्ड में ओएचई लाइन की ऊंचाई कम होने से मालगाड़ी को वापस भेजने का निर्णय लेकर वापस भुसावल रवाना कर दिया गया। रेलवे के अधिकारियों की गलती से मालगाड़ी खंडवा यार्ड में करीब पांच घंटे खड़ी रही। इस दौरान कोई भी यात्री ट्रेन प्रभावित या हादसे की स्थिति नहीं बनी।

naidunia_image

मेन से यार्ड में लेने से हुई गड़बड़ी

भुसावल से मेन ट्रैक पर चलकर खंडवा पहुंची डबल डेकर मालगाड़ी को यहां यार्ड में लेने से गड़बड़ी हुई। मेन ट्रैक पर ओएचई लाइन की ऊंचाई 5.80 मीटर है, लेकिन यार्ड में ऊंचाई 5.20 से 5.30 मीटर ही है। इससे मालगाड़ी के डिब्बे की छत ओएचई लाइन को छू गई। जानकारों का कहना है कि यदि मालगाड़ी को खंडवा में मेन ट्रैक से सीधा निकाल दिया जाता तो यह हादसा नहीं होता।

भुसावल मंडल से मुंबई मुख्यालय तक मचा हड़कंप

मालगाड़ी निर्धारित रूट के बजाय खंडवा-इटारसी रूट पर भेजने से बनी परिस्थितियों और मालगाड़ी को वापस भेजने से मध्य रेलवे के भुसावल मंडल से लेकर मुंबई मुख्यालय तक हड़कंप मचा हुआ है। इसे लेकर बैठकों व समीक्षा का दौर शुरू हो गया है।

naidunia_image

खंडवा रेलवे स्टेशन और यार्ड में ओएचई लाइन की ऊंचाई की जांच से लेकर तकनीकी पहलुओं पर जांच की जा रही है। उच्च स्तर पर मालगाड़ी के रूट, कंट्रोलर, रूट निरीक्षक, सिग्नल आपरेट, स्टेशन मास्टर सहित सभी जिम्मेदारों की भूमिका की जांच होगी।

ट्रेनों की आवाजाही पर फर्क नहीं पड़ा

खंडवा रेलवे स्टेशन मैनेजर अरविंद कुमार साहा ने बताया कि मालगाड़ी किस रूट से जाएगी इसका कंट्रोलर और उच्च स्तर पर निर्णय होता है। खंडवा स्टेशन पर ओएचई लाइन की ऊंचाई कम होने से वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा उपरांत मालगाड़ी को आउटर से वापस भेज दिया गया। इससे ट्रेनों की आवाजाही पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

जांच के निर्देश

मध्य रेलवे मुख्यालय से इस घटना की संयुक्त रूप से जांच के निर्देश हो चुके हैं। भुसावल मंडल पता लगाएगा कि किसी की गलती है या तकनीकी कारण है। ट्रैक भटकने जैसी कोई बात नहीं है। कंट्रोलर अपने विवेक से मालगाड़ी का रूट तय करते हैं। यह मारुति का नया रैक पहली बार इस रूट पर आया थे। इसे टाला जा सकता था। दिल्ली जाने के लिए तीन रूट हैं, उसे कहीं से भी निकाला जा सकता था। भविष्य में यहां ओएचई की ऊंचाई बढ़ना प्रस्तावित है। कंट्रोलर से चूक हुई या अकोला में जहां यह गाड़ी ली, वहां कोई गड़बड़ी हुई, ऐसे अन्य बिंदुओं पर जांच होना है। – डॉ. स्वप्निल नीला, सीपीआरओ, मुंबई

एसई लाइन की हाइट कम होने से हुई परेशानी

गुड्स ट्रेन का कोई रूट या टाइम टेबल तय नहीं होता है। कंट्रोलर फिजिबिलिटी के अनुसार रूट तय करता है। डबल डेकर मारुति की एफएसजीसी रैक है। इसमें कंपनी का आदमी होना चाहिए, जो नहीं था। हमें आगे से जो रूट आया, हमने आगे बढ़ा दिया। भोपाल डिवीजन से यह रैक न लेने से उसे वापस अकोला रूट से भेजना पड़ा। खंडवा में यार्ड में ओएसई लाइन की हाइट कम होने से यह परेशानी हुई। – इति पांडे, डीआरएम भुसावल

https%3A%2F%2Fwww.naidunia.com%2Fmadhya-pradesh%2Fkhandwa-double-decker-train-carrying-264-suv-narrowly-escapes-disaster-in-khargone-8379845
#SUV #Train #छट #स #चगर #स #जल #सकत #थ #करड #रपय #क #एसयव #कर
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/khandwa-double-decker-train-carrying-264-suv-narrowly-escapes-disaster-in-khargone-8379845