इंदौर में एक 84 वर्षीय सीनियर सिटीजन को साइबर अपराधियों ने शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर एक करोड़ 70 लाख 45 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी कर ली। यह घटना महाराष्ट्र के भंडारा में स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री के स्कूल में प्रिंसिपल रहे व्यक्ति के साथ हुई।
By Prashant Pandey
Publish Date: Thu, 20 Feb 2025 09:28:57 AM (IST)
Updated Date: Thu, 20 Feb 2025 10:08:10 AM (IST)
HighLights
- साइबर अपराधियों ने वर्चुअल नंबरों के जरिए की ठगी।
- इंदौर पुलिस ने आरोपितों के बैंक खातों को किया फ्रीज।
- मोबाइल पर लिंक भेजकर एप इंस्टाल करवाया था।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Indore Crime News)। महाराष्ट्र के भंडारा में स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री के स्कूल में प्रिंसिपल रहे 84 वर्षीय सीनियर सिटीजन लालच में साइबर अपराध का शिकार हो गए। शातिर अपराधियों ने उनसे शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर एक करोड़ 70 लाख 45 हजार रुपये की आनलाइन ठगी कर ली। आरोपित उनसे वर्चुअल नंबरों से बात कर रहे थे और उन्होंने रिटायर्ड प्रिंसिपल से नौ खातों में रुपये जमा करवा लिए।
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक, 84 वर्षीय सीनियर सिटीजन द्वारा हेल्प लाइन-1930 पर शिकायत दर्ज करवाई है। पीड़ित भंडारा (महाराष्ट्र) स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री के स्कूल में प्रिंसिपल और कोठारी कालेज (इंदौर) में प्रोफेसर रहे हैं।
उन्होंने बयानों में बताया कि ठग ने आर्यन आनंद के नाम से काल लगाया था। उसने ट्रेडिंग (फर्जी) ग्रुप में जोड़ा था। इस ग्रुप के सदस्य निवेश, मुनाफे की चर्चा करते थे। उनके द्वारा जमा करवाए लाखों रुपयों की स्लिप और स्क्रीन शाट भी साझा करते थे।
लिंक भेजकर एप इंस्टाल करवाया
वह साइबर अपराधियों के जाल में फंस गए और शेयर मार्केट में निवेश के लिए तैयार हो गए। ठग ने उन्हें stock.mscl-vip.top की लिंक भेजी और एप इंस्टाल करवा लिया। सीनियर सिटीजन ने आरोपितों के बताए अनुसार नौ बार में एक करोड़ 70 लाख 45 हजार रुपये जमा करवा दिए। आरोपित उनको आश्वस्त करते रहे कि उनके द्वारा निवेश की राशि का मुनाफा मिलेगा।
बैंक अकाउंट को फ्रीज करवा दिया
फर्जी एप में निवेश की राशि मुनाफा सहित दिखाई जाती थी। रुपये आहरित करने पर आरोपितों ने अलग-अलग बहाने बनाए और अंत में नंबर बंद कर लिए। बुधवार को पीड़ित द्वारा साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत की गई। पुलिस ने तत्काल आरोपितों के बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया।
उन नंबरों की जानकारी निकाली जा रही है, जिनसे वृद्ध को काल लगाया था। एडीसीपी के मुताबिक आरोपितों ने फर्जी खातों में रुपये जमा करवाए हैं। ग्रुप में स्क्रीन शाट शेयर करने वाले ठगों के साथी ही थे।
ठग के खाते में रुपये जमा करने पर एडीसीपी खुद पहुंचे पीड़ित के घर
साइबर अपराधी वृद्ध से विभिन्न तरीकों से रुपये ऐंठ रहे थे। उनसे कहा था कि मुनाफा और निवेश की राशि आहरित करने के लिए आरबीआई से ग्रीन चैनल प्राप्त करना पड़ेगा। इसके लिए 36 लाख रुपये जमा करना होंगे। सीनियर सिटीजन मंगलवार को रुपये जमा करवाने एसबीआई पहुंच गए।
शक होने पर बैंक मैनेजर ने खाते की जांच की और बताया खाता संदिग्ध है। मैनेजर ने एडीसीपी को कॉल लगा दिया। एडीसीपी खुद वृद्ध के पास पहुंचे और उनकी काउंसलिंग की। वृद्ध मानने के लिए तैयार नहीं हुए कि उनके साथ ठगी हुई है।
उन्होंने पुलिस कार्रवाई और मदद से इन्कार कर दिया। एडीसीपी ने समझाया और कहा कि सोच-समझकर रुपये जमा करें। उन्होंने पुरानी घटनाएं, हेल्पलाइन और क्राइम ब्रांच के नंबर साझा किए। बुधवार को वृद्ध को ठगी का एहसास हुआ और एडीसीपी को कॉल लगाकर शिकायत दर्ज करवाई।
डॉक्टर और कारोबारी बने ठगी के शिकार
- शहर के एमआईजी क्षेत्र में रहने वाले डाक्टर से पिछले महीने साइबर अपराधी तीन करोड़ आठ लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। डॉक्टर को आनलाइन ट्रेडिंग एप वेबुल के माध्यम से ठगा था।
- पांच माह पूर्व बिचौली मर्दाना निवासी एक होटल कारोबारी से भी इसी तरह चार करोड़ 85 लाख रुपये की ठगी हुई है। साइबर अपराधियों ने शेयर बाजार में निवेश और चार गुना मुनाफे का झांसा दिया था।
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