नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार अनीता चांद को निलंबित कर दिया गया।
मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार अनीता चांद को मंगलवार को निलंबित कर दिया है। हाईकोर्ट की सख्ती के चलते लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने यह कार्रवाई की गई है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला सिवनी निर
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रजिस्ट्रार रहते हुए की पद का दुरुपयोग
नर्सिंग मामले की हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में सीबीआई जांच चल रही है। इसी दौरान ही नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार अनीता चांद ने सत्र 2022-23 के नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के इनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोल दिया था।
जांच के दौरान सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में यह भी पाया था कि रजिस्ट्रार रहते हुए उन्होंने जिन कॉलेजों को मान्यता दी थी, वहां पर छात्र नहीं थे, इसके साथ ही सत्र 2021-22 में जिन कॉलेजों की मान्यता समाप्त की जा चुकी थी उन कॉलेजों के छात्रों के तीन वर्ष बाद एनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोला और उनके एनरोलमेंट कराए गए।
इसके अलावा अनीता चांद पर यह भी आरोप था कि नर्सिंग घोटाले में भोपाल के आरकेएस नर्सिंग कॉलेज के अनसूटेबल होने के बावजूद उसे निरीक्षण में सूटेबल बताया और गलत निरीक्षण रिपोर्ट काउंसिल को सौंपी गई थी। इतना सब होने के बाद भी राज्य सरकार ने उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के स्थान पर उन्हें रजिस्ट्रार बनाए रखा।
ऐसे हुआ था मामले का खुलासा
नर्सिंग फर्जीवाड़े में पीआईएल लगाने वाले एडवोकेट विशाल बघेल ने दस्तावेजों के माध्यम से अनीता की अनियमितताओं को हाईकोर्ट के संज्ञान में लाए थे। जिसके बाद हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की तत्कालीन रजिस्ट्रार और चेयरमैन को तत्काल पद से हटाने के आदेश भी दिए थे।
बाद में मामले में नर्सिंग काउंसिल के सीसीटीवी फुटेज और फाइल गायब करने के मामले में जांच पुलिस कमिश्नर भोपाल और साइबर सेल को भी सौंपी गई थी। जिनकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है है, जिसके बाद अनीता चांद की मुश्किलें और बढ़ सकती है।
ला स्टूडेंट्स एसो. ने दायर की थी याचिका
नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामले में ला स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की और से जनहित याचिका दायर की गई है। दो माह पहले हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर अनियमितता बताई थी, जिसके बाद नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे, उस आदेश का पालन नहीं करते हुए मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव ने दोषी अधिकारियों को संरक्षण दिया हैं।
2 माह पहले चेयरमैन-रजिस्ट्रार को हटाया गया
दो माह पहले हाईकोर्ट की फटकार के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन डॉ. जितेन चंद्र शुक्ला को भी हटा दिया, इसके साथ ही रजिस्ट्रार अनीता चांद को पद से हटाया गया था। इसके बाद सरकार ने मनोज सरियाम को नर्सिंग काउंसिल का चेयरमैन और कृष्ण कुमार रावत को रजिस्ट्रार का प्रभार दिया है।
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हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को हटा दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी याचिका
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने जब नर्सिंग फर्जीवाड़े में शामिल अनीता चांद को काउंसिल ने रजिस्ट्रार के पद से हटाया तो उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां से उनकी याचिका खारिज कर दिया था। अनीता चांद ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करते हुए तर्क दिया था कि हाईकोर्ट ने उन्हें सुनवाई का अवसर दिए बिना ही पद से हटा दिया।
यह भी आरोप लगाया गया कि पीआईएल लगाने वाले याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में कूटरचित रिपोर्ट पेश की है। उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर हाईकोर्ट ने उन्हें हटाए जाने का आदेश पारित किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 15 जनवरी को हुई सुनवाई में शासन और पीआईएल याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किए थे।
27 जनवरी की सुनवाई में उत्तरवादियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि पूर्व रजिस्ट्रार के विरुद्ध गंभीर आरोपों की जांच जारी है। इसी कारण उन्हें रजिस्ट्रार पद से हटाकर अपने मूल विभाग वापस भेजा गया है, उनके रजिस्ट्रार के पद पर बने रहने से जांच प्रभावित होने की आशंका है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद एसएलपी खारिज कर दी।
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