मध्य प्रदेश में सहकारिता विभाग के पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियां) कर्मचारी सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने उनके साथ किए गए समझौते का पालन नहीं किया है।
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सीहोर के जिला अध्यक्ष दीपक चौधरी के अनुसार, 2023 में सरकार ने कर्मचारियों को नियमित वेतनमान देने का वादा किया था। साथ ही 60 प्रतिशत पदों पर मौजूदा कर्मचारियों की भर्ती का समझौता भी हुआ था। लेकिन दोनों वादों को पूरा नहीं किया गया।
कर्मचारियों ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। कई कर्मचारियों ने अपनी जान भी गंवाई। सरकार के हर आदेश का पालन करते हुए गरीब जनता और किसानों की सेवा की। लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
पैक्स संस्थाओं के कर्मचारी नियमित पदों पर काम करने की प्रतीक्षा में रिटायर हो रहे हैं। पूर्व सरकार ने दो बार तिथि तय की, लेकिन महापंचायत नहीं बुलाई गई।
अब कर्मचारियों ने जंगी आंदोलन का ऐलान किया है। 5 मार्च को मुख्यमंत्री आवास और विंध्याचल भवन पर धरना देंगे। इससे पहले वे मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री से मिलने का प्रयास करेंगे। कर्मचारी लगातार बैठकें कर आगे की रणनीति बना रहे हैं।
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