साइबर सिक्योरिटी के शोधकर्ता राजशेखर राजहरिया ने एक ट्विट किया है। इसमें जानकारी दी गयी है कि आजकल व्हाट्सएप पिंक नाम से एक ऐप बहुत देखी जा रही है। इस ट्विट में शोधकर्ता ने कई स्क्रीनशॉट्स भी दिखाए हैं कि कैसे यूजर इस ऐप को WhatsApp समझ बैठता है।
Gadgets 360 को राजशेखर ने बताया, “एक बार इन्सटॉल होने के बाद यह फेक व्हाट्सएप एक मैसेज अपने आप सर्कुलेट करना शुरू कर देता है जिसमें कहा गया होता है कि डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। हैकर का मकसद इस ऐप के माध्यम से अधिक से अधिक यूजर्स का डेटा चोरी करना लग रहा है।”
उन्होंने कहा कि WhatsApp Pink के द्वारा अधिक से अधिक पुलिस विभाग और मीडिया विभाग के यूजर्स को टारगेट किया जा रहा है। दिल्ली और राजस्थान के अनेकों पुलिस अधिकारियों को इस तरह के लिंक भेजे जा चुके हैं। राजशेखर राजहरिया ने बताया कि उनको WhatsApp Pink ऐप के बारे में दिल्ली के एक पुलिस इन्सपेक्टर दाता राम यादव ने बताया था। दाता राम यादव ने इस ऐप के द्वारा जारी मैसेज को पुलिस के एक व्हाट्एप ग्रुप में देखा था।
Gadgets 360 को दिये गये एक बयान में WhatsApp ने कहा है, “किसी भी व्यक्ति के पास इस तरह के असामान्य और संदेहात्मक मैसेज भेजे जा सकते हैं। सिर्फ व्हाट्एप ही नहीं, ऐसे मैसेज ईमेल या अन्य किसी इंटरनेट सर्विस ऐप पर भी भेजे जा सकते हैं। यूजर्स को हम किसी भी तरह के संदेहात्मक मैसेज को ओपन करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। जहां तक व्हाट्सएप की बात है तो हम यूजर्स से अपील करते हैं कि वे व्हाट्सएप में ही दिये गये टूल जैसे कि रिपोर्ट, रिपोर्ट ए कॉन्टेक्ट और ब्लॉक कॉन्टेक्ट का प्रयोग करें।”
ऐसा पहली बार नहीं है कि जब व्हाट्सएप का कोई फेक वर्जन आया है। इससे पहले भी एक बार यूजर्स को WhatsApp Gold वेरिएंट के द्वारा अटैक किया जा चुका है। WhatsApp Gold भी हैकर्स द्वारा यूजर्स का डेटा चोरी करने के लिए बनाया गया था।
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2021-04-20 04:42:01
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