केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से मोहन यादव सरकार को चालू वित्त वर्ष में 18,726.89 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजनाओं के तहत यह राशि 37 विभागों से संबंधित है।
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हालांकि, केंद्र सरकार ने 14 विभागों को 11 माह के अंतराल में एक भी रुपया जारी नहीं किया है। अब जब वित्त वर्ष की समाप्ति के लिए केवल 28 दिन बचे हैं, तो मोहन सरकार के मंत्री केंद्र से मिलने वाली राशि के लिए दिल्ली की दौड़ लगाएंगे। खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी केंद्र से मिलने वाली राशि के लिए विभागों के मंत्रियों से मुलाकात कर फंड रिलीज करने का आग्रह कर सकते हैं।
2024-25 के बजट प्रावधान और अब तक मिली राशि
वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्र और राज्य की संयुक्त योजनाओं के लिए कुल 54,989.12 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया था। इसमें से केंद्र के अंश के रूप में 37,652.74 करोड़ रुपए मिलने थे, जबकि राज्य सरकार को 17,336.37 करोड़ रुपए राज्यांश के रूप में खर्च करने थे।
वित्त विभाग के अनुसार, 21 फरवरी 2025 तक मोहन सरकार को केंद्रीय योजनाओं के तहत मात्र 18,925.85 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुए हैं, जो कि कुल केंद्रांश से 18,726.89 करोड़ रुपए कम है। इसलिए, इस राशि की प्राप्ति के लिए मोहन सरकार के मंत्री और अधिकारी दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों से बातचीत करेंगे।
सिलावट, परमार, शुक्ल जैसे कई पावरफुल मंत्रियों के विभागों को नहीं मिला एक भी रुपया
वर्तमान वित्त वर्ष में बजट में प्रावधान के बावजूद जिन विभागों को अब तक एक भी रुपया केन्द्रांश के रूप में नहीं मिला है, उनमें जिन 14 विभाग शामिल हैं।
- नवकरणीय ऊर्जा विभाग
- आयुष विभाग
- उद्यानिकी विभाग
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
- अनुसूचित जाति कल्याण विभाग
- कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग
- उच्च शिक्षा विभाग
- चिकित्सा शिक्षा विभाग
- सहकारिता विभाग
- श्रम विभाग
- संस्कृति विभाग
- जल संसाधन विभाग
- पर्यटन विभाग
- पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग
इन विभागों में शामिल कुछ प्रमुख मंत्री, जिनके विभागों को अब तक केंद्रांश प्राप्त नहीं हुआ है।
- राजेंद्र शुक्ल (डिप्टी सीएम और चिकित्सा शिक्षा मंत्री)
- तुलसी सिलावट (जल संसाधन मंत्री)
- संपतिया उइके (पीएचई मंत्री)
- इंदर सिंह परमार (उच्च शिक्षा मंत्री)
- विश्वास कैलाश सारंग (सहकारिता मंत्री)
इन विभागों को मिली प्रावधान से अधिक राशि
कुछ विभागों को बजट प्रावधान से अधिक राशि प्राप्त हुई है।
1. वन विभाग
- प्रोजेक्ट एलीफेंट: 59.10 करोड़ रुपए
- पर्यावरण और वन फंड: 1,191.24 करोड़ रुपए
- सघन वन प्रबंधन के लिए स्वीकृत: 14.56 करोड़ रुपए, लेकिन प्राप्त हुए 175.89 करोड़ रुपए
2. स्कूल शिक्षा विभाग
- न्यूनतम सेवाओं के लिए 36.75 करोड़ रुपए
- पोषण शक्ति निर्माण फंड के लिए 439.04 करोड़ रुपए
- टीचिंग, लर्निंग और रिजल्ट्स के लिए 36.70 करोड़ रुपए
- यह राशि प्रावधान में ही नहीं थी।
इन प्रमुख योजनाओं के लिए भी राशि नहीं मिली
- ऊर्जा विभाग– आरडीएसएस योजना के लिए 1,933.93 करोड़ रुपए अब तक नहीं मिले।
- सहकारिता विभाग – पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के लिए 19.20 करोड़ रुपए पेंडिंग।
- मेट्रो रेल परियोजना– 120 करोड़ रुपए अब तक नहीं मिले।
- स्मार्ट सिटी योजना– ग्वालियर, उज्जैन, सागर, सतना के लिए 227.35 करोड़ रुपए अभी भी पेंडिंग।
- स्वास्थ्य विभाग
- एनआरएचएम के लिए 2,701.95 करोड़ रुपए
- उप स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 668.17 करोड़ रुपए
- जिला स्तरीय अमले के लिए 87.12 करोड़ रुपए
सीएम ने बुलाई बैठक, अफसरों से लेंगे रिपोर्ट
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्र और राज्य सरकार के अंश से संचालित योजनाओं में केंद्रांश की बकाया राशि और अन्य तैयारियों को लेकर आज शाम को वित्त विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों की बैठक बुलाई है।
इस बैठक में केंद्र से आने वाली राशि को लेकर किए गए पत्राचार और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री मार्च के अंतिम दिनों में बकाया राशि की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश देंगे।
विभाग, बजट प्रावधान और केंद्र से मिली स्वीकृति
- गृह विभाग 66.50, 12.13
- परिवहन 3.55, 3.55
- वन विभाग 165.29, 1457.27
- ऊर्जा विभाग 1933.93, 00.00
- किसान कल्याण, कृषि 926.75, 237.36
- सहकारिता विभाग 22.01, 00.00
- श्रम विभाग 1.25, 00.00
- स्वास्थ्य विभाग 4360.91, 2257.29
- नगरीय विकास विभाग 2119.09, 687.49
- लोक निर्माण विभाग 1150.00, 920.47
- स्कूल शिक्षा विभाग 3333.85, 3409.47
- विधि विधायी कार्य 302.76, 152.93
- पंचायत विभाग 106.17, 40.00
- जनजातीय कार्य विभाग 1102.27, 276.75
- सामाजिक न्याय विभाग 1689.96, 126.55
- नर्मदा घाटी विकास 65.51, 00.00
- खाद्य, नागरिक आपूर्ति 341.73, 222.97
- संस्कृति 1.0, 00.00
- जल संसाधन 557.79, 00.00
- पर्यटन विभाग 5.27, 00.00
- पीएचई विभाग 4571.49, 00.00
- पशुपालन, डेयरी 202.71, 33.67
- मछुआ कल्याण 61.00, 26.68
- उच्च शिक्षा विभाग 104.52, 00.00
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी 2.0, 00.00
- तकनीकी शिक्षा, कौशल 109.79, 0.25
- संसदीय कार्य विभाग 14.29, 2.32
- महिला बाल विकास 4155.80, 1491.60
- कुटीर ग्रामोद्योग 12.35, 00.00
- चिकित्सा शिक्षा 421.84, 00.00
- ओबीसी, माइनरिटी 284.35, 46.43
- एससी कल्याण 779.54, 00.00
- ग्रामीण विकास 8454.85, 7523.24
- उद्यानिकी विभाग 136.14, 00.00
- आयुष विभाग 69.04, 00.00
- नवकरणीय ऊर्जा 5.0, 00.00
- पर्यावरण विभाग 12.36, 00.00
- कुल राशि 37652.74 18925.85
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