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भिंड कलेक्टर को हाईकोर्ट ने फटकारा: कहा-ऐसा अधिकारी फील्ड में रहे या नहीं मुख्य सचिव खुद तय करें – Gwalior News

भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को हाईकोर्ट से लगाई फटकार।

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग के एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। कोर्ट ने साफ शब्दों में टिप्पणी की है कि भिंड कलेक्टर ने पुरानी सुनवाई से कोई

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अब ऐसा अधिकारी फील्ड में रहना चाहिए या नहीं, यह प्रदेश के मुख्य सचिव खुद तय करें। यह भी कहा कि इस आदेश की कापी मुख्य सचिव को भी भेजी जाएगी। कोर्ट ने अवमानना के लिए दोषी मानते ही 11 मार्च को सुबह 10.30 बजे हाईकोर्ट में मौजूद रहने के आदेश दिए हैं।

आदेश कोर्ट को गुमराह करने के लिए

मध्य प्रदेश के भिंड में लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के वेतन भुगतान के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को एक बार फिर फटकार लगाई है।

पिछले महीने भी इसी मामले में दूसरे कर्मचारी के भुगतान के लिए हाईकोर्ट ने कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाई थी। कलेक्टर अक्षम अधिकारी बताया था। शुक्रवार को फिर इस मामले में सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट जस्टिस का गुस्सा कलेक्टर भिंड पर फूट पड़ा।

दरअसल भिंड कलेक्टर ने सुभाष सिंह भदौरिया के केस में पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई 2023 को उन्होंने पदभार ग्रहण किया। अवमानना याचिका 23 फरवरी 2024 को सूचीबद्ध की गई थी। तहसीलदार ने 22 फरवरी 2024 को आरआरसी निष्पादन के लिए प्रकरण पंजीकृत किया।

13 मई 2024 को पीडब्ल्यूडी की संपत्ति कुर्क की गई। इसके बाद संपत्ति नीलाम की गई। नीलामी से 20 हजार 200 रुपए आए। व्यय काटने के बाद 15 हजार 614 रुपए श्रम न्यायालय में जमा कर दिए। चल संपत्ति नीलाम से पर्याप्त धनराशि नहीं आने से आरआरसी निष्पादित नहीं की जा सकी। कलेक्टर के इस जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई और कलेक्टर भिंड संजीव श्रीवास्तव की क्लास ले ली।

क्या है भिंड कलेक्टर से जुड़ा पूरा मामला दरअसल, भिंड के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में पदस्थ एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों का विभाग पर करोड़ों का भुगतान अटका था। इसको लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में मामला चल रहा है. हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों की अनुमानित राशि 3 करोड़ 50 लाख रुपए मानी और भिंड कलेक्टर संजीव को भुगतान कराने का आदेश दिया था। लेकिन, कलेक्टर ने हाइकोर्ट के आदेश को नजरअंदाज कर दिया।

पीडब्ल्यूडी कर्मचारी सुभाष सिंह भदौरिया ने अपने वेतन का बकाया लेने के लिए हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने कलेक्टर को तलब किया था और उस लगातार सुनवाई की जा रही है।

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