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यूनियन कार्बाइड: 33 घंटे में जलाया पांच हजार 940 किग्रा जहरीला कचरा, हर घंटे जलता है 180 किलो

कचरे जो जलाने के दौरान चिमनी से निकल रही गैसेस व कणों की निगरानी मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लगभग 20 अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा की जा रही है। दूसरी तरफ पीथमपुर बचाव समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है। याचिका दायर करने की तैयारी है। बोले- तारपुरा के रहवासियों को आंखों में जलन है, खांसी, गला सूखने की शिकायत है।

By Navodit Saktawat

Publish Date: Fri, 07 Mar 2025 07:54:24 PM (IST)

Updated Date: Fri, 07 Mar 2025 08:08:56 PM (IST)

पीथमपुर में जलाया जा रहा है यूनियन कार्बाइड का विषैला कचरा।

HighLights

  1. शनिवार शाम 6 बजे तक चलेगी प्रक्रिया।
  2. 180 किग्रा प्रतिघंटे की दर से जला रहे हैं।
  3. इतनी ही मात्रा चूना भी डाला जा रहा है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, महू (इंदौर)। भोपाल के यूनियन कार्बाइड परिसर में 40 सालों से पड़े रासायनिक कचरे का निष्पादन पीथमपुर की री-सस्टेनेबिलिटी (पूर्व में रामकी) कंपनी के संयत्र में किया जा रहा है। हाई कोर्ट के निर्देशानुसार दूसरे चरण का ट्रायल रन किया जा रहा है। इसमें गुरुवार सुबह 11.06 बजे से शुक्रवार रात आठ बजे तक 33 घंटे में करीब 5940 किलोग्राम कचरा जलाया जा चुका है।

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Union Carbide Waste: पीथमपुर में 20 घंटे में ठंडी हुई मशीन

दूसरे चरण में प्रतिघंटे 180 किलोग्राम कचरे को जलाया जा रहा है। इसके साथ ही इतनी ही मात्रा चूना भी डाला जा रहा है। निष्पादन प्रक्रिया शनिवार शाम करीब छह बजे तक चलेगी। इसके साथ ही निगरानी के लिए आनलाइन कंटीन्यूअस इमीशन मानीटरिंग सिस्टम (ओसीईएमएस) संचालित है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दे रहा अधूरे आंकड़े, यूका कचरा जलाने में पानी और राख का पता नहीं

  • भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को धार जिले के पीथमपुर में जलाए जाने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।
  • पीथमपुर बचाव समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आधी-अधूरी जानकारी दे रहा है।
  • पहले चरण का कचरा जलाने के दौरान हजारों लीटर पानी का उपयोग किया गया था। करीब 40 टन राख निकली थी। इन दोनों की कोई जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई।
  • तारपुरा गांव के रहवासी आंख में जलन, खांसी, गला सूखना जैसी शिकायत के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। समिति के पदाधिकारियों ने कहा है कि जल्द ही इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
  • उनकी मांग है कि कचरा जलाने पर तुरंत रोक लगाई जाए और कचरा जलाने के बाद निकली राख की जांच करवाई जाए। पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने का दूसरा चरण शुरू हो चुका है।
  • पहले चरण में 10 टन कचरा जलाया जा चुका है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके आंकड़े जारी करते हुए कहा है कि इस दौरान प्रदूषण का स्तर नियंत्रित रहा।
  • कोई जहरीले गैस तय मानक से अधिक मात्रा में नहीं निकली। पीथमपुर बचाव समिति इस रिपोर्ट के विरोध में उतर आई है।
  • शुक्रवार को समिति के अध्यक्ष हेमंत कुमार हिरोले ने आरोप लगाया कि कचरा जलाने का पहला चरण पूरी तरह से असफल रहा है।
  • रिपोर्ट में वर्ष 2015 की ट्रायल रिपोर्ट में से अधिकांश मानक और विवरण को हटा दिया गया है।
  • हिरोले ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में पारे की मात्रा का उल्लेख ही नहीं किया गया है। पारे की कितनी मात्रा लैंडफील (जमीन में दबाना) की गई यह भी नहीं बताया।
  • कचरा जलाने से निकली राख जमीन में दबाने योग्य है या नहीं इसकी भी कोई जांच नहीं की गई। ट्रायल की वीडियोग्राफी भी सार्वजनिक नहीं की गई।
  • हिरोले ने आरोप लगाया कि धार कलेक्टर ने हाई कोर्ट में पीथमपुर के लोगों के झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत किए हैं।
  • संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा था कि कचरा जलेगा तो वह मौके पर उपस्थित रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
  • सिर्फ छह टन कचरा जलाने पर इंसिनेटर का पट्टा टूटना, ड्रायर के मोटर पंप का बंद होना बताता है कि पहला ट्रायल पूरी तरह से असफल रहा है।

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