चौकसे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि वर्ष 2019 में जयपुर (Jaipur) की एनएस पब्लिसिटी को बीआरटीएस पर विज्ञापन लगाने का ठेका दिया था। 5 साल के इस ठेके की अवधि 1 मार्च 2024 को पूरी हो गई। इसके बाद भी कंपनी एक साल से प्रचार सामग्री लगवाकर पैसा कमा रही है। इसका शुल्क 10 करोड़ रुपए होता है, ये पैसा कंपनी ने निगम को नहीं चुकाया।
निगम की संपत्ति कर रहे चोरी
चिंटू चौकसे ने कहा कि भंवरकुआं चौराहा पर आइडीए ने ओवरब्रिज बनाया, यहां लगी जालियां कंपनी ले गई। इसी तरह निरंजनपुर चौराहा से सत्य साईं चौराहा तक ब्रिज से निकली जालियों को भी कंपनी ले गई।
…तो महापौर लोकायुक्त में करें शिकायत
चौकसे ने इस घपले में महापौर (Mayor) पुष्यमित्र भार्गव के संलिप्त होने के आरोप भी लगाए। कहा कि महापौर इस मामले में शामिल नहीं हैं तो, वे इस घोटाले की शिकायत लोकायुक्त में करें और घोटाले में शामिल अफसरों को तत्काल जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए। वहीं निगम खुद इस मामले की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजकर सरकार से इस पूरे घोटाले की विशेष जांच कराने को कहे। चौकसे ने कहा कि निगम अफसरों ने महापौर भार्गव के संरक्षण के चलते हुए अपने निजी हितों के कारण इस लापरवाही को नजर अंदाज किया।
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