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भारत-पाकिस्तान की क्रिकेट राइवलरी पर बोले मोदी: खेलों को बदनाम होते नहीं देखना चाहता, बेहतर कौन इसका जवाब पिछले मैच के नतीजे में है

भारत-पाकिस्तान की क्रिकेट राइवलरी पर बोले मोदी: खेलों को बदनाम होते नहीं देखना चाहता, बेहतर कौन इसका जवाब पिछले मैच के नतीजे में है

नई दिल्ली6 घंटे पहले

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अमेरिकी कम्प्यूटर साइंटेस्ट और यू-ट्यूब लेक्स फ्रिडमैन के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट राइवलरी पर बात की है। उन्होंने रविवार को लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक इंटरव्यू में कहा- ‘मैं कभी खेलों को बदनाम होते नहीं देखना चाहता हूं।’

भारत-पाकिस्तान में कौन-सी क्रिकेट टीम बेहतर है…इस सवाल के जवाब में PM मोदी कहते हैं- ‘कुछ दिन पहले भारत और पाकिस्तान के बीच एक मैच हुआ था। नतीजे इस बात को बता देते हैं कि कौन सी टीम बेहतर है। इससे हमें पता चलता है कौन बेहतर है।’

23 फरवरी को चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और पाकिस्तान मैच हुआ था। इस मुकाबले को भारतीय टीम ने 6 विकेट से हराया था। उस मुकाबले में विराट कोहली ने नाबाद 100 रनों की पारी खेली थी।

आगे खेलों से जुड़े फ्रिडमैन के सवाल पर मोदी के जवाब…

सवाल- भारत या पाकिस्तान में से कौन-सी क्रिकेट टीम बेहतर है? दोनों टीमों के पिच पर दुश्मनी के चर्चे सभी ने सुने हैं और दोनों के बीच जियो पॉलिटिकल तनाव भी है। स्पोर्ट्स जैसे क्रिकेट फुटबॉल संबंध बनाने में बेहतर भूमिका कैसे निभाते हैं?

जवाब- मुझे लगता है कि खेलों में वह ताकत है कि वे पूरी दुनिया को ऊर्जावान बना सकते हैं। खेल भावना अलग-अलग देशों के लोगों को एकसाथ लाती है। मैं इसीलिए कभी खेलों को बदनाम होते नहीं देखना चाहता हूं। मैं हमेशा से ही खेलों का मानव विकास में बहुत बड़ा रोल मानता हूं। ये खेल लोगों को गहराई से जोड़ते हैं। अब सवाल है कि कौन अच्छा है और कौन बुरा।

अगर आप खेल की तकनीक के बारे में कहेंगे तो मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं। ये बात वही बता सकते हैं जो तकनीक के बारे में जानते हैं। वही बता सकते हैं कि किस प्लेयर की तकनीक अच्छी है और किसकी खराब। लेकिन कई बार परिणाम उस खिलाड़ी के बारे में बोलते हैं। कुछ दिन पहले भारत और पाकिस्तान के बीच एक मैच हुआ था। नतीजे इस बात को बता देते हैं कि कौन सी टीम बेहतर है। इससे हमें पता चलता है कौन बेहतर है।

भारत-पाकिस्तान मैच को टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीता था। यह मैच दुबई में खेला गया था।

भारत-पाकिस्तान मैच को टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीता था। यह मैच दुबई में खेला गया था।

सवाल- मैंने भी वो सीरीज देखी है, द ग्रेटेस्ट राइवलरी इंडिया वर्सेस पाकिस्तान। इसमें बहुत सारे बेहतरीन मैचों और बहुत से बेहतरीन खिलाड़ियों के बारे में बताया गया है। एसी महान टक्कर देखकर अच्छा लगता है। आपने फुटबॉल के बारे में भी बात की, भारत में फुटबॉल बहुत पॉपुलर है। एक और मुश्किल सवाल आपका पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी कौन है? हमारे पास मैसी, क्रिश्चियानो रोनाल्डो, मैराडोना, पेले और जिनेदिन जिदान जैसे नाम हैं। आपको आज तक का सबसे महान फुटबॉल खिलाड़ी कौन लगाता है।

जवाब- यह बात सच है कि भारत के कई क्षेत्रों में फुटबॉल खेला जाता है। स्ट्रॉन्ग फुटबॉल कल्चर है। हमारी महिला फुटबॉल टीम अच्छा कर रही है। पुरुष टीम भी अच्छी तरक्की कर रही है। अगर हम इतिहास की बात करें तो 80 के दशक में मैराडोना का नाम उभरकर सामने आता है। हो सकता है कि उस पीढ़ी के लोग उन्हें एक हीरो के रूप में देखते हों। अगर आज की पीढ़ी की बात करोगे आप तो वो मैसी का नाम लेंगे।

लियोनल मेसी की कप्तानी में अर्जेंटीना ने 2022 का फीफा वर्ल्ड कप जीता था।

लियोनल मेसी की कप्तानी में अर्जेंटीना ने 2022 का फीफा वर्ल्ड कप जीता था।

मप्र में फुटबॉल का मिनी ब्राजील आपने पूछा तो मुझे एक दिलचस्प घटना याद आ रही है। हमारे देश में एक क्षेत्र है, जिसे मध्य प्रदेश कहा जाता है। यह भारत के मध्य में है। यहां एक जिला है शहडोल। वह एक आदिवासी जिला है और ज्यादातर आदिवासी आबादी है। मैं वहां महिला स्वसहायता समूह चलाने वाली आदिवासी महिलाओं से बात करता हूं, मुझे यह पसंद है। मैंने उनसे जाकर बात करने का फैसला किया।

  • मैं वहां गया तो एक बात ने मुझे बहुत प्रभावित किया। करीब 80 से 100 युवाओं ने स्पोर्ट्स यूनिफॉर्म पहन रखे थे। कुछ इनमें से युवा थे और कुछ बूढ़े थे। मैं उनके पास गया और पूछा कि आप लोग कहां से हैं तो उन्होंने मुझसे कहा कि हम मिनी ब्राजील से हैं। मैं आश्चर्यचकित रह गया।
  • मैंने उनसे पूछा कि ये मिनी ब्राजील क्या है। उन्होंने बताया कि हम अपने गांव को मिनी ब्राजील कहते हैं। हमारे गांव में चार-पांच पीढ़ियों से लोग फुटबॉल खेलते हैं। करीब 80 नेशनल प्लेयर्स हमारे गांव से निकले हैं। हमारा पूरा गांव फुटबॉल को समर्पित है। जब हमारे यहां राष्ट्रीय फुटबॉल समारोह होता है तो आसपास के गांव से करीब 20-25 हजार लोग मैच देखने आते हैं।
  • मैं आज कल भारत में फुटबॉल का जो क्रेज देख रहा हूं मैं उसे एक शुभ संकेत माानता हूं। क्योंकि ये सिर्फ किसी का पैशन नहीं है, लेकिन ये सच्ची खेल भावना भी पैदा करता है।

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कोहली बोले- मुश्किल दौर में खिलाड़ी के लिए परिवार अहम

विराट कोहली ने दौरों पर परिवारों की मौजूदगी की वकालत की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें लगता है कि वे खिलाड़ियों के लिए संतुलन लाते हैं, जो मैदान पर मुश्किल दौर से गुजर रहे होते हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी मैदान से अपने कमरे में लौटकर अकेले और उदास नहीं बैठना चाहता। वह नॉर्मल होना चाहता है। इसी से खिलाड़ी जिम्मेदारी को सही तरह से निभा सकता है। पढ़ें पूरी खबर

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