MP के राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व की सुरक्षा के लिए 12 खूंखार स्निफर डॉग को शिकारियों को पकड़ने के लिए तैयार किया गया है। इनकी खासियत है कि यह जमीन में दफन 6 फीट गहरे गड्ढे को खोदकर शव को निकाल लेते हैं और सूंघते-सूंघते उनके ठिकाने पर पहुंच जाते
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मध्यप्रदेश के जंगलों में वन्य अपराध रोकने और शिकारियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले डॉग स्क्वॉड को पचमढ़ी में विशेष प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान सभी 12 स्निफर डॉग (स्वान) को इतना खूंखार बनाया गया है। नए-नए तरीके पानी से भरे गड्ढे, मृत मवेशी पर पाइजन, कीटनाशक डालने, फंदा बनाकर, करंट लगाकर वन्यप्राणियों के शिकार करने से बचाव सहित केस को सुलझाने के लिए भी डॉग को तैयार किया गया है।
पचमढ़ी के वन विद्यालय में चले रिफ्रेशर कोर्स में डॉग को यह ट्रेनिंग दी गई। जिसमें मप्र के जंगलों में वन्यजीव, वन अपराध होने पर शिकारियों को ढूंढने वाले मप्र वन विभाग और टाइगर रिजर्व से सभी 12 डॉग स्क्वॉड को उनके व्यवहार, बर्ताव, क्राइम डिटेक्शन सहित अन्य तरह का प्रशिक्षण दिया गया। डॉग के साथ में हैंडलर, सहायक हैंडलर, वाहन ड्राइवर को भी राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केंद्र टेकनपुर बीएसएफ से दो मास्टर महिपाल सिंग एवं सत्यनारायण ट्रेनर एवं पीटीएस भोपाल से रिटायर्ड डीएसपी बघेल ने ट्रेनिंग दी।
आइए पहले जान लेते हैं 12 स्निफर डॉग की खासियत…











रिटायर्ड डीएसपी बोले-शिकारियों को चीर-फाड़ने बनाया खूंखार
स्पिनर डॉग (कुत्ते) को प्रशिक्षण देने वाले रिटायर्ड डीएसपी एपी सिंह बघेल ने कहा वनप्राणियों की सुरक्षा और शिकारियों पर अंकुश लगाने सहित अपराध होने पर आरोपियों को तलाशने के लिए तैयार किया गया। प्रशिक्षण से कुत्तों की सूंघने की शक्ति 10 गुना बढ़ जाती है। साथ ही नए तरीके के वारदात के संबंध में भी सिखाया गया है। ट्रेनिंग के दौरान इतना खूंखार बनाया जाता है कि जब ये जंगल में अपराधियों को पकड़ने के लिए निकलते हैं तो कहीं भी अपराधी छिपा हुआ हो, जंगल या गांव में,उसे ढूंढ निकालते है। परिस्थिति अनुसार डॉग अपराधी को फाड़ चीर भी सकते है। जमीन में 5-6 फीट गहरे गड्ढे में से वन्यप्राणी के अवयव चमड़ा, हड्डी काे सूंघकर निकाल लेते है। ट्रेनिंग में ग्राउंड सर्च, ह्यूमन बॉडी, लगेज सर्च, हाउस सर्च, जंगल सर्च, व्हीकल सर्च, छलांग लगाकर गोले में से निकलना, संकरी से झुककर निकलना की ट्रेनिंग दी रोजाना जाती हैं।

ट्रेनिंग के दौरान स्निफर डॉग गाड़ी की सर्चिंग करता हुआ।
रिटायर्ड डीएसपी एपी सिंह बघेल ने कहा-

डॉग ऑलराउंडर हैं, जिनकी विशेषता लगेज सर्च, व्हीकल सर्च, हाउस सर्च, ग्राउंड सर्च और ट्रैक लगभग 3 से 5 किमी तक जाकर अपराधी को उनके घर से पकड़ लेते है। हर डॉग अपने कार्य करने में सक्षम है। डॉग स्क्वाड द्वारा साल में किए गए कार्यों एवं उपलब्धियों का 10 मिनट का प्रस्तुतिकरण किया गया। इसके बाद प्रत्येक डॉग स्क्वाड का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। डॉग, हैंडलर, सहायक हैंडलर का संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

जंगल में जानवरों के अंगों की तलाश करता स्निफर ।
फॉरेस्ट के 4 ऐसे मामले, जिससे स्निफर डॉग ने सुलझाया
- एसटीआर की डॉग टीना : सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की स्निफर डाॅग टीना की जर्मन शेफर्ड नस्ल है। लैंग्वेज सर्च ट्रैक की खासियत है। 6 जुलाई 2023 को एसटीआर के धांसई गेट की पुलिया के ऊपर बाघ की कटी गर्दन व केनाइन दांत मिला था। टीना ने 2-3 किमी तक सर्चिंग करते हुए डॉग धांसई में शिकारियों के घर तक पहुंची थी। 27 मई 2024 को डॉग टीना ने बरूआढाना में घर के अंदर व छत के ऊपर छिपाकर रखे काले हिरण का कच्चा-पका मांस व अवशेष जप्त किया था।
- टाइगर स्ट्राइक फोर्स के डॉग ब्रूनो :बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के डॉग काफी फ्रुतीला है। 20 मई 2024 को झाबुआ वन मंडल के थांदला बीट में लेग होल्ड ट्रेप में फंसे जीवित तेंदुआ के केस में टीएसएफ का डॉग सर्चिंग कर एक आरोपी के घर पहुंचा था। जिसमें शिकारी के घर से 1 नग लेग होल्ड ट्रेप व दो नग फाख्ता पक्षी, वन्यप्राणी के अवयव जप्त किए थे।
- कान्हा टाइगर रिजर्व की डॉग डेफी : 15 दिसंबर 2024 को कान्हा वन मंडल के वन बीट उमर में चीतल के शिकार मामले में डॉग डेफी ने घटनास्थल से सूंघते हुए करीब एक किमी दूर आरोपी के घर पहुंची थी और घर में छिपाकर रखे चीतल के सींग को ढूंढ निकाला था। जिससे शिकारी पकड़ाया था।
- वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर का गैलेलियो: डॉग की उम्र 8 साल है, जो बेल्जियम शेफर्ड नस्ल का है। 28 अक्टूबर 24 को वन मंडल पन्ना वन परिक्षेत्र रैपुरा में भालू के करंट लगाकर हुए शिकार के मामले को डॉग ने सुलझाया था। स्वान की सर्चिंग करने पर बिजली के जले हुए टुकड़े मिले, जिसके आधार पर डॉग ने 6 शिकारियों को पकड़ा था।

ट्रेनिंग के दौरान सभी 12 स्निफर डॉग को प्रशिक्षित किया गया।
अच्छे परफॉर्मेंस करने पर डॉग हुए पुरस्कृत
डॉग स्क्वॉड टीम को सेविंग टाइगर सोसाइटी अध्यक्ष इंद्रजीत सैन गुप्ता एवं क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के द्वारा वनमंडल शहडोल, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, रानी दुर्गावती सागर के हैंडलर और सहायक हैंडलर को पुरस्कृत किया गया। इसमें माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपूरी के डस्टर करे प्रथम, वन मंडल दक्षिण शहडोल के जिनी को द्वितीय, वन मंडल छिंदवाडा के स्क्रूबी को तृतीय और वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर के गैलेलियो को चतुर्थ स्थान दिया गया। अच्छा परफॉर्मेंस करने पर इन चारों डॉग को अतिरिक्त स्पेशल फूड और डॉग कीट दी गई है।
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