उसके बाद शुरू होगी आदित्य स्पेसक्राफ्ट की 15 लाख किलोमीटर की यात्रा, जो 110 दिनों में पूरी होने की उम्मीद है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में स्पेस एजेंसी बता चुकी है कि इंसर्शन की प्रक्रिया आज रात करीब 2 बजे की जानी है।
आदित्य स्पेसक्राफ्ट को इसी महीने 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश की श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। तब से अबतक चार बार इसकी कक्षा में बदलाव की प्रक्रियाएं पूरी की गई हैं। आज रात जिस TL1I प्रक्रिया को किया जाना है, वह आदित्य की L1 पॉइंट यात्रा की शुरुआत होगी।
Aditya-L1 Mission:
The fourth Earth-bound maneuvre (EBN#4) is performed successfully.ISRO’s ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation, while a transportable terminal currently stationed in the Fiji islands for… pic.twitter.com/cPfsF5GIk5
— ISRO (@isro) September 14, 2023
मिशन का मकसद सूर्य के फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और कोरोना को स्टडी करना है। यह भारत की पहली स्पेस बेस्ड ऑब्जर्वेट्री है। एक बार जब ऑब्जर्वेट्री अपना काम शुरू कर देगी, तब यह स्पेस वेदर से जुड़ी जानकारियां भी शेयर करेगी। सूर्य में होने वाली घटनाओं जैसे- कोरोनल मास इजेक्शन, सोलर फ्लेयर पर आदित्य की विशेष नजर रहेगी।
एल1 पॉइंट पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है। यहां से सूर्य पर हमेशा नजर रखी जा सकती है। जब मिशन अपना काम शुरू कर देगा तो इसरो को रियलटाइम में सौर गतिविधियों का पता चल पाएगा। आदित्य स्पेसक्राफ्ट अपने साथ 7 साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लेकर गया है। ये सभी स्वेदशी हैं और भारत के विभिन्न विभागों द्वारा तैयार किए गए हैं। इंस्ट्रूमेंट्स की मदद से सूर्य के अलग-अलग हिस्सों को स्टडी किया जाएगा।
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2023-09-18 07:24:43
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