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AI Data Center: औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में आकार ले रहा मध्य प्रदेश का पहला एआई डाटा सेंटर

मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में 500 करोड़ रुपये के निवेश एसएसडी सर्वर, डाटा सेंटर और क्लाउड रैक्स की शुरुआत होने जा रही है। यह यूनिट 2026 में बनकर तैयार हो जाएगी और इससे 150 लोगों को रोजगार मिलेगा।

By Prashant Pandey

Publish Date: Fri, 25 Oct 2024 08:10:52 AM (IST)

Updated Date: Fri, 25 Oct 2024 08:19:42 AM (IST)

औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में इस तरह आकार लेगा एआई डेटा सेंटर।

HighLights

  1. AI डाटा सेंटर में ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट होती है।
  2. इन सेंटर्स से सुपर कंप्यूटर होस्टिंग की जाती है।
  3. इसमें 10 गुना ज्यादा बिजली की जरूरत होती है।

संजय रजक, नईदुनिया इंदौर(AI Data Center)। इंदौर शहर के समीप औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में मध्य प्रदेश का पहला एआई डाटा सेंटर शुरू होने जा रहा है। मेसर्स रेकबैंक डाटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड 4.8 एकड़ जमीन पर 500 करोड़ रुपये के निवेश से डाटा सेंटर, एसएसडी सर्वर, क्लाउड रैक्स आदि शुरू करेगा।

वर्ष 2026 में शुरू होने वाली इस यूनिट से 150 लोगों को रोजगार मिलेगा। यह एआई डाटा सेंटर परंपरागत डाटा सेंटर से अलग तकनीक से तैयार किया जा रहा है। इसमें एयर कूलिंग की जगह लिक्विड कूलेंट यानी शीतलक का उपयोग किया जाएगा।

यहां डाटा सेंटर आसानी से शुरू किया जा सकता है

पीथमपुर में उच्च क्षमता की बिजली और इंटरनेट के लिए फाइबर केबल की उपलब्धता है, इसलिए यहां एआई डाटा सेंटर आसानी से शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा चेन्नई, बेंगलुरू और मुंबई की तुलना में यहां जमीन भी अपेक्षाकृत सस्ती मिल रही है।

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फिलहाल मध्य प्रदेश में एक निजी और एक सरकारी डाटा सेंटर ही है। इस लिहाज से आने वाले समय में मध्य प्रदेश एआई डाटा सेंटर का हब बन सकता है। यह सेंटर भारत, जापान, यूरोप और अमेरिका में काम कर रही कंपनियों को सेवा देगा।

जमीन मिलने के बाद बुधवार से काम शुरू

रेकबैंक डाटा सेंटर्स के संस्थापक और इंदौर निवासी नरेंद्र सेन ने बताया कि जमीन मिलने के बाद बुधवार से ही काम भी शुरू कर दिया गया है। आगामी दो वर्ष में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा। हमारे डाटा सेंटर में सर्वर कूलेंट के अंदर रखा जाएगा।

ऐसा इसलिए भी करना आवश्यक है क्योंकि इसमें उच्च क्षमता की बिजली का उपयोग होता है। डाटा सेंटर को दुनिया में कहीं से भी आपरेट किया जा सकेगा। प्रस्तावित एआई डाटा सेंटर 80 मेगावाट का होगा। पहले फेस में 20 मेगावाट का बनाया जाएगा।

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इसके बाद मांग बढ़ने पर अलग-अलग चरण में क्षमता बढ़ाते जाएंगे। नरेंद्र सेन के अनुसार यह इंडस्ट्री पिछले दो-तीन वर्ष से ही विकसित हो रही है, इसलिए आने वाले समय में इंदौर एआइ डाटा सेंटर का हब बन सकता है।

यह होता है एआई डाटा सेंटर

वर्तमान में जो डाटा सेंटर काम कर रहे है। उनमें वेबसाइट होस्टिंग, स्टोरेज आदि होता है। जनरल कंप्यूटिंग होती है। जबकि एआई डाटा सेंटर में जीपीयू (ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट) होती है, जिससे सुपर कंप्यूटर होस्टिंग की जाती है। इसमें 10 गुना अधिक ऊर्जा (बिजली) खर्च होती है।

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2024-10-25 02:49:42