एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एक्टा एस्ट्रोनॉमिका में एक लेटेस्ट स्टडी में इस बारे में लिखा गया है। वैज्ञानिकों का सुझाव है कि एडवांस एलियन सिविलाइजेश हमसे बेहतर और लेटेस्ट टेक्नॉलजी के साथ हमें देख सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि फिजिक्स के जिन नियमों को हम जानते हैं वो ब्रह्मांड में हर जगह काम करते हैं। हालांकि इससे यह कन्फर्म नहीं होता कि अंतरिक्ष में खोज करने के लिए कौन सी जगह सही रहेगी।
स्टडी कहती है कि पृथ्वी से जो सिग्नल अंतरिक्ष में भेजे जाते हैं जैसे- रेडियो वेव्स उन्हें सुदूर ग्रहों तक पहुंचने में हजारों या लाखों साल लग जाएंगे। अगर वहां एलियंस हुए और वो यह सब देख रहे होंगे तो एलियंस हमारा अतीत देख पाएंगे ना कि वर्तमान। रिसर्च कहती है कि एलियंस हमारे बारे में जानने के लिए ऑप्टिकल इंटरफेरोमेट्री और मेगा-टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एलियंस हैं या नहीं इस बारे में दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) भी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है। नासा ने एक इंडिपेंडेट कमिटी बनाकर अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स (UFOs) से जुड़े केसों की जांच की थी। टीम में शामिल एक्सपर्ट्स ने पिछले साल कहा था कि उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि UFO के लिए एलियंस जिम्मेदार थे। हालांकि नासा ने यह भी कहा कि वह ऐसी संभावनाओं से इनकार नहीं करती। इसका मतलब है कि नासा को भले ही कोई सबूत ना मिला हो, आसमान में दिखने वाले UFO का संबंध एलियंस से हो सकता है।
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2024-01-19 09:43:12
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