बिहार में 26 अक्टूबर से रणजी का मुकाबला होना है। यह मैच एक बार फिर पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में होना है। इसे देखने के लिए एंट्री फ्री है। BCA के अधिकारियों ने दर्शकों से अपील की है कि वो मैच देखने ना आएं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि ‘अगर दर्शक मैच दे
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दरअसल, पिछले सीजन के मैच में इस स्टेडियम को लेकर बिहार की काफी फजीहत हुई थी। इसके बाद इस स्टेडियम के पुनर्निर्माण की बात सरकार ने कही थी। अब अगले सीजन के मैच की भी शुरुआत हो चुकी है। लेकिन, अभी तक पुनर्निर्माण को लेकर इस स्टेडियम की एक ईंट तक तोड़ी नहीं गई है।
भास्कर की टीम इस स्टेडियम में पहुंची। छत और दीवारें टूट रही थीं। दर्शक गैलरी में कपड़े सुख रहे थे। हर जगह घास उगी हुई थी। गंदगी का अंबार था। स्टेडियम का स्कोर बोर्ड टूटा हुआ था। उसे छिपाने के लिए BCA ने बैनर-पोस्टर लगा दिए थे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
स्टेडियम की हालत को लेकर सबसे पहले हमने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ मनीष राज से बात की। उन्होंने कहा कि ‘पिछले साल बीसीए को मोइन उल हक स्टेडियम में बिहार सरकार से जो जगह मिली थी, वह सिर्फ ग्राउंड के लिए थी। उस स्टेडियम की गैलरी हमारे मेंटेनेंस में नहीं आती थी। इस बार भी नहीं है, लेकिन फिर भी हम लोगों ने दर्शक गैलरी की सफाई करवाई है। इस बार भी हम दर्शकों से आग्रह करेंगे कि वह स्टेडियम में नहीं आएं। क्योंकि स्टेडियम जर्जर स्थिति में है।’
BCA के CEO बोले- जल्द साइन होगा MOU
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ मनीष राज ने कहा कि ‘मोइन उल हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए MOU साइन होगा। BCA की टीम बिहार सरकार से जाकर मिल चुकी है और बिहार सरकार ने भी इसके जल्द पुनर्निर्माण में तत्परता दिखाई है। बहुत जल्द ही MOU साइन हो जाएगा और कुछ महीनों में स्टेडियम के पुनर्निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा।’
BCA अध्यक्ष बोले- पटना में कुछ जगहों पर स्क्रीन पर दिखाया जाएगा मैच वहीं, BCA के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा कि पटना में कुछ जगहों को चिन्हित कर रहे हैं, जहां बड़ी स्क्रीन लगा कर मुकाबले का प्रसारण किया जाएगा। इसके अलावा कुछ ऑनलाइन प्लेट फॉर्म पर भी मैच देखा जा सकेगा।
मंत्री ने कहा- स्टेडियम का जल्द जीर्णोद्धार होगा
वहीं, बिहार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने कहा कि सरकार इस बात को लेकर गंभीर है। मोइन उल हक स्टेडियम का जल्द जीर्णोद्धार होगा। यह एक अच्छा स्टेडियम बनेगा इसके लिए सरकार काफी कम कर रही है। इसका काम प्रक्रियाधीन है।
26 अक्टूबर से बिहार करेगा रणजी की मेजबानी
इस बार बिहार रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप में खेल रहा है। इस ग्रुप में बिहार के अलावा मध्यप्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, बंगाल, केरल, उत्तरप्रदेश, पंजाब की टीमें हैं। बिहार तीन मैचों की मेजबानी करेगा। 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक बिहार बनाम कर्नाटक, 6 नवंबर से 9 नवंबर तक बिहार बनाम मध्यप्रदेश और 23 जनवरी 2025 से 26 जनवरी 2025 तक बिहार बनाम उत्तरप्रदेश के मैच खेले जाएंगे।
बिहार-झारखंड विभाजन के 23 साल बाद जनवरी 2024 में बिहार में पहली बार रणजी ट्रॉफी मैच का आयोजन हुआ था। यह मैच पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में खेली गई थी। बिहार विभाजन के बाद पहली बार बिहार टीम इलीट ग्रुप में खेली थी। हालांकि, इस मैच में बिहार की काफी बेज्जती हुई थी। इस स्टेडियम की जर्जरता की चर्चा पूरे देशभर में हुई थी।
स्टेडियम के अंदर बकायदा बोर्ड लगाया गया था, जिसमें लिखा था ‘गैलरी में एंट्री बैन, खतरा।’ एक मैच में होने वाली मूल सुविधाएं स्टेडियम से नदारद दिखी। दर्शक स्टेडियम में ही अलाव जलाकर मैच का आनंद लेते नज़र आए थे।
स्टेडियम में स्कोर बोर्ड ना होने से दर्शकों को मैच का स्कोर पता ही नहीं चल रहा था। इन सब के बावजूद दर्शकों का उत्साह कम नहीं दिखा था। आयोजकों के मुताबिक पटना में हुए इस मैच को देखने 10,000 से भी ज्यादा की संख्या में दर्शक आए थे, जो और रणजी मैचों में नहीं देखा जाता था।
तेजस्वी यादव ने स्टेडियम को वर्ल्ड क्लास बनाने की कही थी बात
इन सब चर्चाओं के बीच तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव मोइनुल हक स्टेडियम पहुंचे थे और उन्होंने स्टेडियम का निरीक्षण भी किया था। उन्होंने कहा था कि मोइनुल हक स्टेडियम को वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा। डीपीआर बनकर तैयार हो चूका है। मैच खत्म होने के बाद इस स्टेडियम को तोड़कर पुनर्निर्माण का काम शुरू होगा।
मोइनुल हक स्टेडियम का इतिहास
पटना जिला क्रिकेट संघ (PDCA) के पूर्व संयुक्त सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि ‘महिलाओं का टेस्ट क्रिकेट 1976 में इसी स्टेडियम में हुआ था। महिलाओं का वन-डे 1978 में यहीं खेला गया।
यह स्टेडियम कई अंतर्राष्ट्रीय मैच का भी गवाह बना है। यहां 1993 में जिम्बाब्वे और श्रीलंका के बीच पहली बार वन-डे इंटरनेशनल मैच हुआ था। यहां 1996 में वर्ल्ड कप का भी मैच हो चुका हुआ है, जिसमें जिम्बाब्वे और केन्या खेली थी।
आखिरी मैच यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला गया था, वह 1997 में महिलाओं का वन-डे मैच था। इसके साथ ही कई रणजी और दूसरे मैच भी खेले गए है।’
पटना जिला क्रिकेट संघ (PDCA) के पूर्व संयुक्त अरुण कुमार सिंह ने बताया कि ‘2000 में जब बिहार और झारखंड का बंटवारा हुआ। इस स्टेडियम का कभी रेनोवेशन नहीं हुआ। जो हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ, उसे उसी तरह से छोड़ दिया गया। यही वजह है कि मैदान को छोड़कर पूरा स्टेडियम जर्जर हो चुका है।
पांच टर्फ विकेट खराब हो चुके हैं, जिसे मैच के पूर्व बनाया जाता है। आउटफील्ड में घास उग आए है। दर्शकों के बैठने की सीट पूरी तरह से टूटी हुई है। साइड स्क्रीन टूट गया है। यह स्टेडियम पूरी तरह से राजनीति की भेंट चढ़ गई।’
अरुण कुमार सिंह ने यह भी बताया कि उस समय बिहार क्रिकेट एसोसिएशन जमशेदपुर से रन होता था, इसलिए कम्युनिकेशन गैप के कारण ना तो इसके मेंटेनेंस पर ध्यान दिया गया और ना ही इसके लिए रिन्युअल हुआ।
बिहार सरकार ने स्टेडियम को BCCI को लीज पर दी थी
इस साल हुए रणजी मैच के बाद बिहार सरकार ने मोइनुल हक स्टेडियम को BCCI को देने का फैसला लिया था। राज्य सरकार ने स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए BCCI को लीज पर देने पर सहमति दे दी थी। फिर BCCI ने क्रिकेट संघ को देने की सैद्धांतिक सहमति दी।
इसके बाद बिहार सरकार ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर संबद्ध इकाई के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने बिहार सरकार को पत्र लिखा है।
इसमें खेल विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी राजेन्द्र के द्वारा 2 मई 2024 के बिहार सरकार के संकल्प और 4 जून 2024 को जारी पत्र के जवाब में बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने 24 जून 2024 को बीसीसीआई की बैठक में लिए गए निर्णय से बिहार सरकार के संबंधित विभाग को सूचित किया है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई का एफलिएटेड मेंबर है और यही निर्माण कार्य के लिए अधिकृत है।
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