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Bhopal Drug Factory: एमडी ड्रग्स बनाने में तीन बार असफल भी हुए थे तस्कर, फिर एक्सपर्ट से सीखी बारीकी

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भोपाल के बगरोदा में 907 किलो MD ड्रग्स बनाने के आरोपित अमित चतुर्वेदी और सान्याल बाने से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने पहले इंदौर में फैक्ट्री लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन वहां पकड़े जाने की आशंका थी। एक वर्ष में कई असफल प्रयासों के बाद, उन्होंने तकनीक सीखी और सफलतापूर्वक ड्रग्स बनाना शुरू किया।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Sun, 13 Oct 2024 05:58:45 PM (IST)

Updated Date: Sun, 13 Oct 2024 05:58:45 PM (IST)

पहले इंदौर में ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री लगाने की योजना थी।

HighLights

  1. तीन बार ड्रग्स बनाने में असफल रहे थे आरोपी
  2. विशेषज्ञ से सीखा था MD ड्रग बनाने की बारीकी
  3. भोपाल में 1814 करोड़ रुपये का ड्रग्स बरामद

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। भोपाल के पास औद्योगिक क्षेत्र बगरोदा में 907 किलो एमडी ड्रग्स बनाने के आरोपितों अमित चतुर्वेदी और सान्याल बाने से पूछताछ में बड़ी जानकारी सामने आई है। उन्होंने बताया है कि पहले वह इंदौर में फैक्ट्री लगाना चाहते थे लेकिन वहां पकड़े जाने की आशंका ज्यादा थी।

दरअसल, इंदौर के नजदीक मंदसौर, नीमच और रतलाम जैसे अफीम उत्पादक जिले होने के कारण पुलिस और अन्य एजेंसियां ड्रग्स को लेकर अपेक्षाकृत अधिक सतर्क रहती हैं। इस क्षेत्र में नशीले पदार्थों के कारोबारियों के विरुद्ध गाहे-बगाहे कार्रवाई भी होती रहती है, इसी कारण उन्होंने भोपाल को उपयुक्त माना।

तीन बार नहीं बना पाए

लगभग एक वर्ष पहले उन्होंने बगरोदा की फैक्ट्री में मशीनें रख ली थीं। नौ माह पहले ड्रग्स बनाना शुरू किया पर तीन बार असफल हो गए। बना हुआ उत्पाद अपेक्षित गुणवत्ता का नहीं था। इसके बाद सान्याल बाने ने किसी जानकार से सहयोग लेकर ड्रग्स बनानी शुरू की और सफल भी हुआ।

1814 करोड़ रुपये का एमडी ड्रग्स

बता दें, एक सप्ताह पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और गुजरात एटीएस ने बगरोदा में एमडी ड्रग्स और इसे बनाने की कच्ची सामग्री पकड़ी थी। इसकी कीमत दोनों एजेंसियों ने 1814 करोड़ रुपये आंकी है। एनसीबी की पूछताछ में सामने आया है कि सान्याल बाने पांच वर्ष से भी अधिक समय से ड्रग्स के कारोबार में लगा था। पकड़े जाने पर उसे पांच वर्ष की सजा भी हो चुकी थी।

ड्रग्स बनाने की तकनीक

सान्याल को एमडी ड्रग्स बनाने की तकनीक की मामूली जानकारी थी। इसी वर्ष जनवरी के आसपास उसने कम मात्रा में ड्रग्स बनाने का प्रयास भी किया था, पर ठीक से बना नहीं पाया। इसके बाद इस काम में लगे अपने दूसरे साथियों से तकनीक की बारीकियां समझी और बनाने में सफल भी हो गया। उसने भोपाल की फैक्ट्री में श्रमिकों को भी बताया कि कितनी मात्रा में, क्या सामग्री मिलाकर एमडी ड्रग्स बनाना है।

आरोपितों की आज खत्म होगी रिमांड

मामले में पहले दिन एनसीबी और गुजरात एटीएस ने फैक्ट्री से नासिक के सान्याल बाने और भोपाल के अमित चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया था। उसी दिन मंदसौर से इनके साथ हरीश आंजना को गिरफ्तार किया गया था। एनसीबी ने इन्हें भोपाल में विशेष न्यायालय में पेश कर 14 अक्टूबर (सोमवार) तक के लिए रिमांड पर लिया था। इन्हें सोमवार को फिर न्यायालय में पेश किया जाएगा। एनसीबी की इनसे पूछताछ लगभग पूरी हो गई है, इसलिए आगे रिमांड मांगे जाने की उम्मीद नहीं है।

बता दें, हरीश आंजना के साथी प्रेमसुख पाटीदार ने भी शनिवार को मंदसौर के अफजलपुर पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था। हालांकि उसके पहले उसने खुद को गोली मारकर घायल कर लिया था। एनसीबी उसे पूछताछ के लिए भोपाल लेकर आ रही है।

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