मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में रहे सौरभ शर्मा के खिलाफ आयकर विभाग ने जांच शुरू की है। अब जांच के घेरे में वो अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने सौरभ शर्मा की मदद की है। भोपाल में बन रहे स्कूल में भी अघोषित आय के उपयोग होने का संदेह जताया जा रहा है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Fri, 27 Dec 2024 06:45:00 AM (IST)
Updated Date: Fri, 27 Dec 2024 07:24:44 AM (IST)
HighLights
- सौरभ के खिलाफ दर्ज प्रकरण के आधार पर प्रवर्तन निदेशालयने भी जांच शुरू की है।
- डायरी के आधार पर 50 से भी अधिक अधिकारी-कर्मचारियों से हो सकती है पूछताछ।
- आयकर विभाग को सौरभ के पास बड़ी राशि की बेनामी संपत्तियों का भी पता चला है।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल(Bhopal IT Raid)। काली कमाई से करोड़ों रुपये इकट्ठा करने के आरोपित मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा की घेराबंदी बढ़ती जा रही है। सौरभ का सहयोग करने वाले परिवहन अधिकारी भी आयकर विभाग के निशाने पर हैं।
आयकर विभाग के अधिकारियों को भोपाल के शाहपुरा बी-सेक्टर में 20 हजार वर्गफीट जमीन पर जयपुरिया नाम से बन रहे स्कूल में अघोषित आय के प्रयोग का संदेह है। इस स्कूल का निर्माण कराने वाली समिति में सौरभ के करीबी चेतन गौर और स्वजन के नाम हैं।
समिति की भूमिका क्या है
ऐसे में, आयकर विभाग यह पता करने की कोशिश करेगा कि स्कूल बनाने में कितनी राशि खर्च की जा रही थी। यह राशि कहां से आई। समिति की भूमिका क्या है। स्कूल के निर्माण के लिए यदि अधिकारियों ने नियम विरुद्ध अनुमति दी है तो उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
इसके अतिरिक्त उन अधिकारियों से भी पूछताछ होगी, जिनका नाम बरामद डायरी में मिला है। यह डायरी उस कार मिली थी, जिसमें 54 किलो सोना और लगभग 10 करोड़ रुपये नकद रखे थे। आयकर अधिकारियों ने नकदी, सोना और कार में मौजूद अन्य सामग्री जब्त की थी।
डायरी में आरटीओ, परिवहन चेक पोस्ट के अधिकारियों और कुछ नेताओं के नाम भी बताए जा रहे हैं। इस आधार पर 50 से भी अधिक अधिकारी व कर्मचारियों को नोटिस देकर बयान देने के लिए बुलाया जा सकता है।
वहीं, सौरभ के कर्मचारी, ड्राइवर, पत्नी, मां, रिश्तेदार (जिनके नाम संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं) और शरद जायसवाल सहित कुछ मित्रों से भी पूछताछ की तैयारी है। लोकायुक्त पुलिस द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में सौरभ के विरुद्ध दर्ज प्रकरण के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच शुरू की है।
बीडीए ने वर्ष 2004 स्कूल निर्माण के लिए दी थी जमीन
स्कूल का निर्माण एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से किया जा रहा था। भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने वर्ष 2004 में राजमाता शिक्षा समिति को यह जमीन आवंटित की थी। शर्त यह थी कि तीन वर्ष में स्कूल का निर्माण कर लिया जाएगा, पर निर्माण वर्ष 2022 में प्रारंभ हुआ।
अनुमति के अनुसार, निर्माण नहीं होने पर फरवरी 2023 में तत्कालीन नगर निगम आयुक्त वीएस चौधरी कोलसानी ने निर्माण पर रोक लगा दी थी। कुछ दिन बाद निर्माण फिर शुरू हुआ तो शाहपुरा हाउस आनर्स एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में निर्माण पर रोक के लिए याचिका लगाई।
समिति के पक्ष में निर्णय आने पर निर्माण फिर प्रारंभ हुआ, जो अभी तक जारी था। रहवासियों का तर्क यह भी था कि जहां स्कूल बन रहा है, वह ओपन स्पेस था।
लोकायुक्त पुलिस से सौरभ की संपत्ति की मांगी जानकारी
आयकर विभाग को सौरभ के पास बड़ी राशि की बेनामी संपत्तियों का भी पता चला है। आयकर विभाग ने लोकायुक्त पुलिस को पत्र लिखकर बेनामी व अन्य संपत्तियों की जानकारी मांगी है। इसके अतिरिक्त विभाग यह भी पता कर रहा है कि सौरभ के नाम पर तो किस ने बेनामी संपत्ति बनाई थी।
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