इंटुएटिव मशीन्स की वेबसाइट के अनुसार, IM-1 मिशन के तहत भेजे गए ओडीसियस (Odysseus) नाम के लैंडर ने चांद पर कदम रख लिया है। कंपनी के सीईओ स्टीव अल्टेमस ने कहा है, “हम सतह पर हैं और ट्रांसमिशन कर रहे हैं। चंद्रमा पर आपका स्वागत है।
चंद्रमा पर आजतक जितने भी मिशन लैंड हुए हैं, वो सभी सरकारी एजेंसियों के मिशन थे। बरसों पहले जब इंसान चांद पर पहुंचा था, तो उस मिशन को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने सफल बनाया था। रूस और चीन की सरकारी एजेंसियां भी चांद पर अपने मिशन पहुंचा चुकी हैं। पिछले साल भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की थी, जो भारत की सरकारी एजेंसी इसरो का मिशन था।
शुक्रवार को ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी प्राइवेट कंपनी के मून लैंडर ने चांद पर कदम रखा हो। इसकी सबसे पहले कोशिश साल 2019 में एक इस्राइली कंपनी ने की थी, लेकिन वह फेल हो गई। पिछले साल जापान की प्राइवेट कंपनी ने भी अपना मिशन चांद पर भेजा था, लेकिन लैंडिंग के दौरान वह क्रैश कर गया। अब इंटुएटिव मशीन्स को यह कामयाबी मिली है।
आखिरी वक्त तक अटकी रही सांसें
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिशन कंट्रोल से जुड़े इंजीनियरों की सांसें आखिरी समय तक अटकी रही। तय लैंडिंग के कुछ मिनट बाद तक भी लैंडिंग की पुष्टि नहीं की गई थी। इंजीनियर फिर से लैंडर के साथ कम्युनिकेशन सेटअप कर रहे थे। आखिरकार एक सिग्नल मिला, जिससे यह कन्फर्म हो गया कि लैंडर चांद की सतह पर उतर चुका है।
रिकॉर्ड 8 दिनों में चांद पर पहुंचा मिशन
आईएम-1 मिशन रिकॉर्ड 8 दिनों में चांद पर पहुंच गया। 15 फरवरी को इसने स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट की मदद से उड़ान भरी थी। मिशन उसी रूट से चांद पर गया, जिस रूट से करीब 50 साल पहले अपोलो मिशन को भेजा गया था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस मिशन के लिए कंपनी के साथ करीब हजार करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया था।
चांद की सतह पर लैंड करने के बाद ओडीसियस लैंडर 7 दिनों तक काम करेगा।
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2024-02-23 00:38:08
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