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Bihar: पत्नी से जिस दिन लौटने का वादा किया उसी दिन गांव पहुंचा पार्थिव शरीर, नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए मनीष


शहादत की बात सुनकर शोक में डूबा परिवार।
– फोटो : अमर उजाला

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बिहार के गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड की तिवारी चफ़वा गांव के रहने वाले 33 साल के मनीष तिवारी ने बीती रात 15 दिसंबर को अपनी पत्नी से फोन पर बात कर 17 दिसंबर को घर आने का वादा किया था, लेकिन देश की सुरक्षा में तैनात इस सेना के जवान और उसके परिवार को अंदाजा नहीं था कि वो 17 तारीख को घर तो पहुंचेगा, मगर परिवार से मिलने के लिए नहीं अपनी अंतिम यात्रा के लिए। 16 दिसंबर को जम्मू कश्मीर के राजौर में नक्सलियों के साथ हुई गोलीबारी में मनीष तिवारी शहीद हो गए थे।

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मनीष ने 2012 में सेना में ज्वाइन की थी, पार्थिव शरीर के साथ लौटे घर 

मंगलवार को जब मनीष तिवारी का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो हर तरफ शोक छा गया। उनके परिवार में बीमार मां, पत्नी और 10 साल का बड़ा और पांच साल का छोटा बेटा है। मनीष अपने घर में अकेले कमाने वाले थे। उनके जाने के बाद परिवार ने अपना वो सहारा खो दिया है।

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