मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कद केंद्र में बढ़ रहा है। उन्हें झारखंड विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया है, जहां उनकी लोकप्रिय प्रचार शैली और ओबीसी वर्ग को साधने की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। भाजपा ओबीसी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए शिवराज का प्रभाव बढ़ा रही है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Fri, 25 Oct 2024 06:45:28 PM (IST)
Updated Date: Fri, 25 Oct 2024 07:06:12 PM (IST)
HighLights
- शिवराज को झारखंड चुनाव का प्रभारी बनाया गया
- शिवराज की प्रचार शैली आम जनता में है लोकप्रिय
- झारखंड में OBC मतदाताओं को साधने में जुटी BJP
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया भोपालः मध्य प्रदेश के 17 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कैबिनेट में लगातार बढ़ रहा है। पार्टी संगठन भी उन पर पूरा भरोसा कर रहा है। इसी कारण पार्टी ने उन्हें नवंबर में होने जा रहे झारखंड विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया है। टिकट वितरण के बाद अब उन्हें चुनाव प्रबंधन संबंधी निर्णयों के लिए फ्री हैंड दे दिया गया है। हाल ही में शिवराज सिंह को पीएम की फ्लैगशिप योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर नजर रखने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
शिवराज की प्रचार शैली लोकप्रिय
दरअसल, शिवराज सिंह ऐसे नेता हैं, जिनमें जनता आम आदमी की छवि देखती है। उनका जनता से जुड़ने का तरीका बहुत ही सहज, सरल है। यही वजह है कि झारखंड में भी उनकी प्रचार शैली लोकप्रिय हो रही है। ओबीसी वर्ग को साधने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है। आदिवासी क्षेत्रों में शिवराज की रैली और सभाओं में भी भीड़ उमड़ रही है।
ओबीसी वर्ग को शिवराज के जरिये साध रही भाजपा
वैसे तो भाजपा अपने दिग्गज नेताओं को जाति या समाज के चेहरे के रूप में पेश नहीं करती, लेकिन जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उपयोग करने में भी पीछे नहीं रहती। ऐसे ही शिवराज सिंह चौहान का ओबीसी चेहरे के रूप में भाजपा में प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। झारखंड में भी ओबीसी मतदाताओं को साधने के लिए उनका उपयोग किया जा रहा है।
दरअसल, पहले भी शिवराज सिंह दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार में शामिल होते रहे हैं, साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में आमंत्रित होते रहे हैं, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बढ़ते भरोसे के बीच शिवराज की राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति के खास मायने निकाले जा रहे हैं।
लगभग 40 प्रतिशत ओबीसी मतदाता
भाजपा झारखंड में अपना वोट शेयर 51 प्रतिशत करने के लिए प्रयास कर रही है। यहां ओबीसी मतदाताओं की संख्या 40 प्रतिशत के आसपास है। पिछले चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 करने का वादा किया था। भाजपा ने भी इसे चुनावी मुद्दा बनाया था।
कमजोर वर्ग में बदलाव लाने की शिवराज की छवि रही
शिवराज सिंह की छवि सफलतम मुख्यमंत्री के साथ किसानों, बेटियों और बुजुर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं से बदलाव लाने की है। इसका लाभ झारखंड में भी देखने को मिल रहा है। जनता को अपनेपन से जोड़ना हो, महिला और बुजुर्गों के हित की योजना हो या सनातन धर्म का कोई विषय, शिवराज सिंह चौहान किसी भी मौके पर मंच लूटने वाले अग्रिम पंक्ति के वक्ताओं में शामिल हैं।
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