एक न्यूज कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए एस. सोमनाथ ने कहा कि अब यह वहां शांति से सो रहा है…इसे अच्छे से सोने दो..हम इसे परेशान न करें…जब यह अपने आप उठना चाहेगा, तो उठेगा…मैं अभी इसके बारे में यही कहना चाहता हूं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या इसरो को अब भी उम्मीद है कि रोवर फिर से सक्रिय हो जाएगा, उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद रखने का कारण है।” सोमनाथ ने ‘उम्मीद’ के कारण बताते हुए कहा कि इस मिशन में एक लैंडर और एक रोवर शामिल थे । उन्होंने बताया कि लैंडर एक विशाल संरचना है, इसलिए इसका पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया जा सका।
लेकिन जब रोवर की टेस्टिंग जीरो से माइनस 200 डिग्री सेल्सियस पर की गई, तो वह उससे भी कम तापमान पर काम करता हुआ पाया गया। इसरो प्रमुख ने स्पष्ट किया कि ‘चंद्रयान-3′ मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि इसरो मिशन के माध्यम से एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करने के बाद लैंडर और रोवर वहां कई दिनों तक प्रयोग किए। चंद्रयान-3 की बदौलत भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है, जो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं।
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2023-10-20 07:16:07
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