इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रयान-4 मिशन में 5 मॉड्यूल शामिल होंगे। ये हैं- एसेंडर मॉड्यूल (AM), डिसेंडर मॉड्यूल (DM), री-एंट्री मॉड्यूल (RM), ट्रांसफर मॉड्यूल (TM) और प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM)।
रिपोर्ट के अनुसार, इन मॉडलों को दो LVM3 रॉकेट की मदद से अलग-अलग लॉन्च किया जाएगा। एक बयान में इसरो ने बताया है कि चंद्रमा पर लैंडिंग के बाद डिसेंडर मॉड्यूल में लगा रोबोटिक आर्म सैंपल जुटाने का काम शुरू कर देगा। वह 2 से 3 किलो सैंपल इकट्ठा करेगा। सैंपल को एक कंटेनर में ट्रांसफर किया जाएगा। कंटेनर को सील कर दिया जाएगा, ताकि पृथ्वी पर वापस लाने के दौरान वह किसी चीज के संपर्क में ना आए।
मिशन की खास बात यह भी है कि जो भी टेक्नॉलजी इसमें इस्तेमाल की जाएगी, वो मेड इन इंडिया होगी।
दो हिस्सों में लॉन्च होगा मिशन?
इसरो पहले भी बता चुकी है कि चंद्रयान-4 की वजन क्षमता इसरो के पास मौजूद सबसे पावरफुल रॉकेट से ज्यादा हो सकती है। इस वजह से मिशन को दो हिस्सों में लॉन्च करने की तैयारी है। ऐसा होता है तो यह दुनिया का पहला मिशन होगा, जिसे दो भागों में उड़ाया जाएगा और स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा।
अगर यह मिशन सफल होता है तो इसरो दुनिया में इतिहास रच देगा। अभी तक दुनिया के तीन देश- अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा से सैंपल लेकर वापस आ पाए हैं। भारत भी ऐसा कर लेता है, तो उसकी उपलब्धि एकदम अलग होगी।
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