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City Surveillance: चेहरा पहचान लेगी “हाईटेक तीसरी आंख”, प्रोजेक्ट को सरकार की अंतिम मंजूरी का इंतजार

शहर में 290 स्थानों पर एचडी कैमरों (हाईटेक तीसरी आंख) से निगरानी के लिए प्रस्तावित सिटी सर्विलांस सिस्टम का काम फिर अटक गया है।सिटी सर्विलांस सिस्टम के लिए राज्य सरकार से एक बार संशोधन के बाद स्वीकृति दे दी थी। लेकिन अब एक बार फिर से सरकार से स्‍वीक़ति लेनी होगी।

By Priyank Sharma

Publish Date: Thu, 07 Nov 2024 12:18:47 PM (IST)

Updated Date: Thu, 07 Nov 2024 11:19:28 PM (IST)

शहर के प्रमुख चौराहे पड्ाव पर लगे सीसीटीवी कैमरे, यहां पर एचडी कैमरे लगाने का है प्रस्‍ताव

HighLights

  1. शहर में निगरानी के लिए 290 स्थानों पर लगना है एचडी कैमरे
  2. राज्य सरकार की अंतिम स्वीकृति में देरी होने पर प्रोजेक्ट भी लेट होगा
  3. काम शुरू करने एक बार फिर से राज्य सरकार से स्वीकृति मिलनी है

नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर में 290 स्थानों पर एचडी कैमरों (हाईटेक तीसरी आंख) से निगरानी के लिए प्रस्तावित सिटी सर्विलांस सिस्टम का काम फिर अटक गया है। इन कैमरों में चेहरों की पहचान भी आसानी से हो सकेगी। सिटी सर्विलांस सिस्टम के लिए राज्य सरकार से एक बार संशोधन के बाद स्वीकृति दे दी थी, जिसके बाद स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने टेंडर प्रक्रिया कर पात्र कंपनी का चयन कर लिया। अब काम शुरू करने के लिए एक बार फिर से राज्य सरकार से स्वीकृति मिलनी है।

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इस स्वीकृति के चार माह के अंदर कंपनी को पोल खड़े कर ये कैमरे इंस्टाल करने के साथ ही सर्वर भी तैयार करना है, लेकिन अब स्मार्ट सिटी के कार्यकाल में ही चार माह का समय शेष है। ऐसे में स्वीकृति मिलने में देरी होने पर प्रोजेक्ट भी लेट होगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर में अलग-अलग स्थानों पर बेहतर क्वालिटी के कैमरे लगाए जाने हैं, जो स्मार्ट सिटी के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम से भी जुड़े रहेंगे।

इन कैमरों में चेहरों की पहचान भी आसानी से हो सकेगी। स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने पहले इसके लिए 32 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया था, लेकिन इसे स्वीकृति नहीं मिल सकी थी। इसके बाद प्रोजेक्ट की राशि को कम कर 8.46 करोड़ रुपये पर लाया गया। इसकी टेंडर प्रक्रिया में केंद्र सरकार की पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) कंपनी टेलीकम्युनिकेशन कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड (टीसीआइएल) को 8.15 करोड़ रुपये में ठेका मिला है। कंपनी को इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 290 चिह्नित स्थानों पर कैमरा लगाने हैं। इन वाइड डायनामिक रेंज कैमरों से शहर की निगरानी होगी।

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ये कैमरे कार्पोरेशन द्वारा तैयार स्मार्ट रोड, महाराज बाड़ा पर मल्टी लेवल अंडर ग्राउंड पार्किंग सहित पार्क, चौराहे और तिराहों पर लगाए जाएंगे। ये रहेगी कैमरों की विशेषता: अंधेरा होने के बाद कई बार लाइट का फोकस होने से सीसीटीवी कैमरों से तस्वीर साफ नहीं आती, लेकिन इन कैमरों में तस्वीर पूरी तरह साफ मिलेगी। ये कैमरे तीन-चार क्वालिटी के खरीदे जाएंगे। 21 दिन तक कैमरों में रिकार्डिंग पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। इन कैमरों को कंट्रोल कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए लीज लाइन से लेकर बिजली का कनेक्शन भी लिया जाएगा।

रान्ग साइड वाहनों के होंगे चालान, अपराध-हादसों की पड़ताल में मिलेगी मदद

अभी स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन का कैमरों से जुड़ा एक प्रोजेक्ट आइटीएमएस चल रहा है। यह ट्रैफिक मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसमें रान्ग साइड से आने वाले वाहनों के चालान करने की सुविधा नहीं है। सिटी सर्विलांस सिस्टम का उपयोग ट्रैफिक के लिए भी किया जाएगा। इसमें रान्ग साइड से आने वाले वाहनों की फोटो खींचकर चालान भी कराए जा सकेंगे। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस या आइटीएमएस के साथ सिस्टम को लिंक किया जाएगा। इन कैमरों से अपराध और हादसों की पड़ताल में भी पुलिस को मदद मिलेगी।

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