भोपाल में साइबर अपराधी अब बैंक खातों का उपयोग ठगी के लिए करने लगे हैं। जांच में पता चला कि ठग विभिन्न जिलों में किराये के बैंक खातों का नेटवर्क तैयार कर रहे हैं, जिससे ठगी की रकम 100 से 150 खातों में जल्दी घुमाई जा रही है। इसमें महिलाएं, छात्र और बेरोजगार लोग मुख्य निशाने पर हैं।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Mon, 02 Dec 2024 06:49:59 PM (IST)
Updated Date: Tue, 03 Dec 2024 12:32:44 AM (IST)
HighLights
- किराए के बैंक खातों से करोड़ों रुपये का हो रहा साइबर फ्राड
- पांच मिनट में कई खातों में रकम पहुंचा देते हैं साइबर अपराधी
- 10-15 % हिस्सेदारी के लालच में किराए पर दिए जा रहे खाते
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शांति का टापू कहे जाने वाले मप्र की राजधानी भोपाल में साइबर अपराधियों ने इस शहर में घुसपैठ बना ली है। हाल ही में देश के अन्य राज्यों में साइबर ठगी के मामलों में जांच में पता चला कि ठगी की रकम राजधानी में रह रहे कुछ लोगाें के खातों में ट्रांसफर हुई है। ठगी के लिए चर्चित राज्यों की तरह भोपाल के रहवासियों के भी बैंक खातों का उपयोग साइबर ठगी में होने लगा है।
खाताधारकों को कमीशन
साइबर पुलिस का कहना है कि पिछले दिनों बिहार के गिरोह के गिरफ्त में आने के बाद बैंक से जानकारी जुटाई जा रही थी कि खातों को किराये पर देने के बाद उनको कितना कमीशन दिया जा रहा था। जांच में सामने आया है खाते में आई ठगी की राशि का करीब 10 से 15 प्रतिशत तक इन खाताधारकों को दिया जाता था।
खंगाले जा रहे 400 से अधिक बैंक खाते
प्रदेश श्योपुर, शिवपुरी, टीकमगढ़ और भोपाल के ऐसे करीब 400 बैंक को खंगाला जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि ठगों ने अलग अलग प्रदेश और उसके बाहर किराये के बैंक खातों का ऐसा नेटवर्क तैयार किया है उन तक पहुंच पाने की सभावना बहुत कम हो जाती है।
5 मिनट में कई खातों में घुमा देते हैं रकम
ठग पांच मिनट के भीतर 100 से 150 बैंक खातों में रकम को घुमा दे रहे हैं। पुलिस जब तक एक खाते को फ्रीज कराती है रकम दूसरे, फिर तीसरे खाते में पहुंच जाती है। साइबर एक्सपर्ट संदीप शर्मा ने बताया कि लोन एप जैसे साइबर ठग रहते तो विदेश में हैं, लेकिन भारत में इनका पूरा सिंडिकेट काम करता है।
महिलाओं, छात्रों, बेरोजगारों के खाते किराए पर
अब यह प्रदेश के लोगों के बैंक खाता भी किराये पर लेने लगे हैं। इसके बदले साइबर ठग खाताधारकों को मोटी रकम देते हैं, ऐसे में बेरोजगार लोगों को लगता है कि इससे घर बैठे ही मोटी कमाई हो जाती है।
इसलिए इनके निशाने पर कम आय वाले लोग रहते हैं, छात्र और महिलाओं के बैंक खातों का यह उपयोग करते हैं। जब ऑनलाइन ठगी में अधिकांश मामलों में पुलिस इन खाताधारकों को गिरफ्तार करती, तब तक मुख्य आरोपित बाहर निकल जाते हैं।
खुदकुशी करने वाले भूपेंद्र की ठगी की राशि भी भोपाल में हुई थी जमा
नवंबर 2023 में पुलिस ने आनलाइन लोन एप में फंसने के बाद पत्नी-बच्चों सहित जान देने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा के रुपये ठगने वाले जिन अपराधियों को पुलिस ने देशभर में तलाश रही थी, वह शहर में ही मौजूद थे। लोन एप की ठगी की राशि कई जगहों से होती हुई भोपाल के पांच लोगों के जमा हुई थी। इस मामले में पांच आरोपितों को बाद में गिरफ्तार किया गया।
बैंक मैनेजर ने बेचे 8 खाते, गिरफ्तार हो चुकी है
सितंबर 2024 में साइबर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी में क्राइम ब्रांच से की। जांच में पता चला कि निजी बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर आसिफ खान इस मामले में शामिल है। इसके बाद ब्रांच के रिलेशनशिप मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने करीब आठ अकाउंट साइबर ठगों को बेचे हैं।
खाते बेचने में इन लोगों की भी हुई गिरफ्तारी
अक्टूबर 2024 में साइबर क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई की,जिसमें फर्जी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज यानि पीएमएस वेबसाइट का इस्तेमाल कर आनलाइन निवेश धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के लिए भोपाल के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
इनमें मीनल रेजीडेंसी निवासी सचिन कुमार गौतम , निखिल सिंह और अशोका गार्डन के पुरुषोत्तम नगर निवासी आकाश कुमार ने ठगी के किराये के खातों को बेचने में मदद की।
इन जिलों में किराये के खातों का अधिक उपयोग
पूर्व एसपी एके जायसवाल ने बताया कि इस समय टीकमगढ़ जिले के कुछ गांव में ठगी का काम जोरों पर है।जहां किराये के खाते साइबर ठग का उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी तरह से शिवपुरी जिले के करेरा,श्योपुर के रघुनाथपुर के आसपास के क्षेत्रो में यह कम हो रहा है।
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