नई दिल्ली. गुकेश डी… पूरे विश्व भर में यह नाम जोरों शोरो से गूंज रहा है. गुकेश डी (D Gukesh) ने भारत के लिए इतिहास रच दिया है. वह वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 (World Chess Championship 2024) का खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब जीता. गुकेश के माता पिता दोनों ही डॉक्टर हैं. दोनों ने गुकेश को चैंपियन बनाने में भरपूर योगदान दिया है.
गुकेश की मां ने एक बार बताया था कि गुकेश को पढ़ाई लिखाई में हमेशा मन लगता था. वह इससे कभी नहीं कतराता था. एक दिन गुकेश के टीचर ने मुझे बताया कि गुकेश काफी अच्छा चेस खेलता है. वह अपने से बड़े उम्र के प्लेयर को हरा देता था. हमें लगा कि वह अपना करियर चेस में बना सकता है. मैं तभी से चाहने लगी कि मेरा बेटा शतरंज ही खेले.
गुकेश के लिए खाना बनाती थी मां
बता दें कि गुकेश की मां हर दौरे पर गुकेश के साथ होती हैं और उनका ख्याल रखती है. वह अपने बेटे के लिए खाना बनाती हैं और टूर के दौरान साथ ही रहती हैं. गुकेश की मां एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं. वह अपने बेटे को देखने के लिए गई थीं लेकिन वह बाद में लौट आई थी. गुकेश ने जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरे पिता मेरे साथ ही हैं. मेरी मां वापस चली गई थी. वह आपस आएंगी तो हम साथ में सेलिब्रेट करेंगे.
पिता ने दिया पूरा साथ
गुकेश डी के पिता सर्जन हैं. वह अपने बेटे के लिए अपना काम तक छोड़ने के लिए तैयार थे. दरअसल, जब भी गुकेश का कोई टूर्नामेंट होता था तो वह उनके साथ चले जाया करते थे. महीने के 15 दिन वह गुकेश के साथ ही बिताते थे. इसके बाद के 15 दिन वह अपने काम में लगाते थे. इसका असर उनके करियर पर हो सकता था लेकिन वह ऐसा करने से कभी नहीं डरते थे.
गुकेश के करियर की शुरुआत
गुकेश ने पहली बार गजब का कारनामा तब किया उन्होंने साल 2015 में एशियन स्कूल शतरंज चैंपियनशिप का अंडर 9 वर्ग जीता था. फिर उन्होंने साल 2018 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप जीती थी. 2018 एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में गुकेश ने पांच गोल्ड मेडल जीते थे. वह मार्च 2018 में फ्रांस के 34वें ओपन डे कैपले ला ग्रांडे शतरंज टूर्नामेंट में एक इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे.
Tags: D Gukesh, World Chess Championship
FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 20:01 IST
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