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Dhanteras Puja Time: 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे शुरू होगी त्रयोदशी तिथि, पूरे 26 घंटे रहेगा खरीदारी का शुभ मुहूर्त

दीपावली के पांच दिवसीय दीपोत्‍सव त्‍योहार की शुरुआत धनतेरस से होगी। इस बार धनतेरस 29 अक्‍टूबर को है। धनतेरस पर लोग सोना, चांदी व बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद के देवता भगवान धन्‍वंतरी धनतेरस के लिए प्रकट हुए थे। इनकी पूजा भी धनतेरस को होगी है। धन्‍वंतरी भगवान की पूजा करने से निरोग रहतेहैं।

By Jogendra Sen

Publish Date: Mon, 28 Oct 2024 08:30:11 AM (IST)

Updated Date: Mon, 28 Oct 2024 04:35:54 PM (IST)

धनतेरस पर शुभ मुहूर्त पर करें खरीदारी। (सांकेतिक फोटो)

HighLights

  1. दिवाली उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती हैं
  2. इस दिन सोना, चांदी व बर्तन खरीदने का महत्व
  3. आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए थे

नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर। पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार से शुरू होगा। इस दिन भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ और फलदायी माना जाता है।

त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनिट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 30 अक्टूबर को दोपहर बाद एक बजकर 15 मिनट पर होगा। धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत गोधूल काल में मंगलवार 29 अक्टूबर शाम छह बजकर 31 मिनट से आठ बजकर 13 मिनट तक रहेगी।इस तरह धनतेरस पर भगवान धन्वंतरी, गणेश और कुबेर जी की पूजा के लिए कुल एत घंटा 41 मिनट का समय मिलेगा।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि दिवाली उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई जाती है।इस दिन भगवान धन्वंतरी और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा का विधान है। धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदते हैं।

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धनतेरस पर ख़रीदारी का शुभ मुहूर्त

धनतेरस के दिन पूजा पाठ के साथ ही खरीदारी का भी विशेष महत्व है।इस दिन लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। इस बार 29 नवंबर को सुबह 10बजकर 34 मिनिट से अगले दिन दोपहर एक बजे तक खरीदारी कर सकते हैं।

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धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि पूजा

  • धनतेरस के दिन ही आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए थे। ये देवताओं के वैद्य थे। इस दिन धन्वंतरी देव की पूजा करने से सभी शारीरिक रोग नष्ट हो जाते हैं।
  • जिस अमृत कलश के लिए समुद्र मंथन किया गया था, उसे धन्वंतरि ही लेकर बाहर निकले थे। इन्हें आयुर्वेद का प्रणेता और चिकित्सा क्षेत्र में देवताओं के वैद्य के रूप में जाना जाता है।
  • धन्वंतरि आरोग्यता प्रदान करने वाले देवता माने जाते हैं। मान्यता है कि इनकी पूजा से रोगों से मुक्ति मिलती है और आयोग्यता की प्राप्ति होती है।

धनतेरस पर पूजा विधि

धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में धन्वंतरि देव के साथ मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की तस्वीर या मूर्ति स्थापना करें। इसके बाद कुबेर देव और धन्वंतरि देव की पूजा करें।फिर घी का दीपक जलाएं और शाम में द्वार पर भी दीपक जलाएं. धनतेरस के धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं।उसके बाद मंत्रों का जाप करें और आरती करें।

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