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Digital Arrest: मदरसे में जमा हुए सायबर ठगी के डेढ़ करोड़, कन्नौज से प्रबंधक और उपसंचालक गिरफ्तार

इंदौर क्राइम ब्रांच ने कन्नौज के मदरसा समिति के पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया, जो साइबर अपराधियों के साथ मिलकर ठगी के पैसे जमा करवा रहे थे। आरोपितों ने 40 लाख रुपये के ट्रांसफर के लिए फर्जी खातों का इस्तेमाल किया और वीपीएन से अपनी लोकेशन छिपाई। पुलिस जांच जारी है।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Sat, 07 Dec 2024 11:36:00 PM (IST)

Updated Date: Sat, 07 Dec 2024 11:36:54 PM (IST)

कन्नौज के मदरसा समिति के पदाधिकारियों को गिरफ्तार।

HighLights

  1. मदरसा समिति के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी
  2. साइबर अपराधियों के साथ मिल करते थे ठगी
  3. असद अहमद ने वीपीएन से छिपाई लोकेशन

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: डिजिटल अरेस्ट की घटना में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच ने कन्नौज(उप्र) से मदरसा समिति के पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया। आरोपित साइबर अपराधियों से मिलकर समिति के खातों में ठगी के रुपये जमा करवा रहे थे। इनके तार विदेशों बैठे अपराधियों से जुड़े होने की संभावना है।

वीपीएन का इस्तेमाल करते थे अपराधी

मुख्य आरोपित जांच एजेंसी से बचने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल करता था। एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक 11 सितंबर को छाया साइबर अपराध का शिकार हुई थी। आरोपितों ने छाया को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर दो खातों में 46 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए थे।

मसरसा संचालन करता था आरोपी

एक्सपर्ट ने मामले की जांच कर शुक्रवार को सतौरा कन्नौज(उप्र) से अली अहमद खान और उसके बेटे असद अहमद खान को गिरफ्तार कर लिया। एडीसीपी के मुताबिक आरोपित ग्राम सतौरा में ”फलाह दारेन मसरसा” का संचालन करते है। 69 वर्षीय अली मदरसा समिति में प्रबंधक और असद अहमद सह प्रबंधक है।

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मदरसे के खाते में ठगी की राशि

आरोपितों ने समिति के खाते में 40 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करवाए थे। पूछताछ में सह प्रबंधक ने साइबर अपराधियों से मिलकर देशभर में ठगी करना स्वीकारा। आरोपित को खाते मुहैया करवाने के बदले जमा राशि का 50 प्रतिशत कमिशन मिलता था।

पुलिस ने शनिवार दोपहर अली को कोर्ट पेश कर जेल भेज दिया, जबकि असद अहमद को 10 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर ले लिया है। उसके फोन की फोरेंसिक एक्सपर्ट से जांच करवाई जा रही है। पुलिस जांच के लिए आयकर और ईडी को भी पत्र लिखेगी।

चाइना के नेटवर्क का उपयोग करता था असद अहदम

पुलिस को आरोपित असद अहदम के फोन में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क(वीपीएन)एप मिला है। आरोपित असद अहमद सिंघई(चाइना) के नेटवर्क का उपयोग करता था। इससे जांच एजेंसियां उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर सकती थी।

उसने पूछताछ में बताया कि कुछ महीनों पूर्व जम्मू कश्मीर के युवक से फेसबुक पर मुलाकात हुई थी। उसके इशारे पर ही कमिशन पर खातों की सप्लाई कर रहा था। पुलिस आगे की लिंक खंगाल रही है। शक है डिजिटल के मुख्य आरोपित विदेशों में बैठे हैं। आरोपित सेंडर एप का भी इस्तेमाल कर रहा था।

खाते खुलवाते ही अलग-अलग शहरों से आए डेढ़ करोड़

डीसीपी के मुताबिक आरोपितों के कुल नौ खातों की जानकारी मिली है। सभी खाते घटना के 15 दिन पूर्व ही खुलवाए गए थे। इससे स्पष्ट हो गया कि खातों का इस्तेमाल ठगने के लिए हुआ है। उसके एक ही खाते में डेढ़ करोड़ रुपए एक दिन में अलग अलग शहरों से जमा हुए है।

असद के द्वारा केरला, महाराष्ट्र, राजस्थान के खातों में रुपये भेजे गए हैं। आरोपितों की चेन्नई,नासिक,छग सहित अन्य राज्यों की पुलिस भी तलाश कर रही है। गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही जांच एजेंसियां सतर्क हो गई है।

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