‘फलाह दारैन साविरी मदरसा’ के सह प्रबंधक असद अहमद को 46 लाख रुपये की साइबर ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। असद ने ठग के खातों में रुपये ट्रांसफर करने के लिए स्क्रीन शेयरिंग एप का इस्तेमाल किया। आरोपित ने विभिन्न राज्यों के 18 बैंक खातों में पैसे भेजे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है और अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 09 Dec 2024 06:45:00 AM (IST)
Updated Date: Mon, 09 Dec 2024 06:45:27 AM (IST)
HighLights
- 65 वर्षीय वृद्धा छाया से 11 सितंबर को डिजिटल अरेस्ट कर 46 लाख रुपये ठगे थे।
- पुलिस ने इस मामले में यूपी के कन्नौज से बाप और बेटे को गिरफ्तार किया था।
- जांच में पता चला आरोपित चीन के वीपीएन का इस्तेमाल रुपये ट्रांसफर कर रहे थे।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। 46 लाख रुपये की साइबर ठगी में गिरफ्तार ‘’फलाह दारैन साविरी मदरसा’ के सह प्रबंधक असद अहमद ने चौकाने वाला खुलासा किया है। असद अहमद स्क्रीन शेयरिंग एप के माध्यम से ठग के खातों में रुपये ट्रांसफर करता था। पुलिस ने राजस्थान,पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों के 18 खातों की जानकारी जुटा भी ली है।
65 वर्षीय वृद्धा छाया से 11 सितंबर को डिजिटल अरेस्ट कर 46 लाख रुपये ठगे थे। पुलिस ने इस मामले में सतौरा कन्नौज(उप्र) से 69 वर्षीय अली अहमद और उसके 36 वर्षीय बेटे असद अहमद को गिरफ्तार किया। अली अहमद को पुलिस ने जेल भिजवा दिया।
2 सितंबर को नौ खाते खुलवाए थे
असद अहमद को मंगलवार तक रिमांड पर लिया है। उसने पूछताछ में बताया कि अगस्त माह में उसके पास इंटरनेट कॉल आया था। आरोपित ने 50 प्रतिशत कमीशन की दर पर खाता मांगा। आरोपितों ने 2 सितंबर को नौ खाते खुलवा लिए।
डेढ़ करोड़ रुपये जमा करवाए
11 सितंबर को विभिन्न राज्यों से एक खाते में डेढ़ करोड़ रुपये जमा करवाए गए। असद अहमद ने स्क्रीन शेयरिंग एप के माध्यम से ठग को फोन का एक्सेस देकर 18 खातों में रुपये ट्रांसफर कर दिए।जांच में पता चला आरोपित शंघाई(चीन) के वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस ने जांच के लिए फोन फोरेंसिक लैब भिजवाया है। अपराध शाखा के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक आरोपितों की अन्य राज्यों की पुलिस द्वारा भी तलाश की जा रही है।
फेसबुक पर चर्चा कर दिल्ली में की मुलाकात
जानकारी के मुताबिक असद अहमद ने फेसबुक पर फंड संबंधित विज्ञापन देख कर ठग से चर्चा की थी। उसने दिल्ली मिलने बुलाया और 50 प्रतिशत कमीशन की दर तय कर खाते लिए।
इसके बाद आरोपित से इंरनेट कॉलिंग पर ही बात हुई। पुलिस वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क(वीपीएन) के कारण पुलिस आगे की जांच में अटक गई है। पुलिस अब उन लोगों को ढूंढ रही है जिनके खातों में रुपये ट्रांसफर हुए है।
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