मध्य प्रदेश के गवर्नमेंट ऑटोनोमस डेंटल कॉलेज इंदौर में प्रिंसिपल के पद पर चल रही खींचतान को लेकर मप्र टीचर्स एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव (लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग) को पत्र लिखा है। एसोसिएशन ने शासन से मांग की है कि इस कॉलेज में पदों को डीपी
.
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राहुल रोकड़े और सचिव डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि राज्य शासन के 8 जनवरी के आदेश के तहत सीनियर प्रोफेसर डॉ. संध्या जैन से सीईओ/प्रिंसिपल का प्रभार लेकर जूनियर प्रोफेसर डॉ. अलका गुप्ता को सौंपा गया है। इसके खिलाफ 10 जनवरी को दायर याचिका में हाई कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
इस निर्णय के कारण सीनियर प्रोफेसरों को जूनियर प्रिंसिपल के अधीन काम करने के लिए विवश होना संस्थान की छवि के लिए हानिकारक और उनके मनोबल को गिराने वाला है। राज्य शासन ने मध्य प्रदेश स्वशासी चिकित्सा और दंत चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम 2018 को लागू किया है।
इन नियमों का दिया हवाला
टीचर्स एसोसिएशन ने पत्र में शासन द्वारा लागू किए गए नियमों का भी हवाला दिया है। इन नियमों के तहत इंदौर के स्वशासी दंत चिकित्सा महाविद्यालय के मंजूर पदों की अनुसूची-01 में सीईओ का एक पद स्वीकृत है।
अनुसूची-02 में मुख्य सीईओ पद के लिए पदोन्नति या सीधी भर्ती का प्रावधान किया गया है। वहीं, अनुसूची-04 में यह निर्धारित किया गया है कि प्राध्यापक के पद से सीईओ के पद पर पदोन्नति विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) के जरिए की जाएगी।
एसोसिएशन का कहना है कि इन नियमों के अनुसार ही पदों की नियुक्ति की जानी चाहिए, ताकि किसी तरह का विवाद न हो और सही प्रक्रिया का पालन हो सके।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट का हवाला
मध्य प्रदेश टीचर्स एसोसिएशन ने गवर्नमेंट ऑटोनोमस डेंटल कॉलेज इंदौर में प्रिंसिपल के पद पर चल रहे विवाद को लेकर शासन को पत्र लिखा है। इस पत्र में एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया है और मांग की है कि पदोन्नति की प्रक्रिया सही तरीके से की जाए।
- पत्र में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुमति याचिका (सिविल) 5868/2023 (मध्यप्रदेश शासन विरुद्ध विनय कुमार बाबेले) और विशेष अनुमति याचिका (सिविल) 6295/2023 में 10 अप्रैल 2023 को आदेश दिया था कि मध्यप्रदेश में पदोन्नति की कार्यवाही में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। पदोन्नतियां सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दायर एसएलपी (C) 13954/2016 के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी।
- इसके अलावा, हाई कोर्ट ने मध्यप्रदेश में पदोन्नति से संबंधित कई मामलों में आदेश पारित किए हैं। इनमें रिट याचिका क्र. 8474/2019 (नरेश शर्मा विरुद्ध म.प्र. शासन) में 17 जून 2019, रिट याचिका क्र. 14142/2021 (डॉ. जयप्रकाश अग्रवाल विरुद्ध म.प्र. शासन) में 4 अगस्त 2021 और रिट याचिका क्र. 36945/2024 (दीपक कुमार गुप्ता विरुद्ध म.प्र. शासन) में 26 नवंबर 2024 में यह निर्देश दिया था कि विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक बुलाकर पदोन्नति दी जाए।
- एसोसिएशन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के इन आदेशों के आधार पर गवर्नमेंट ऑटोनोमस डेंटल कॉलेज इंदौर में सीईओ/प्रिंसिपल के एकल पद पर डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) के माध्यम से पदोन्नति दी जानी चाहिए।
एसोसिएशन ने शासन से यह मांग की है कि पदोन्नति की प्रक्रिया सही तरीके से और नियमों के अनुसार पूरी की जाए, ताकि किसी तरह का विवाद न हो और संस्थान की छवि बनी रहे।
Source link
https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Findore%2Fnews%2Findore-the-post-of-dental-college-principal-should-be-filled-by-doing-dpc-134314087.html
#DPC #कर #भर #डटल #कलज #परसपल #क #पद #एमटए #न #लख #पतर #जनयर #क #अधन #कम #करन #दरभगयपरण #और #मनबल #गरन #जस #Indore #News