इंदौर में आयोजित पांच दिवसीय ईएजी (यूरेशियन एशियन ग्रुप) की 41वीं प्लेनरी बैठक में मनी लांड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण पर नियंत्रण के लिए सदस्य देशों की खुफिया एजेंसियों के बीच जानकारी साझा करने का निर्णय लिया गया। भारत ने सीमा पार आतंकवाद और क्रिप्टो करेंसी पर नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। अगले साल 42वीं बैठक मास्को में होगी।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Fri, 29 Nov 2024 08:01:58 PM (IST)
Updated Date: Fri, 29 Nov 2024 08:01:58 PM (IST)
HighLights
- EAG देशों की इंटेलिजेंस साझा करेगी खुफिया जानकारी
- इंदौर में ईएजी की 41वीं प्लेनरी बैठक का समापन
- 42वीं बैठक अगले वर्ष 26-30 मई को मास्को में होगी
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: मनी लांड्रिंग व आतंकी वित्त पोषण की रोकथाम के लिए यूरेशियन एशियन ग्रुप (ईएजी) देशों की वित्तीय खुफिया एजेंसियां आपस में जानकारी साझा करेंगी। इंदौर में आयोजित पांच दिवसीय ईएजी की 41वीं प्लेनरी बैठक में भारत ने सीमा पार आंतकवाद पर अपना मत रखा।
ईएजी सदस्य देशों की खुफिया एजेंसियों द्वारा आतंकी संगठनों की निगरानी से प्राप्त जानकारियां साझा करने का निर्णय लिया गया। भारत ईएजी में शामिल ईरान सहित अन्य देशों को मनी लांड्रिंग पर नियंत्रण के लिए तकनीकी सहयोग देगा। शुक्रवार को बैठक का समापन हुआ।
यह भी बताया गया कि 42वीं ईएजी प्लेनरी मीटिंग अगले वर्ष 26-30 मई को मास्को में होगी। बैठक में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के साथ संयुक्त रूप से आयोजित भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट की समीक्षा की गई और उसे मंजूरी दी गई।
बैठक में ताजिकिस्तान की प्रगति रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई और उसे मंजूरी दी गई। साथ ही, संयुक्त अरब अमीरात को आब्जर्वर नियुक्त करने पर ईएजी देशों ने स्वीकृति प्रदान की।
क्रिप्टो करेंसी पर नियंत्रण को लेकर भारत ने किए बेहतर प्रयास बैठक के समापन के अवसर पर ईएजी के चेयरमैन यूरी चिखानचिन ने मीडिया को बताया कि प्लेनरी बैठक में निर्णय लिया गया कि भारत एफएटीएफ के तय मानकों को पूरा करते हुए तकनीकी अनुपालन में उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
मनी लांड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण जोखिम की समझ, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, बुनियादी और लाभकारी स्वामित्व जानकारी, वित्तीय खुफिया जानकारी के उपयोग और अपराधियों को उनकी संपत्ति से वंचित करने जैसे मामलों में भारत ने प्रभावी रूप से काम किया है। उन्होंने बताया कि मनी लांड्रिंग में तेजी से बहु-स्तरीय योजनाएं शामिल हो रही हैं।
आतंकवादी वित्त पोषण योजनाओं में अकसर विदेशी सहित क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजर्स और क्रिप्टो वालेट शामिल होते हैं, जो मुख्य रूप से प्राक्सी के नाम पर खोले जाते हैं। भारत में इस पर नियंत्रण के लिए बेहतर प्रयास हुए हैं। प्रमुख देशों के 175 से अधिक प्रतिनिधि रहे शामिल ईएजी बैठक में 175 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
इनमें ईएजी के सभी सदस्य देश, एफएटीएफ सचिवालय, एफएटीएफ-शैली के क्षेत्रीय निकाय (एमईएनएएफएटीएफ, एपीजी, ईएसएएएमएलजी) के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आर्मेनिया, ईरान, यूएसए, जापान, सीआईएस एटीसी, ईडीबी, ईईसी, सीआइएस कार्यकारी समिति, आइएमएफ, न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी), सीएचएफआइयू, एससीओ, अजरबेजान, नेपाल, यूएई, सऊदी अरब और श्रीलंका के पर्यवेक्षकों के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया।
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