जनरेटिव एआई (GenAI) को आम भाषा में इस तरह से समझा जा सकता है कि इसमें किसी बॉट को खूब सारा डेटा अपलोड करके ट्रेनिंग दी जाती है। मीशाे के मामले में वॉयस बॉट, लोगों की आवाज पहचानकर उनकी प्रॉब्लम सुनेगा और उसका निपटारा करेगा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मीशो ने बताया है कि फिलहाल उसका AI बॉट अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में सपोर्ट करता है और रोजाना 60 हजार कस्टमर कॉल हैंडल करता है। कंपनी बहुत जल्द 6 और भाषाओं में एआई का सपोर्ट शुरू करेगी।
टेकक्रंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मीशो के 16 करोड़ से ज्यादा कस्टमर हैं। इनमें से 80 फीसदी छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में हैं। 4.9 अरब डॉलर की वैल्यू वाला यह स्टार्टअप हर साल 5 अरब डॉलर से ज्यादा की सेल करता है।
हालांकि कंपनी ने यह डिटेल शेयर नहीं की है कि उसने कैसे प्रति-कॉल आने वाले खर्च को एआई बॉट की मदद से 75 फीसदी तक कम किया। कंपनी का दावा है कि ग्राहकों की 95 फीसदी परेशानियां बॉट सॉल्व कर लेता है, सिर्फ 5 फीसदी कॉल में इंसानी दखल की जरूरत पड़ती है। कंपनी का कहना है कि वॉयस बॉट के आने से यह भी सुनिश्चित होगा कि कस्टमर केयर चौबीसों घंटे काम करता रहे।
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2024-11-27 09:28:54
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