ओरियन नेबुला का सर्वे करते हुए जेम्स वेब टेलीस्कोप ने ऐसे लगभग 40 जोड़ों की पहचान की। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ये ऑब्जेक्ट्स तारा बनने के लिए बहुत छोटे हैं। साथ ही एक ग्रह की जो परिभाषा है, उसे भी चुनौती दे रहे हैं। यह अपने तारे की कक्षा में नहीं हैं। ना ही किसी तारे की परिक्रमा करते हैं। इन खोजों ने वैज्ञानिकों को हैरानी में डाला है। वैज्ञानिक समझना चाहते हैं कि आखिर ये क्या चीज हैं।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने इन ऑब्जेक्ट्स के बनने को लेकर 2 संभावित तर्क दिए हैं। पहला तर्क है कि ये ऑब्जेक्ट नेबुला में उन इलाकों में डेवलप हुए, जहां मौजूद मटीरियल एक तारे के निर्माण के लिए नाकाफी था।
दूसरी संभावना है कि ये ऑब्जेक्ट बने तो तारों के चारों ओर थे, लेकिन तारों की गुरुत्वाकर्षण ने उन्हें खुद से दूर कर दिया। फिलहाल वैज्ञानिकों के पास इन ऑब्जेक्ट्स को लेकर कोई साफ जवाब नहीं है। वह खुद भी नहीं समझ पा रहे कि ये ऑब्जेक्ट अंतरिक्ष में क्यों तैर रहे हैं। वो किसी तारे की परिक्रमा क्यों नहीं करते।
बात करें जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की, तो करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनी इस स्पेस ऑब्जर्वेट्री को साल 2021 में लॉन्च किया गया था। पिछले साल जुलाई से इसने अंतरिक्ष में अपना काम शुरू किया और तब से अबतक कई नई जानकारियां वैज्ञानिकों को इस टेलीस्कोप ने दी हैं।
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2023-10-03 06:56:01
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