मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों के नाम पर मुहर लगी है। ये सभी ट्रेनिंग पर हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को धरती से 400 किलोमीटर ऊपर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ले जाया जाएगा। तीन दिनों तक रुकने के बाद अंतरिक्ष यात्री भारत के समुद्री इलाके में लैंडिंग करेंगे।
CNN-News18 की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके पास मिशन से जुड़े डॉक्युमेंट्स हैं। कहा गया है कि इसरो 1 मार्च 2025 और 31 अगस्त 2025 के बीच एक साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट की योजना बना रहा है। अभी तक की योजना के अनुसार, मिशन को 1 मार्च को लॉन्च किया जा सकता है। मिशन को कामयाब बनाने के लिए इसरो वैज्ञानिकों की टीम जहाज पर सवार होकर उन लोकेशनों तक भी जाएगी, जहां से मिशन को मॉनिटर किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, मिशन की सहायता के लिए वैज्ञानिकों की टीम दो जगहों- प्रशांत महासागर और उत्तरी अटलांटिक महासागर में उन जगहों पर तैनात होगी, जहां सभी साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स के साथ वैज्ञानिक मौजूद होंगे। रिपोर्ट के अनुसार, इसरो अपने शिप्स के जरिए बंगलूरू स्थित सेंटर से कनेक्ट करेगा। कुछ ऐसा ही सेटअप चंद्रयान-3 मिशन के दौरान भी बनाया गया था।
अंतरिक्ष तक जाएंगे ये भारतीय एस्ट्रोनॉट
गगनयान मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को चुना गया है। इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल के तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने चारों से मुलाकात की थी।
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2024-11-26 09:35:58
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