इंदौर में नईदुनिया रास उल्लास गरबा महोत्सव में भक्ति के साथ उत्साह भी जमकर देखने को मिल रहा है। माता की भक्ति में लीन होकर प्रतिभागी जमकर झूम रहे हैं। साथ ही इंदौर शहर को ट्रैफिक में नंबर वन बनाने का संदेश भी दे रहे हैं।
By Prashant Pandey
Publish Date: Sat, 05 Oct 2024 10:39:09 AM (IST)
Updated Date: Sat, 05 Oct 2024 09:28:27 PM (IST)
HighLights
- प्रतिभागियों ने खुशी और आनंद के प्रतीक गुलाबी रंग के परिधान पहनकर गरबा खेला।
- बच्चों से लेकर उम्रदराज लोगों तक ने पारंपरिक गुजराती गानों पर जमकर नृत्य किया।
- अनूठे प्रयास के माध्यम से लोगों को यातायात जागरूकता का संदेश भी दिया गया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Garba Dance Pisc)। परंपरा की गुलाबी रंगत लिए विजय नगर स्थित श्री गुजराती स्कूल परिसर शुक्रवार शाम और भी खिल उठा। यहां रसरंग एवं श्री गुजराती समाज की प्रस्तुति नईदुनिया रास उल्लास नवरात्र महोत्सव 2024 में उत्सव का खूब रंग जमा।
प्रतिभागियों ने खुशी और आनंद के प्रतीक गुलाबी रंग के परिधान पहनकर गरबा खेला। गरबा महोत्सव के दूसरे दिन न सिर्फ प्रतिभागी माता की भक्ति में डूबे नजर आए, बल्कि अन्य लोग भी अपने परिवार और मित्रों के साथ ओपन गरबा खेलने पहुंचे। कई लोगों ने ओपन ग्राउंड में गरबा खेला। बच्चों से लेकर उम्रदराज लोगों तक ने पारंपरिक गुजराती गानों और हाई बीट्स पर जमकर नृत्य किया।
भक्ति के साथ ट्रैफिक में नंबर वन बनाने का संदेश
इंदौर के विजय नगर स्थित श्री गुजराती स्कूल परिसर में रसरंग एवं श्री गुजराती समाज की प्रस्तुति नईदुनिया रास उल्लास नवरात्रि महोत्सव में शुक्रवार को गरबा प्रेमियों ने गुलाबी रंग के परिधान पहनकर उत्साह के साथ गरबा खेला।
माता के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की आरती के बाद जैसे ही महिलाएं, युवतियां और बच्चे पंडाल में गरबा खेलने उतरे, पूरा वातावरण भक्तिमय गुजराती गीतों से गूंज उठा।
लाइव गीतों से सजी हाई बीट्स पर उल्लास के साथ गरबा खेला गया। इस दौरान हर किसी के चेहरे पर खुशी और देवी की भक्ति का ओज दिखाई दे रहा था। प्रतिभागियों के अलावा अन्य लोग भी परिवार और मित्रों के साथ ओपन गरबा खेलने पहुंचे।
गरबा महोत्सव के दूसरे दिन न सिर्फ माता की भक्ति का वातावरण दिखा, बल्कि अनूठे प्रयास के माध्यम से लोगों को यातायात जागरूकता का संदेश भी दिया गया।
दरअसल, पंडाल के बीच माता की तस्वीर के पास ही ट्रैफिक सिग्नल भी लगाया गया और इसके चारों को गरबा खेलककर प्रतिभागियों ने यातायात नियमों के पालन करने और इंदौर को ट्रैफिक में भी नंबर वन बनाने का संदेश दिया।
इन गीतों पर किया गरबा
- कोई आरा सुर जई ने मनाओ मारी वायु ने
- मंगल दिवड़ा नी मंगल ज्योति
- माए गरबो काराव्यो गगन गोख मारे
- पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
- मेहंदी तेवावी मांडवे ने
गुजरात सा अनुभव
मैं रास उल्लास गरबा महोत्सव में पिछले तीन साल से गरबा करने आ रही हूं। मेरा घर यहां से 20 किलोमीटर दूर है, लेकिन यहां सुरक्षा व्यवस्था इतनी अच्छी है कि देर होने पर भी माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती। यहां गरबे खेलने पर गुजरात सा अनुभव मिलता है। – समीक्षा पांड्या
सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है
यहां पारिवारिक माहौल में गरबा होता है। मैं यहां दो साल से गरबा करने आ रही हूं। यहां सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। – तेजस्वी पाटिल
1999 से यहां कर रहा हूं गरबा
मैं साल 1999 से यहां गरबा कर रहा हूं। यहां गुजरात के पारंपरिक गीतों पर गरबा होता है, जो रास उल्लास गरबा महोत्सव को खास बनाता है। यहां गरबे सिखाने वाले भी गुजरात से आते हैं और आर्केस्ट्रा भी मुंबई व गुजरात का होता है। – मेघ शाह
परिवार के साथ आकर खेल सकते हैं गरबा
रास उल्लास गरबा महोत्सव का माहौल पूरी तरह पारिवारिक है। ऐसे में परिवार के साथ आकर भी यहां गरबा खेला जा सकता है। – अर्चित शाह
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