0

Good News: अब उज्जैन और बुरहानपुर में भी हो सकेगा अंग प्रत्यारोपण, अस्पतालों को मिली अनुमति

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पिछले माह प्रत्यारोपण समन्वयक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यहां यहां प्रदेशभर के सभी जिलों के साथ ही छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात से भी प्रत्यारोपण समन्वयक प्रशिक्षण प्राप्त करने आए थे।

By Vinay Yadav

Publish Date: Sun, 03 Nov 2024 04:15:28 PM (IST)

Updated Date: Sun, 03 Nov 2024 04:15:28 PM (IST)

सुविधा बढ़ने से लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।

HighLights

  1. अब तक इंदौर, भोपाल जैसे बड़े शहरों में थी सुविधा
  2. ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन ने दी अनुमति
  3. इंदौर में हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रदेशभर को मिला लाभ

विनय यादव. इंदौर। मध्य प्रदेश में अब तक लोगों को अंग प्रत्यारोपण यानी ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए भोपाल, इंदौर जैसे बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था, लेकिन अब छोटे जिलों में भी यह सुविधा शुरू होने जा रही है। इन जिलों में अंगदान के बाद प्रत्यारोपण हो सकेगा।

उज्जैन और बुरहानपुर में जल्द ही किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू होने जा रही है। इसके लिए वहां के निजी अस्पतालों को स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) ने अनुमति जारी कर दी है। इससे पहले रीवा और जबलपुर के अस्पतालों में भी प्रत्यारोपण शुरू हो चुका है।

एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पिछले माह आयोजित प्रत्यारोपण समन्वयक प्रशिक्षण कार्यक्रम के कारण संभव हो पाया है। यहां प्रदेशभर के सभी जिलों के साथ ही छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात से भी प्रत्यारोपण समन्वयक प्रशिक्षण प्राप्त करने आए थे। इसमें नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) के डायरेक्टर डा. अनिल कुमार भी शामिल हुए थे।

naidunia_image

बढ़ेगी अंगदान की प्रवृत्ति

अधिकारियों ने बताया कि छोटे जिलों में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा होने से अंगदान को बढ़ावा मिलेगा। वहां जो भी ब्रेन डेड मरीज अस्पताल में होंगे, वहां की कोऑर्डिनेटर टीम उनके परिवार के लोगों से चर्चा करेगी। उन्हें अंगदान का महत्व समझाएगी, क्योंकि अब तक ऐसे मरीजों को अंगदान के लिए बड़े शहरों में भेजना पड़ता था।

नहीं बिकते हैं अंग

अधिकारियों ने बताया कि लोगों में अभी भी भ्रांतियां हैं कि अंगों को बेच दिया जाता होगा, लेकिन जागरूक होना होगा कि ऐसा नहीं होता है, क्योंकि सभी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होता है। यहां जो सूची बनती है, उसी के हिसाब से अंगों को दिया जाता है। सूची में जिसका नाम ऊपर है और वह कहीं दूर है तो दूसरे नंबर वाले को अंग दिया जाता है। इसलिए लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक होकर आगे आना चाहिए, ताकि बीमार व्यक्ति को नया जीवन मिल सके।

naidunia_image

इन अंगों का हो सकता है दान

अगर आप चाहें तो जीवित रहते हुए यह सहमति दे सकते हैं कि मृत्यु के बाद मेरे इन अंगों का दान ले लिया जाए। दान किए जा सकने वाले अंगों में कार्निया, हृदय के वाल्व, हड्डी, त्वचा जैसे ऊतकों को प्राकृतिक मृत्यु के बाद दान किया जा सकता है। हृदय, यकृत, गुर्दे, फेफड़े और अग्नाशय जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंगों को केवल ब्रेनडेड के मामले में ही दान किया जा सकता है।

Source link
#Good #News #अब #उजजन #और #बरहनपर #म #भ #ह #सकग #अग #परतयरपण #असपतल #क #मल #अनमत
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/indore-good-news-now-organ-transplant-can-be-done-in-ujjain-and-burhanpur-also-hospitals-got-permission-8357827