इंदौर शहर ने शुक्रवार शाम बने ग्रीन कॉरिडोर ने दो लोगों को नई जिंदगी दी। मनीषा राठौर दुर्घटना में घायल हो गई थीं। उन्हें इंदौर के अस्पताल में रैफर किया गया था। जहां डॉक्टरों ने दो दिन पहले उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। इसके बाद परिजनों ने उनके अंगदान का फैसला लिया।
By Prashant Pandey
Publish Date: Sat, 09 Nov 2024 08:15:11 AM (IST)
Updated Date: Sat, 09 Nov 2024 08:26:03 AM (IST)
HighLights
- तीन नवंबर को भाईदूज पर्व पर मनीषा राठौड़ अपने पति के साथ इंदौर आईं थीं।
- वापस घर लौटते समय मक्सी रोड पर दुर्घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।
- इसके बाद उनका इंदौर के अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया था।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Green Corridor Indore)। इंदौर शहर में शुक्रवार को दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। 44 वर्षीय महिला की किडनियों से अलग-अलग अस्पताल में भर्ती दो लोगों को जीवन मिला। दोनों कॉरिडोर शाम करीब पौने सात बजे बने। स्वजन के अनुसार तीन नवंबर को भाईदूज पर्व पर मनीषा राठौड़ अपने पति के साथ इंदौर में रहने वाली ननद के यहां आई थी।
लौटते समय मक्सी रोड पर दुर्घटना के बाद महिला को गंभीर हालत में इंदौर रैफर किया गया था, तभी से महिला भर्ती थी। गुरुवार को शाजापुर की रहने वाली मनीषा को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। आर्गन डोनेशन कोआर्डिनेटर जीतू बगानी ने बताया कि गुरुवार शाम को महिला को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था।
दिल और लिवर में दिक्कत से इनका डोनेशन नहीं हुआ
महिला के सभी अंग दान किए जाने थे। लेकिन दिल और लिवर में तकनीकी दिक्कत आने से डोनेशन नहीं हो पाए। वहीं दोनों किडनी अलग-अलग अस्पताल में भर्ती मरीजों को उपलब्ध कराई गई। यहां दोनों रोगी का ऑपरेशन का किडनी प्रत्यारोपित की गई।
महिला की बेटी ने दी अंगदान की स्वीकृति
वहीं आंखें निजी अस्पताल को डोनेट की गई है। इस दौरान महिला का परिवार भी मौजूद था। बगानी ने बताया कि महिला की बेटी ने ही स्वीकृति देते हुए कहा था कि अंगदान के बारे में हमने सुना था कि इससे कई लोगों को नया जीवन मिल सकता है। इसलिए परिवार के सदस्यों ने अंगदान करने का फैसला लिया। सभी लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक होना चाहिए।
निजी अस्पताल के सहयोग से संचालित होंगे संजीवनी क्लीनिक
इंदौर में संचालित संजीवनी क्लीनिक निजी अस्पतालों के सहयोग से संचालित किए जाएंगे। शुक्रवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने निजी क्षेत्र अस्पताल संचालकों की बैठक लेकर संचालन का आग्रह किया था। कलेक्टर ने राज्य शासन के निर्धारित मापदंड के अनुसार सहयोग प्रदान करने की बात कही। 28 के करीब संजीवनी क्लीनिक के संचालन के लिए अस्पतालों ने स्वीकृति प्रदान की है।
कलेक्टर सिंह ने संजीवनी क्लीनिकों के बेहतर संचालन के संबंध में निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित चिकित्सालयों के संचालकों की बैठक ली। बैठक में निजी अस्पतालों द्वारा शासन के मार्गदर्शन अनुसार संचालित करने के लिए जानकारी प्रदान की गई।
बैठक में इंडेक्स मेडिकल कालेज द्वारा दस संजीवनी क्लीनिक, अरबिंदो मेडिकल कालेज द्वारा छह संजीवनी क्लीनिक, सेवाकुंज हास्पिटल एवं एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज द्वारा चार संजीवनी क्लीनिक का संचालन करने एवं बांबे हास्पिटल, शैलबी हास्पिटल, चोइथराम नेत्रालय, केयर सीएचएल द्वारा एक-एक संजीवनी क्लीनिक का संचालन करने के लिए सहमति प्रदान की गई।
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