ग्रीनलैंड में पिघल रही बर्फ से जुड़ी स्टडी नेचर जर्नल में पब्लिश हुई है। वैज्ञानिक यह तो जानते थे कि ग्रीनलैंड में बर्फ पिघल रही है, लेकिन उसकी दर इतनी ज्यादा होगी, वैज्ञानिकों को अंदाजा नहीं था। यह स्टडी चिंतित करने वाली है क्योंकि बर्फ पिघलने से समुद्र का लेवल बढ़ेगा, जो तट के किनारे बसे शहरों के लिए अच्छी खबर नहीं है।
स्टडी के प्रमुख लेखक नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के ग्लेशियोलॉजिस्ट चाड ग्रीन हैं। उनका कहना है कि ग्रीनलैंड का लगभग हर ग्लेशियर खिसक रहा है। उन्होंने चिंता जताई कि ग्रीनलैंडर में हर जगह यह हो रहा है। गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने निष्कर्षों तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने एआई मेथड यूज कीं और 38 साल के डेटा को एनालाइज किया।
वैज्ञानिकों को पता चला कि 1985 के बाद से ग्रीनलैंड में बर्फ की चादर अपने किनारों पर लगभग 5,000 वर्ग किलोमीटर खत्म हो गई है जो एक ट्रिलियन टन बर्फ के बराबर है। पहले कहा गया था कि साल 2003 के बाद से ग्रीनलैंड में बर्फ हर साल 221 बिलियन टन खत्म हो रही है लेकिन अब पता चला है कि यह सालाना 43 बिलियन टन पिघल रही है। ये आंकड़े वाकई चौंकाने वाले हैं।
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2024-01-19 08:43:37
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