GST सिस्टम लगातार व्यापारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। अभी इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम (आईएमएस) को लेकर व्यापारी परेशान हो रहे हैं। कई कर पेशेवरों और चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कारोबारियों को संदेश भेज दिया है कि इस महानों कोशिशों के बाद भी रिटर्न दाखिल हो सकेगा, इसमें संदेह है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 19 Nov 2024 09:56:38 AM (IST)
Updated Date: Tue, 19 Nov 2024 09:56:38 AM (IST)
HighLights
- जीएसटी रिटर्न 3-बी जमा करने की अंतिम तारीख 20 नवंबर
- जीएसटीआर 2-बी का डेटा 14 नवंबर तक ही जारी हुआ है
- बिल छांटने और सिलेक्ट करने में व्यापारियों को घंटों लग रहे
नईदुनिया, इंदौर (GST System in MP)। कर प्रणाली लागू होने के सात साल बीतने के बाद भी जीएसटी में मनमानी प्रयोग खत्म नहीं हो रहे। सुविधा के नाम पर सरकार की ओर से लागू किया इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम (आईएमएस) सिरदर्द साबित हो रहा है।
बिना ट्रायल और जांचे के सीधे लागू किए गए इस सिस्टम का ट्रायल सीधे व्यापारियों पर हो रहा है। तमाम दावों के बाद भी पोर्टल अपडेट नहीं है, एक माह का रिटर्न भरने जा रहे व्यापारियों को छह महीने पुराने बिल दिख रहे हैं। हाल ये है कि मप्र के कारोबारी के सिस्टम में बिहार के बिल भी दिख रहे हैं।
आईएमएस सिस्टम की बाध्यता ऐसे बनी सिरदर्द
- आईएमएस सिस्टम में कारोबारियों के लिए बाध्यता लागू की गई है कि उन्हें बीते माह के एक बिल को सिलेक्ट और रिजेक्ट करना है। जीएसटी पोर्टल में व्यापारी को नए पुराने सभी एक साथ दिख रहे हैं।
- बाहरी प्रदेश के बिल भी दिख रहे हैं। हर बिल को छांटने और सिलेक्ट करने में घंटों बीत रहे हैं। जीएसटी रिटर्न 3-बी को जमा करने की अंतिम तारीख 20 नवंबर है। जबकि जीएसटीआर 2-बी का डेटा 14 नवंबर तक जारी हुआ।
- ऐसे में कारोबारियों को रिटर्न दाखिल करने के लिए कुल छह दिन मिले। इन छह दिनों के सीमित समय में नया सिस्टम सिरदर्द बन गया है। व्यापारी घबराए हैं कि पेनाल्टी लगने और टैक्स क्रेडिट जैसे लाभ भी रुक सकते हैं।
स्थानीय स्तर पर नहीं हो रही सुनवाई
मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन के अनुसार, नए सिस्टम को बिना जांचे लागू कर दिया गया। व्यापारियों के साथ कर सलाहकार और सीए भी परेशान हो रहे हैं। स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है।
नगर निगम की ब्रांडिंग करने वाली कंपनी पर जीएसटी का छापा, टैक्स चोरी की आशंका
इस बीच, इंदौर नगर निगम अपनी साख बनाने के लिए जिस कंपनी को ब्रांडिंग का जिम्मा देना चाह रहा है, उस पर जीएसटी विभाग को भरोसा नहीं। स्टेट जीएसटी (वाणिज्यिककर) विभाग ने सोमवार को प्रिया इवेंट नामक कंपनी पर छापा मारा।
खास बात यह कि करीब दो महीने बाद स्टेट जीएसटी की टीम छापा मारने मैदान में उतरी है और पहला निशाना इस कंपनी को बनाया। कर चोरी की आशंका में इस कंपनी के प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित दफ्तर पर जांच शुरू की गई।
स्टेट जीएसटी की कर चोरी रोकने के लिए बनाई गई विशेष शाखा एंटी इवेजन विंग-ए ने छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया। दोपहर से शुरू हुई जांच रात तक भी जारी थी। इस दौरान 10 से ज्यादा अफसरों की टीमें दस्तावेज खंगालने में जुटी रहीं।
बताया जा रहा है कि जीएसटी को आईटी सर्विलांस टीम से कंपनी के टैक्स के हिसाब-किताब को लेकर गड़बड़ी के संकेत मिले हैं। इसके बाद छापा मार जांच शुरू करने के आदेश दिए गए।
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