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GST Portal: ठप जीएसटी पोर्टल के साथ साल खत्म, ई-वे बिल बनना हुए बंद

जीएसटी पोर्टल की खराबी के कारण व्यापारियों को बहुत परेशानी हुई। साल 2024 के आखिरी दिन भी जीएसटी नेटवर्क ठप हो गया, जिससे ई-वे बिल और ई-इनवायस बनना बंद हो गए। व्यापारियों ने कर पेशेवरों से संपर्क किया और जीएसटी नेटवर्क व जीएसटी काउंसिल को शिकायतें भेजीं।

By Prashant Pandey

Publish Date: Wed, 01 Jan 2025 10:54:50 AM (IST)

Updated Date: Wed, 01 Jan 2025 11:09:52 AM (IST)

रिटर्न दाखिल करने की तारीख 31 जनवरी तक बढ़ाने की मांग की गई है।

HighLights

  1. जीएसटी पोर्टल की खराबी से व्यापारियों को हुई परेशानी।
  2. ई-वे बिल और ई-इनवायस बनना बंद, व्यापार प्रभावित।
  3. व्यापारियों ने काउंसिल से शिकायत की, राहत की मांग की।

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(GST Portal Failure)। आठ वर्षों में भी दुरुस्त नहीं हो सके जीएसटी पोर्टल की बदहाली वर्ष के आखिरी दिन भी दिखी। साल 2024 का अंत भी ठप जीएसटी नेटवर्क के साथ हुआ। मंगलवार दोपहर से जीएसटी नेटवर्क पर ई-वे बिल व ई-इनवायस बनना बंद हो गए।

सुस्त ऑनलाइन प्रणाली ढाई बजते-बजते ठप हो गई। कैलेंडर बदलने तक पोर्टल की यही स्थिति बनी थी। माह और वर्ष खत्म होने पर हिसाब, आर्डर पूरा करने में जुटे व्यापारी परेशान होते रहे। साल 2024 में ही सरकार ने पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को ई-इनवायस अनिवार्य की थी।

नेटवर्क के जरिए ही बिल बनाना होगा

यानी वे व्यापारिक माल की बिक्री व आपूर्ति हाथ से बनाए बिल से नहीं कर सकते। जीएसटी पोर्टल और नेटवर्क के जरिए ही बिल बनाना होगा। इसी के साथ जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारियों के माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल भी पहले से अनिवार्य है। यह भी पोर्टल से ही बनता है।

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31 दिसंबर को ई-इनवायस व ई-वे बिल का सिस्टम ठप पड़ गया। व्यापारियों ने निराकरण के लिए कर पेशेवरों को फोन लगाया। इसके बाद व्यापारी और कर सलाहकार जीएसटी नेटवर्क और जीएसटी काउंसिल को ऑनलाइन शिकायतें, ईमेल व सोशल मीडिया पर पोस्ट भेजने लगे।

एक वैकल्पिक लिंक जारी की थी

इस बीच व्यापार का समय भी समाप्त हो गया। बिल नहीं बनने से माल परिवहन के लिए तैयार ट्रक व गाड़ियां रवाना नहीं हो सके। रात को जीएसटी ने एक वैकल्पिक लिंक जारी करने का सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया हालांकि उससे भी बिल बनने में परेशानी आती रही।

रिटर्न के लिए रातभर 
खुले दफ्तर

इस बीच जीएसटी के वार्षिक रिटर्न को दाखिल करने में भी परेशानी आ रही है। वार्षिक रिटर्न 9-सी को दाखिल करने के लिए इस बार एक महीना कम मिला है। इसी बीच प्रारूप बदलने के चलते आंकड़े भी मिसमैच हो रहे हैं। शिकायतों के बाद भी रिटर्न का प्रारूप नहीं बदला गया।

31 दिसंबर को तारीख खत्म हो गई। इंदौर के व्यापारियों के साथ टैक्स ला बार एसोसिएशन और कमर्शियल टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन ने वित्त मंत्री तक ज्ञापन भेज रिटर्न दाखिल करने की तारीख 31 जनवरी तक बढ़ाने की मांग की।

हालांकि राहत का ऐलान नहीं हुआ, ऐसे में 30 की पूरी रात और 31 दिसंबर को आधी रात तक चार्टर्ड अकाउंटेंट और कर सलाहकारों के दफ्तर खुले रहे और जैसे-तैसे रिटर्न दाखिल करने की मशक्कत करते रहे।

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