मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस थाना परिसरों में हनुमान मंदिर निर्माण को चुनौती देने वाली जनहित याचिका निरस्त कर दी। इसके साथ ही प्रदेश के थाना परिसरों में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने कहा कि पृथक से सुनवाई की आवश्यकता नहीं है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Thu, 09 Jan 2025 02:58:47 PM (IST)
Updated Date: Thu, 09 Jan 2025 03:15:51 PM (IST)
HighLights
- थानों में मंदिर के निर्माण को दी गई थी चुनौती।
- एमपी हाईकोर्ट ने इस याचिका को निरस्त किया।
- कोर्ट ने कहा- अलग से सुनवाई की जरूरत नहीं है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जबलपुर सहित प्रदेश के पुलिस थाना परिसरों में हनुमान मंदिर निर्माण को चुनौती देने वाली जनहित याचिका निरस्त कर दी। इसके साथ ही प्रदेश के थाना परिसरों में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने साफ किया कि पूर्व की एक जनहित याचिका के आदेश का पालन न होने के विरुद्ध विचाराधीन अवमानना याचिका के साथ इस बिंदु को सम्मिलित कर विरोध किया जा सकता है।
पृथक से सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। बहरहाल, जबलपुर के अधिवक्ता ओपी यादव की जनहित याचिका निरस्त होने के साथ ही थाना परिसरों में हनुमान मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
एसएएफ डीजीपी व एडीजीपी आदेश का पालन कर दें रिपोर्ट
हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के डीजीपी कैलाश मकवाना व एडीजीपी इरशाद वली को निर्देश दिए हैं कि पूर्व आदेश का पालन कर उसकी रिपोर्ट पेश करें। न्यायमूर्ति अचल कुमार पालीवाल की एकलपीठ ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न संवर्गों के स्थानांतरण के संबंध में सक्षम अधिकारी को उचित दिशा निर्देश दें। कोर्ट ने 30 दिन के भीतर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को इस आदेश की प्रति डीजीपी को प्रेषित करने कहा ताकि इसका पालन सुनिश्चित किया जा सके। याचिकाकर्ता छठवीं वाहिनी में पदस्थ आरक्षक कृष्ण कुमार शर्मा की ओर से अधिवक्ता असीम त्रिवेदी, संजय कुमार शर्मा, रोहिणी शर्मा व विनीत टेहेनगुरिया ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता का विगत वर्ष दसवीं वाहिनी, विसबल सागर से छठवीं वाहिनी जबलपुर स्थानांतरण हुआ था। जिसके विरुद्ध याचिका दायर की गई थी।
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे को मिली जमानत
विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट विश्वेश्वरी मिश्रा ने बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे का जमानत आवेदन स्वीकार कर लिया है। मामला धान खरीदी केंद्र के प्रभारी से मारपीट के आरोप से संबंधित है। अभियोजन के अनुसार 27 दिसंबर को लालबर्रा तहसील के धान खरीदी केंद्र धपेरा मोहगांव में धान खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर आपरेटर से मारपीट करते हुए खरीदी कार्य में व्यवधान डाला गया था।
घटना के संबंध में लालबर्रा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने पूर्व सांसद मुंजारे सहित चार अन्य के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी पंजीबद्ध की थी। मारपीट पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हुआ था।
बालाघाट पुलिस ने पूर्व सांसद मुंजारे को गिरफ्तार करने के बाद 30 दिसंबर को जबलपुर स्थित एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के समक्ष पेश किया था। विशेष कोर्ट ने उनके जमानत आवेदन को निरस्त करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश सुना दिया था।
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