ठगी के पीड़ितों ने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन कर शिकायत की थी। जिसके बाद आईसीआईसीआई बैंक में अंदरुनी जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि रिलेशनशिप मैनेजर कमल कुमावत की आईडी से उन बैंक अकाउंट की जानकारी निकाली गई है। इसे बाद वो पकड़ा गया।
By Prashant Pandey
Publish Date: Sat, 14 Dec 2024 02:11:55 PM (IST)
Updated Date: Sat, 14 Dec 2024 02:30:02 PM (IST)
HighLights
- इंदौर में स्कीम-54 स्थित शाखा के क्लस्टर मैनेजर जयदीप पाटीदार ने की थी शिकायत।
- शिकायत पर रिलेशनशिप मैनेजर कमल कुमावत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है।
- अनजान नंबर से उसके पास आया था कॉल, इसके बाद दिया रुपये देने का लालच।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आईसीआईसीआई बैंक में हुई लाखों रुपये की धोखाधड़ी में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर कमल कुमावत साइबर अपराधियों से मिलकर खाते खाली कर रहा था।
सरगना ई-कामर्स वेबसाइट के माध्यम से रुपये लेता था। उसने लाखों रुपये बड़े ज्वेलर्स में ई-गोल्ड खरीद कर कैश करवाए हैं। पुलिस बैंक की लापरवाही की भी जांच कर रही है। स्कीम-54 स्थित शाखा के क्लस्टर मैनेजर जयदीप पाटीदार की शिकायत पर कमल कुमावत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है।
आरोपित के साथ हुई थी ढाई लाख की ठगी
शुक्रवार को कमल ने गलती स्वीकारते हुए बताया कि इसके पूर्व टेलीपरफार्मेंस कंपनी में नौकरी करता था। बीपीओ में उसके साथ ढाई लाख रुपये की साइबर ठगी हुई थी। कोरोना में नौकरी छूट गई और वह आईसीआईसीआई बैंक में नौकरी करने आ गया।
पहले बीमा में गड़बड़ी करने का प्रलोभन दिया
कुछ दिनों पूर्व अंजान नंबर से काल आया और उसने उसके साथ हुए घटनाक्रम के बारे में बताया। उसने कहा कि वह ढाई लाख रुपये के घाटे से उबार सकता है। शुरुआत में आरोपित ने बीमा (आईसीआईसीआई लोम्बार्ड) में गड़बड़ी कर रुपये कमाने का प्रलोभन दिया। इन्कार करने पर उसने बड़े औद्यागिक घरानों के खातों से रुपये निकालने की साजिश के बारे में बताया।
पासवर्ड बदलकर मिनटों में लाखों रुपये निकाले
कमल के मुताबिक आरोपित बैंक अकाउंट बताकर उनका बैलेंस पूछता था। इसके बाद कमल से यूजर नेम की जानकारी ले लेता था। फारगेट पासवर्ड कर कमल से ओटीपी नंबर ले लेता था। नया पासवर्ड जनरेट कर खाते से रुपये निकाल लेता था।
आरोपित ने इस तरह लुधियाना, इंदौर सहित अन्य शहरों से सात खातों से 53 लाख रुपये निकाल लिए। ठगी की जानकारी मिलने पर पीड़ितों ने साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर शिकायत की और आईसीआईसीआई बैंक ने अंदरूनी जांच शुरू की।
10 लाख रुपये कमीशन दिया गया
जांच में पता चला कि जिन खातों से रुपये निकले, उन्हें कमल की आईडी से खोला गया है। ठग ने कमल को बदले में करीब 10 लाख रुपये कमीशन दिया है। उसने जांच को भटकाने के लिए कमल की केवायसी से तनिष्क ज्वेलर पर आईडी बनाई और ई-गोल्ड खरीदा।
ई-गोल्ड को बेचकर रुपये कैश करवा लिए
कमल को आईडी और पासवर्ड सौंपे और ई-गोल्ड विक्रय कर रुपये कैश करवा लिए। पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी के इस हाईटेक तरीके में बैंक की भी गड़बड़ी निकली है। पासवर्ड फोरगेट करने पर ओटीपी ऑफिस के सिस्टम पर भी आता था।
बैंक की कमजोरी का फायदा उठाया
अपराधियों ने बैंक की कमजोरी का फायदा उठाया है। उन्हें कारोबारियों के खातों और ओटीपी की जानकारी भी थी। इस मामले की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की टीम की मदद ली जा रही है। अभी तक की जांच में 53 लाख रुपये की धोखाधड़ी सामने आ चुकी है। पुलिस ने सात खातों की जानकारी जुटा ली है। – अभिनय विश्वकर्मा, डीसीपी जोन-2
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