0

IIM इंदौर की भर्ती परीक्षा पर कंट्रोवर्सी: 400 कैंडिडेट्स ने अप्लाय किया, नौकरी उन्हीं 6 को मिली जो पहले से काम कर रहे – Madhya Pradesh News

.

आईआईएम इंदौर पर ये आरोप लगाए हैं हेमंत चौहान ने। दरअसल, इंदौर के ही रहने वाले हेमंत ने भी आईआईएम की जनरल ड्यूटी असिस्टेंट पद की भर्ती परीक्षा में आवेदन किया था। हेमंत फाइनल इंटरव्यू के लिए सिलेक्ट 19 कैंडिडेट में शामिल थे। जब इंटरव्यू का रिजल्ट आया तो वो 6 लोग सिलेक्ट हुए जो पहले से यहां अस्थायी नौकरी कर रहे थे।

हेमंत ने आईआईएम इंदौर की जॉब सिलेक्शन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। वहीं आईआईएम के डायरेक्टर हिमांशु राय ने माना कि ये बात सही है कि जिन 6 लोगों का सिलेक्शन हुआ वो पहले से आईआईएम के कर्मचारी थे, मगर उन्होंने भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी को खारिज किया है।

क्या है पूरा मामला और कैसे आईआईएम पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। पढ़िए रिपोर्ट…

5 पॉइंट्स में जानिए क्या है पूरा मामला

  • आईआईएम इंदौर ने जनरल ड्यूटी असिस्टेंट के 6 पदों पर भर्ती के लिए अक्टूबर 2024 में विज्ञापन जारी किया था।
  • केंद्र सरकार के संस्थान में परमानेंट जॉब पाने के लिए देशभर से 400 उम्मीदवारों ने अप्लाय किया।
  • अक्टूबर 2024 में आईआईएम ने लिखित परीक्षा ली। रिटर्न एग्जाम के रिजल्ट के बाद 400 में से 123 उम्मीदवार शॉर्ट लिस्ट किए गए।
  • इन्हें कम्प्यूटर एग्जाम और पहले राउंड के इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। पहले दिन कम्प्यूटर एग्जाम हुई, जिसमें अलग-अलग राज्यों से आए उम्मीदवार शामिल हुए।
  • फाइनल राउंड के लिए 19 उम्मीदवारों को सिलेक्ट किया गया। जिनका 20 दिसंबर 2024 को इंटरव्यू हुआ। इंटरव्यू पैनल में 3 लोग थे। दो आईआईएम से और एक आईआईटी से थे।
इन 19 कैंडिडेट्स को 20 दिसंबर को फाइनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। इसमें वो 6 कैंडिडेट्स भी हैं जिनकी नियुक्ति पर विवाद है।

इन 19 कैंडिडेट्स को 20 दिसंबर को फाइनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। इसमें वो 6 कैंडिडेट्स भी हैं जिनकी नियुक्ति पर विवाद है।

अब जानिए कैसे लिया गया इंटरव्यू जो 19 लोग फाइनल इंटरव्यू के लिए सिलेक्ट हुए उनमें 5 वें नंबर पर हेमंत चौहान का भी नाम था। हेमंत ने बताया कि मैं पूरी तैयारी के साथ इंटरव्यू देने गया था। मुझे कहा गया था कि तीन लोगों का पैनल रहेगा। लेकिन देखा तो बहुत सरप्राइज हुआ। वहां सिर्फ एक ही सर थे, जो मुख्य प्रशासनिक अधिकारी थे।

उन्होंने बहुत ही औपचारिक बातचीत की। मेरा नाम पूछा। मेरी एजुकेशन पूछी। फैमिली के बारे में पूछा। इसी के साथ इंटरव्यू खत्म हो गया। मुझे थोड़ा सा डाउट हुआ कि जब इतना जनरल इंटरव्यू लेना था तो मुझे क्यों बुलाया। इंटरव्यू के अगले दिन यानी 21 दिसंबर 2024 को सिलेक्ट कैंडिडेट की लिस्ट जारी की।

उसे देखकर भी मैं सरप्राइज हो गया, क्योंकि लिस्ट में सिलेक्ट कैंडिडेट के तौर पर जिन 6 लोगों के नाम थे वो पहले से ही आईआईएम में काम करने वाले अस्थायी कर्मचारी थे। हेमंत कहते हैं कि मुझे तो ऐसा लगा कि आईआईएमएम ने इन अस्थायी कर्मचारियों को परमानेंट करने के लिए भर्ती परीक्षा की ये पूरी प्रोसेस की।

वे आरोप लगाते हैं कि आईआईएम की ये पूरी भर्ती परीक्षा प्री-प्लान थी। जिन 400 उम्मीदवारों ने इन पदों पर भर्ती के लिए अप्लाय किया था, उनके साथ तो ये धोखा है।

50 हजार की सैलेरी और परमानेंट जॉब हेमंत कहते हैं कि IIM केंद्र सरकार का संस्थान है। उम्मीदवारों को बताया गया था कि लिखित परीक्षा में ओवर ऑल सिलेबस आएगा। आईआईएम के बारे में सारी जानकारी होना जरूरी है। साथ ही मैथ्स, जीके और स्टैटिक्स के सवाल भी पूछे जाएंगे।

जब लिखित परीक्षा हुई तो ये सवाल पूछे ही नहीं गए। हेमंत ने बताया कि आईआईएम ने अपने विज्ञापन में लिखा था कि जनरल ड्यूटी असिस्टेंट की पोस्ट लेवल 5 की है और 50 हजार रु. महीना सैलरी है। इसके लिए ग्रेजुएशन और दो साल का एक्सपीरिएंस बेसिक रिक्वॉयरमेंट थी। हेमंत ने अब इस पूरी सिलेक्शन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है।

जो बेस्ट होता है उसे सिलेक्ट करते हैं भास्कर ने जब इस मामले में आईआईएम के डायरेक्ट हिमांशु राय से बात की, तो उन्होंने कहा कि जनरल ड्यूटी असिस्टेंट के लिए पूरी भर्ती प्रक्रिया में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। उनसे पूछा कि जो 6 लोग सिलेक्ट हुए क्या वो आईआईएम में पहले से काम कर रहे थे?

उन्होंने कहा कि ये सही है कि जिन 6 लोगों को सिलेक्ट किया है वो पहले से आईआईएम इंदौर में काम करते हैं, मगर उन्हें फायदा पहुंचाने जैसे आरोप गलत हैं। जब उनसे पूछा कि आईआईएम में पहले से अस्थायी नौकरी कर रहे लोग ही 400 लोगों में से कैसे सिलेक्ट हो गए? तो उन्होंने कहा कि जो बेस्ट होता है उसे सिलेक्ट किया जाता है।

प्रोफेसर की नियुक्ति में भेदभाव के लग चुके आरोप ऑल इंडिया ओबीसी स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईओबीसीएसए) ने आईआईएम इंदौर की फैकल्टी की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी। ये पूछा था कि कितने ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के पद खाली पड़े हैं।

20 सितंबर 2024 को आईआईएम इंदौर ने आरटीआई का जवाब देते हुए बताया कि प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर्स के कुल 150 पदों में से ओबीसी वर्ग के केवल दो असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त किए गए हैं। ईडब्ल्यूएस कैटेगरी से केवल एक असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्त की गई है। एससी और एसटी वर्ग से किसी की नियुक्ति नहीं की गई है।

वहीं, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर्स के 106 पदों पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई है। जानकारी मिलने के बाद एआईओबीसीएसए के अध्यक्ष किरण कुमार गौड़ ने आरोप लगाया था कि आईआईएम में संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है। आईआईएम जैसे संस्थान सभी वर्गों को समान अवसर देने वाले प्रतीक चिन्ह होने चाहिए, मगर वास्तविकता ऐसी नहीं है।

सूचना के अधिकार के तहत 20 सितंबर को IIM इंदौर की तरफ से दिया गया जवाब।

सूचना के अधिकार के तहत 20 सितंबर को IIM इंदौर की तरफ से दिया गया जवाब।

#IIM #इदर #क #भरत #परकष #पर #कटरवरस #कडडटस #न #अपलय #कय #नकर #उनह #क #मल #ज #पहल #स #कम #कर #रह #Madhya #Pradesh #News
#IIM #इदर #क #भरत #परकष #पर #कटरवरस #कडडटस #न #अपलय #कय #नकर #उनह #क #मल #ज #पहल #स #कम #कर #रह #Madhya #Pradesh #News

Source link