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Indore: नशे के कारोबार पर कैसे होगा वार,बड़े पदों की कुर्सियां ही खाली, खुफिया तंत्र फेल होना ही था


भोपाल की फैक्ट्री में बन रही थी एमडी ड्रग।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


भोपाल में 18 सौ करोड़ की मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स गुजरात एटीएस और दिल्ली की एनसीबी की टीम ने पकड़ी। मध्य प्रदेश के अफसरों को इस फैक्ट्री के बारे में पता ही नहीं था। इस फैक्ट्री पर छापे की खबर भी गुजरात के एक मंत्री गृह मंत्री हर्ष संघवी की पोस्ट से लगी।

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इतने बड़े पैमाने पर हो रहे नशे के कारोबार का इंदौर और भोपाल जैसे शहरों का खुफिया तंत्र पता नहीं लगा पाया,जबकि फैक्ट्री में बनने वाली ड्रग के लिए कच्चा माल इंदौर और उज्जैन से जाता था।

 

नशे के कारोबार का आरोपी अमित चतुर्वेदी का इंदौर के कई केमिकल व्यापारियों से संपर्क है। वह सीधे इंदौर से फैक्ट्री में कच्चा माल मंगवा लेता था। इसकी भी जानकारी संबंधित विभागों को नहीं लगी। इस बड़ी खेप के पकड़े जाने के बाद प्रदेश के खुफिया तंत्र पर सवाल उठ रहे है। इंदौर में अब कलेक्टर ने एक टीम तैयार की है। जिसमें  औषधि विभाग, एकेवीएन और प्रशासन के अफसर फैक्टरियों की जांच करेंगे। इंदौर के सांवेर रोड, पीथमपुर में सैकड़ों फैक्ट्री है।

 

15 दिन से एडीजी इंटेजिलेंस की कुर्सी खाली

 

पिछले माह प्रदेश में 15 आईपीएस के तबादले हुए थे। जिसमें एडीजी इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे जयदीप प्रसाद को लोकायुक्त संगठन का प्रभारी पुलिस महानिदेशक बनाया गया, लेकिन एडीजी इंटेलिजेंस की पोस्ट पर अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। इंदौर के एसपी इंटेलिजेंस डाॅ. राजेश सहाय का भी तबादला हो गया। एक माह से वह कुर्सी भी खाली है।

जब मुखिया की कुर्सी ही खाली रहेगी तो फिर टीम कैसे फिल्ड में मजबूत रह सकती है। हैरानी की बात यह है कि इंदौर के एसडीएफ एसपी की पोस्ट पर सालभर से नियुक्ति नहीं हो पाई है। प्रदेश के पूर्व डीजीपी एसके दास का इस बारे में कहना है कि पुलिस विभाग में यह पद काफी महत्वपूर्ण होते है। लंबे समय तक इनकी कुर्सी खाली नहीं रखी जाना चाहिए। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

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https://www.amarujala.com/madhya-pradesh/indore/indore-how-will-the-drug-trade-be-attacked-only-the-chairs-of-big-posts-are-vacant-the-intelligence-system-2024-10-07
2024-10-07 01:53:57