बीआरटीएस के एलिवेटेड ब्रिज पर गरमाई राजनीति।
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इंदौर में 300 करोड़ के एलिवेडेट ब्रिज को निरस्त करने पर अब राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सवाल उठाया है कि देवास, जबलपुर, भोपाल, इंदौर के एलिवेडेट ब्रिज साथ में मंजूर हुए थे। देवास, जबलपुर में बन चुके है तो फिर इंदौर में क्यों नहीं बन सकता। यह भविष्य के लिए जरुरी है।
उन्होंने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी को इस बारे में पत्र लिखकर बीआरटीएस काॅरिडोर पर एलिवेडेट रोड बनाने की मांग की है। पत्र में उन्होंने कहा कि एलिवेडेट ब्रिज का ठेका होने के बाद उसका काम शुरू हो गया था, लेकिन स्थानीय नेताअेां ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस प्रोजेक्ट को लेकर गलत जानकारी देकर गुमराह किया। इसके बाद उन्होंने प्रोजेक्ट निरस्त कर दिया।
अब सात ब्रिज बनाने की तैयारी की जा रही है, यह ब्रिज अेावरलेप हो जाएंगे और इससे बीआटीएस काॅरिडोर भी खत्म हो जाएगा। मंत्री वर्मा ने कहा कि जब मैं नगरीय प्रशासन मंत्री था, तो आपने सात मिनिट में इंदौर के एलिवेडेट ब्रिज की मंजूरी दी थी। तब जबलपुर,भोपाल व देवास के ब्रिज भी स्वीकृत किए गए थे।
सरकार को 35 करोड़ का नुकसान होगा
वर्मा ने पत्र में कहा कि यदि एलिवेडेट ब्रिज नहीं बनता है तो सरकार को 35 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। सर्वे, मिट्टी परीक्षण में ही पांच करोड़ रुपये खर्च हो चुके है। एलिवेडेट ब्रिज के बजाए सात चौराहों पर ब्रिज बनाने से शहर का ट्रैफिक और बिगड़ेगा। कई शहरों में एलिवेडेट ब्रिज के प्रयोग हुए है। उन्होंने गड़करी से पत्र में कहा कि इंदौर के विकास के लिए वे खुद हस्तक्षेप करे और एलिवेडेट ब्रिज का निर्माण कराए।
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2024-10-14 01:06:41