इंदौर का सियागंज वो बाजार है, जो लगभग आधे मध्य प्रदेश को किराना सप्लाय करता है। यहां बात किलो से नहीं, ट्रकों से होती है। इतने धनाढ्य बाजार में क्या है त्योहार की तैयारी, क्या हैं यहां के व्यापारियों की समस्याएं और कैसे यह बाजार आपको पुकार रहा है… यह सब आज नईदुनिया की विशेष सीरीज की पहली कड़ी में पढ़िए।
By Prashant Pandey
Publish Date: Thu, 03 Oct 2024 01:30:13 PM (IST)
Updated Date: Thu, 03 Oct 2024 01:44:56 PM (IST)
HighLights
- 2000 से ज्यादा छोटी-बड़ी दुकानें हैं सियागंज में।
- 200 करोड़ से ज्यादा का व्यापार होता है रोजाना।
- करीब 1.5 किमी क्षेत्र में फैला है सियागंज बाजार।
आज से नवरात्र आरंभ हो रहे हैं, इसलिए श्राद्धपक्ष की मंगल-उदासी को पीछे छोड़कर इंदौर के बाजार भी अब सजधज के साथ त्योहार के लिए तैयार हो गए हैं। बाजारों में रवानी छाने लगी है। आज से नईदुनिया इसी रवानी की कहानी सुनाएगा। आज पहली कड़ी में हम बता रहे हैं शहर के सबसे प्रतिष्ठित, धनाढ्य और जमे-ठमे बाजार सियागंज के बारे में।
कुलदीप भावसार, इंदौर(Indore Bazar)। 135 वर्ष पहले स्थापित शहर के सियागंज बाजार का दबदबा आज भी कायम है। आज भी यह बाजार प्रदेश का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है और प्रदेश के कई शहरों के बाजारों के भाव तय करता है। स्थापना के इतने वर्षों बाद भी इसकी साख और धाक बरकरार है। इसकी वजह है इसकी प्रमाणिकता। यहां की क्वालिटी और दाम का कोई सानी नहीं।
यही वजह है कि मालवा-निमाड़ क्षेत्र के थोक व्यापारी ही नहीं, शहर के खेरची खरीदार भी यहां पहुंचते हैं। शायद ही कोई ऐसा मेवा या किराना आइटम होगा, जिसका व्यापार यहां नहीं होता हो। प्रदेशभर से व्यापारी यहां खरीदारी करने आते हैं। 135 वर्ष के इतिहास में इस बाजार ने कई उतार-चढ़ाव देखे।
समय के साथ शनै-शनै इस बाजार का विस्तार हुआ और किसी समय एक गली में सिमटा यह बाजार और करीब डेढ़ किमी क्षेत्रफल में फैला है। समय के साथ कदमताल करता बाजार आज पार्किंग और जाम की समस्या से जूझ रहा है।
इसलिए प्रसिद्ध है सियागंज
सियागंज अपने गुणवत्तापूर्ण किराना, मसाला और मेवों के लिए प्रसिद्ध है। यह वर्षों से मप्र का प्रमुख थोक बाजार रहा है। इंदौर और आसपास के 100-150 किमी क्षेत्र के व्यापारी यहां खरीदारी करने आते हैं। कई प्रमुख वस्तुएं उनके दाम यहां से खुलते हैं। इसका असर पूरे देश के बाजारों पर पड़ता है।
बाजार का इतिहास : कर मुक्त क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध था सियागंज
वर्ष 1891 में महाराजा शिवाजीराव होलकर के आदेश पर रेलवे स्टेशन के पास सियागंज मंडी स्थापित की गई थी। यह कर मुक्त क्षेत्र था। इस क्षेत्र विशेष में जो भी माल आता-जाता था, उस पर कोई कर नहीं लगाया जाता था, लेकिन निर्धारित क्षेत्र के बाहर माल ले जाने पर कर वसूला जाता था। यही वजह थी कि कुछ ही वर्षों में सियागंज क्षेत्र के प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित हो गया।
बाहर से आने वाले व्यापारी इस बाजार में अपना माल बेचते और यहीं से अपनी जरूरत की वस्तुएं खरीदकर ले जाते। इस व्यापार पर उन्हें कोई कर नहीं देना पड़ता था। शहर के व्यापारी भी रेल से अपना माल मंगवाकर सियागंज में बेच दिया करते थे। व्यापारियों के अलावा शहर के नागरिक भी यहीं से अपनी जरूरत का सामान खरीदते थे। कर मुक्त क्षेत्र होने की वजह से यहां वस्तुओं का मूल्य अन्य क्षेत्र की दुकानों के मुकाबले कम हुआ करता था।
इन समस्याओं से मिले निजात
- सियागंज में बड़ी संख्या में बाहर के व्यापारी आते हैं, लेकिन उनके जान-माल की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। बाजार में एकमात्र पुलिस चौकी है, जिस पर ज्यादातर ताला जड़ा रहता है।
- बाजार में रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है, बावजूद इसके सिर्फ एक सुविधाघर है। महिला सुविधाघर तो है ही नहीं।
- पार्किंग के लिए कोई योजना नहीं है। वाहन जहां-तहां खड़े रहते हैं। पूरे क्षेत्र में जाम लगा रहता है।
- समय के साथ बाजार में मिलावटी सामान की बिक्री भी होने लगी है। इससे बाजार की साख पर बट्टा लग रहा है। इस पर नियंत्रण जरूरी है।
- वर्षाकाल में जलजमाव की समस्या बहुत पुरानी है। इस वजह से तलघर में बनी दुकानों में रखा लाखों रुपये का माल हर साल खराब हो जाता है।
जाम से निजात मिले
हम चाहते हैं कि पार्किंग और जाम की समस्या से बाजार को निजात मिले। त्योहार के समय यहां पुलिस की गश्त शुरू की जाए, ताकि बाहर से आने वाले व्यापारियों के मन में सुरक्षा का भाव पैदा हो सके। सुविधाघर की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। – रमेश खंडेलवाल, अध्यक्ष, सियागंज व्यापारी एसोसिएशन
हम सहयोग के लिए तैयार
यातायात विभाग यहां की व्यवस्था सुधारने के लिए योजना तैयार करे तो हम सहयोग करने के लिए तैयार हैं। कम से कम वाहनों को पार्क करने के लिए लाइन डाल दें। थोक व्यापारियों के गोदाम अगर बाहर कर दिए जाएं तो भी जाम की समस्या से मुक्ति मिल सकती है। लोडिंग-अनलोडिंग की व्यवस्था सुधरना जरूरी है। – नईम पालवाला, मंत्री, सियागंज व्यापारी एसोसिएशन
सुविधाघर की सुविधा मिले
सुविधाघर की समस्या इस क्षेत्र की एक बड़ी समस्या है। रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इकलौता सुविधाघर है। इसकी नियमित सफाई भी नहीं होती है। अक्सर इसके बाहर कतार लगी होती है। क्षेत्र को एक बड़े सुविधाघर की दरकार है।- अनिल अग्रवाल, व्यापारी
लगाम कसना जरूरी
यह बाजार सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला बाजार है, लेकिन बाहर से आने वाले व्यापारियों की सुरक्षा का कोई इंतजाम यहां नहीं है। पुलिस नियमित गश्त नहीं करती। इस वजह से बाहर का व्यापारी इस बाजार से दूर होने लगा है। पुलिस की गश्त का इंतजाम किया जाना चाहिए। – राजीव कपूर, व्यापारी
व्यापारियों के संकल्प
- पार्किंग की समस्या हल करने में सहयोग करेंगे।
- माल की लोडिंग-अनलोडिंग सुबह और देर शाम के वक्त करेंगे, ताकि जाम न लगे।
- अपनी दुकानों के सामने सामान नहीं फैलाएंगे।
- दुकान के सामने डस्टबिन रखेंगे।
- बिजली के तारों को व्यवस्थित करवाएंगे।
- अपने और स्टाफ के वाहन दुकान के सामने खड़े नहीं करवाएंगे।
- रात में दुकान का कचरा सड़क पर नहीं फेंककर जाएंगे।
- यातायात विभाग द्वारा तय की गई वन-वे व्यवस्था का पालन करेंगे।
- मिलावटखोरों पर लगाम कसने में प्रशासन की मदद करेंगे।
- बाजार की साख बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
Source link
#Indore #Bazar #वरष #पहल #सथपत #इदर #क #सयगज #मरकट #आज #भ #तय #करत #ह #परदश #क #बजर #भव
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/indore-indore-bazar-indore-siyaganj-market-established-135-years-ago-still-decides-market-rates-of-the-state-8353911